नई दिल्ली3 मिनट पहले
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एयरपोर्ट्स पर चेक-इन सिस्टम के काम न करने की वजह से पैसेंजर्स को लंबा इंतजार करना पड़ा।
दुनियाभर में शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट में क्राउडस्ट्राइक अपडेट के कारण कंप्यूटर सिस्टम प्रभावित होने के बाद अब बिजनेस और सर्विसेज धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं। हालांकि, अभी भी फ्लाइट ऑपरेशन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि सिस्टम पूरी तरह ठीक होने में कुछ समय लग सकता है।
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कंपनी क्राउडस्ट्राइक के CEO जॉर्ज कर्ट्ज ने परेशानी के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने प्रॉब्लम सॉल्व कर दी है, लेकिन सभी सिस्टम सामान्य रूप से चलने में कुछ समय लग सकता है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- क्राउडस्ट्राइक सभी प्रभावित कस्टमर्स और पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करना जारी रखे हुए है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सिस्टम बहाल हो जाएं।
क्राउडस्ट्राइक माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज बेस्ड सिस्टम्स के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है।
माइक्रोसॉफ्ट OS पर चलने वाले ज्यादातर कंप्यूटर्स की स्क्रीन नीली हुई थी
दरअसल, क्राउडस्ट्राइक की ओर से माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स को दिए गए एक सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण हुई यह दिक्कत आई थी। इससे माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले दुनियाभर के करोड़ों सिस्टम की स्क्रीन नीली हो गई और कंप्यूटर ऑटोमेटिक स्टॉर्ट होने लगा। दुनियाभर में एयरपोर्ट, फ्लाइट, ट्रेनें, हॉस्पिटल, बैंक, रेस्तरां, डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज, टीवी चैनल से लेकर सुपर मार्केट जैसी जरूरी सेवाएं रुक गईं।
दुनियाभर में कंप्यूटर ऑटोमेटिकली रिस्टार्ट होने लगे, स्क्रीन ब्लू हो गई
ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) एक क्रिटिकल एरर स्क्रीन है जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर दिखाई देती है।
दुनियाभर में 4295 फ्लाइट कैंसिल हुईं
माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर आई खराबी का सबसे ज्यादा असर एयरपोर्ट पर देखा गया। दुनियाभर में कल करीब 4,295 फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं। केवल अमेरिका में ही 1100 फ्लाइट रद्द और 1700 डिले हुईं। भारतीय समयानुसार इसका असर शुक्रवार सुबह 10:40 बजे दिखना शुरू हुआ था। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु समेत देश के बड़े एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी गई। ऑनलाइन सर्विसेज ठप होने से कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट बोर्डिंग पास हाथ से लिखकर दिए गए।
इतने व्यापक असर के चलते यह इतिहास का सबसे बड़ा आईटी संकट बन गया है। इसे ‘डिजिटल पैंडेमिक’ भी बताया जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, एपल और लाइनक्स के यूजर्स इससे प्रभावित नहीं हुए।
माइक्रोसॉफ्ट की तकनीकी समस्या के बाद यात्रियों को हाथ से लिखकर बोर्डिंग पास दिया गया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक X यूजर इसकी तस्वीर शेयर की थी।
एयरलाइन और एयरपोर्ट ऑपरेशन में माइक्रोसॉफ्ट का रोल
माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज सिस्टम एयरपोर्ट और इन फ्लाइट सर्विसेस के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
A. एयरपोर्ट पर माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम का रोल
- एयरपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम: माइक्रोसॉफ्ट एज्योर और डायनेमिक्स 365 पैसेंजर प्रोसेसिंग, बैगेज हैंडलिंग और फैसिलिटी मैनेजमेंट जैसे एयरपोर्ट मैनेजमेंट को देखते हैं।
- पैसेंजर एक्सपीरियंस: माइक्रोसॉफ्ट एज्योर और पावर ऐप्स की मदद से एयरपोर्ट यात्रियों के लिए मोबाइल ऐप बनाते हैं। इससे पैसेंजर्स को उड़ान की जानकारी, चेक-इन और एयरपोर्ट पर नेविगेशन की जानकारी मिलती है।
- सिक्योरिटी और सर्विलांस: माइक्रोसॉफ्ट एज्योर और AI-पावर्ड कैमरा सिक्योरिटी मॉनिटरिंग और इंसिडेंट रिस्पांस के लिए काम करते हैं।
- डेटा एनालिटिक्स: माइक्रोसॉफ्ट-पावर्ड BI और एज्योर पैसेंजर ट्रैफिक पर डेटा की जानकारी, फ्लाइट में देरी और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस की जानकारी देते हैं।
B. इन-फ्लाइट ऑपरेशन में माइक्रोसॉफ्ट का रोल
- इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट: माइक्रोसॉफ्ट एज्योर और विंडोज फ्लाइट के दौरान पैसेंजर्स के डिवाइस पर एंटरटेनमेंट कंटेंट्स प्रोवाइड करते हैं।
- क्रू टैबलेट: माइक्रोसॉफ्ट सर्फेस टैबलेट, विंडोज और एविएशन ऐप रन करते हैं। इससे फ्लाइट अटेंडेंट पैसेंजर सर्विस को मैनेज करते हैं।
कंप्यूटर पर ब्लू स्क्रीन कब दिखाई देती है?
ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ एक सीरियस एरर स्क्रीन है, जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर दिखाई देती है। ऐसा तब होता है, जब सिस्टम किसी सीरियस इश्यू के चलते क्रैश हो जाता है। इस मैसेज के मायने हैं कि सिस्टम सुरक्षित रूप से काम नहीं कर सकता है। इस एरर पर कंप्यूटर अपने आप रीस्टार्ट होने लगता है और डेटा लॉस की आशंका बढ़ जाती है।