प्रवासी डायड्रोमस मछलियाँ
स्रोत: डाउन टू अर्थ
एक हालिया अध्ययन ने दुर्लभ प्रवासी मछली प्रजातियों के आवासों की सुरक्षा के लिये समुद्री संरक्षित क्षेत्रों (Marine Protected Areas- MPA) की प्रभावशीलता के बारे में चिंता व्यक्त की है।
- अध्ययन में पाया गया कि इन संरक्षित क्षेत्रों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा लक्ष्य प्रजातियों के मूल आवासों के साथ संरेखित नहीं है, जिससे वर्तमान संरक्षण प्रयासों की प्रभावकारिता पर प्रश्न उठ रहे हैं।
डायड्रोमस मछली (Diadromous Fish) प्रजातियों के बारे में अध्ययन के निष्कर्ष क्या हैं?
- अध्ययन के बारे में:
- अध्ययन में 11 दुर्लभ और डेटा का अभाव डायड्रोमस मछली प्रजातियों की जाँच की गई। ये प्रजातियाँ लवणीय जल और स्वच्छ जल के वातावरण के बीच प्रवास करती हैं।
- निष्कर्ष:
- शोधकर्त्ताओं ने पाया कि इन प्रजातियों के लिये मॉडल किये गए मुख्य आवासों में से केवल 55% ही निर्दिष्ट MPA के साथ अतिव्याप्त थे।
- और इन संरक्षित क्षेत्रों में से केवल 50% में ही मछलियों की सुरक्षा के लिये उपाय किये गए थे।
- भूमध्यसागरीय ट्वाइट शाद (Mediterranean twaite shad) जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों में से 30% से भी कम का मूल निवास स्थान MPA के अंतर्गत था।
- यूरोपीय ईल (European Eel) और यूरोपीय स्मेल्ट (European Smelt) जैसी प्रजातियाँ, जिनके लगभग 70% मूल निवास स्थान MPA के अंतर्गत थे।
- शोधकर्त्ताओं ने पाया कि इन प्रजातियों के लिये मॉडल किये गए मुख्य आवासों में से केवल 55% ही निर्दिष्ट MPA के साथ अतिव्याप्त थे।
- मछलियों के सामने चुनौतियाँ:
- डायड्रोमस मछलियाँ (Diadromous Fish) अनेक प्रकार के मानवजनित दबावों जैसे कृषि और प्रदूषक अपवाह, आवास विनाश, प्रवास में बाधाएँ, मछली पकड़ना तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं।
- अपने जीवन चक्र के दौरान, ये मछलियाँ स्वच्छ जल और समुद्री आवासों के बीच प्रवास करती हैं और उनके प्रवास में आने वाली बाधाएँ, जैसे बाँध व अवरोधों (weirs and locks), उनके आवागमन को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
- मछलियाँ समुद्र के उत्तरी भागों की ओर बढ़ रही हैं जबकि गर्म पानी उन्हें ठंडे क्षेत्रों की ओर प्रवाहित कर रहा है।
- आवास की क्षति या भोजन की उपलब्धता में परिवर्तन जैसे कारकों के कारण इन मछलियों की दक्षिणी आबादी (Southern Populations) में उल्लेखनीय कमी आ रही है।
- उनके प्रवास का समय भी बदल रहा है, जिससे उनकी संतानों के जीवित रहने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है तथा उनके लिए भोजन प्राप्त करना अधिक कठिन हो सकता है।
डायड्रोमस मछलियाँ क्या हैं?
- परिचय:
- ये मछलियों का एक समूह है जो अपने पूरे जीवन में स्वच्छ जल और लवणीय जल के वातावरण के बीच प्रवास करते हैं।
- यह अनूठा जीवन चक्र उन्हें प्रत्येक आवास में उपलब्ध विभिन्न संसाधनों का लाभ उठाने की अनुमति देता है।
- प्रकार:
- एनाड्रोमस मछलियाँ: ये मछलियाँ अपना अधिकांश जीवन समुद्र में बिताती हैं, लेकिन अंडे देने के लिये स्वच्छ जल की नदियों और झरनों में लौट आती हैं।
- उदाहरण: सैल्मन (Salmon), ट्राउट (Trout) और शाद (Shad)।
- एनाड्रोमस मछलियाँ: ये मछलियाँ अपना अधिकांश जीवन समुद्र में बिताती हैं, लेकिन अंडे देने के लिये स्वच्छ जल की नदियों और झरनों में लौट आती हैं।
- कैटाड्रोमस मछली: ये मछलियाँ अपना अधिकांश जीवन स्वच्छ जल में बिताती हैं, लेकिन अंडे देने के लिये समुद्र की ओर पलायन करती हैं।
- उदाहरण: ईल (Eel)
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. हाल ही में हमारे वैज्ञानिकों ने केले के पौधे की एक नई और भिन्न जाति की खोज की है जिसकी ऊँचाई लगभग 11 मीटर तक जाती है और उसके फल का गूदा नारंगी रंग का हैं। यह भारत के किस भाग में खोजी गई है?(2016)
(a) अंडमान द्वीप
उत्तर: (a)
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