Afcons infrastructure limited IPO, price band, date, lot size and all details, MD Paramasivan Srinivasan interview | अटल-टनल बनाने वाली एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर का ₹5,430 करोड़ का IPO: कंपनी के पास ₹19,000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट्स, MD परमसिवन और कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी हेड हितेश का इंटरव्यू Hindi NewsBusinessAfcons Infrastructure Limited IPO, Price Band, Date, Lot Size And All Details, MD Paramasivan Srinivasan Interviewभोपाल1 घंटे पहलेलेखक: प्रवेश कुमार जैनकॉपी लिंकअटल टनल और चिनाब ब्रिज बनाने वाली कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का ₹5,430 करोड़ का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए 25 अक्टूबर से ओपन हो गया है। यह IPO 29 अक्टूबर को क्लोज होगा और इसकी लिस्टिंग 4 नवंबर को होगी।IPO की लिस्टिंग से पहले दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के MD परमसिवन श्रीनिवासन और कंपनी के कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी हेड हितेश कुमार सिंह ने कंपनी और IPO से जुड़ी कई बातें शेयर कीं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…कंपनी ने कब सोचा की IPO लाना चाहिए और क्यों, इश्यू से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहां होगा?हितेश कुमार सिंह ने कहा- कंपनी लगातार ग्रो कर रही है और उसकी आगे ग्रोथ के लिए फंड्स की रिक्वायरमेंट्स है। इस वजह से हम ₹5,430 करोड़ रुपए का IPO लेकर आए हैं। फ्रेश इश्यू के जरिए कंपनी के पास 1,250 करोड़ रुपए आएंगे। इसमें से 800 करोड़ रुपए से कंपनी का कर्ज चुकाया जाएगा, जिससे हमारा इंटरेस्ट रेट कम हो जाएगा।वहीं 300 करोड़ रुपए वर्किंग कैपिटल में इस्तेमाल किया जाएगा। बाकी बचा पैसा नई मशीन-इक्विपमेंट्स और अदर रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने में जाएगा। वहीं 4,180 करोड़ रुपए हमारे प्रमोटर्स शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के पास जाएंगे। शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप ने भी कुछ कर्ज ले रखा है, तो वह इस फंड का इस्तेमाल वेंडर्स और बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए करेगा।IPO के बाद प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कितनी रहेगी और अभी कंपनी की ऑर्डर बुक कितने की है?परमसिवन श्रीनिवासन ने बताया- IPO के बाद भी प्रमोटर्स मेजोरिटी शेयरहोल्डर्स बने रहेंगे। अभी कंपनी में प्रमोटर्स की 99.48% की हिस्सेदारी है। मार्च 2024 तक हमारी पेंडिंग ऑर्डर बुक करीब 31,000 करोड़ रुपए की है। वहीं इस साल 1 अप्रैल 2024 से लेकर अब तक कंपनी को 19,000 करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट्स मिले हैं।एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के MD परमसिवन श्रीनिवासन।IPO का साइज ₹7,000 करोड़ से घटाकर ₹5,430 करोड़ क्यों किया गया?हितेश कुमार सिंह ने बताया- पहले हमारे IPO का साइज 7,000 करोड़ रुपए था। फिर इसका साइज ₹5,430 करोड़ रुपए किया गया। इसका कारण यह है कि IPO लाने से पहले देश और विदेश के कई बड़े इन्वेस्टर्स ने सेकंडरी सेल के जरिए कंपनी के करीब 2,970 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं, तो इस वजह से इश्यू साइज कम हो गया है।कंपनी से जुड़ी खास बात जो आप इन्वेस्टर्स को बताना चाहें?एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के सारे सेक्टर्स में काम करने वाली कंपनियों में से एक है। कंपनी का लगभग 30% टर्नओवर इंटरनेशनल मार्केट से आता है। पिछले 11 साल 3 महीने में कंपनी ने 17 अलग-अलग देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर के करीब 79 प्रोजेक्ट्स किए हैं। IPO से आने वाले फंड से कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा।अटल टनल-चिनाब ब्रिज के बाद कंपनी के पास कौन से बड़े प्रोजेक्ट हैं?हितेश कुमार सिंह ने बताया- ‘एफकॉन्स ने चिनाब ब्रिज, अटल टनल जैसे देश-विदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट्स किए हैं। कंपनी बड़े और टाइम पर प्रोजेक्ट्स करने के लिए जानी जाती है। हमारी कंपनी देश की इंफ्रास्ट्रक्चर स्टोरी को आगे बढ़ाने के लिए डेडिकेटेड है। हमारी कंपनी का फोकस हमेशा बड़े और कॉम्पलेक्स प्रोजेक्ट्स करने पर होता है।अटल टनल दुनिया का सबसे लंबा हाईवे है, जो समुद्र तल से 3,000 मीटर ऊपर बना है। यह हाईवे 9.02 किलोमीटर लंबा है, जो हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बना है। PM नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को इसका उद्घाटन किया था।चिनाब रेलवे ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे ब्रिज है। यह चिनाब नदी से 1,178 फीट की ऊंचाई पर है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर के जम्मू मंडल के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच बना है। PM मोदी ने 20 फरवरी 2024 को इसका उद्घाटन किया था।अभी हम बॉम्बे से अहमदाबाद एक हाई स्पीड रेल यानी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में बांद्रा से ठाणे तक करीब 21 किलोमीटर की टनल बन रही है और यह पूरा काम हमारी कंपनी कर रही है। प्रोजेक्ट की एक खास बात यह भी है कि इस 21 किलोमीटर की टनल में से करीब 7 किलोमीटर की टनल समुद्र के नीचे बनाई जाएगी।इसी तरह हम मालदीव में एक 500 मिलियन डॉलर यानी 4,205 करोड़ रुपए का एक प्रोजेक्ट कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में हम चार आइलैंड्स को जोड़ेंगे। यह एक स्ट्रेटेजिक प्रोजेक्ट है। मालदीव का यह अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। देश-विदेश में कंपनी इसी तरह के चैलेंजिंग प्रोजेक्ट्स कर रही है।’एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी हेड हितेश कुमार सिंह।लोकल और ग्लोबल मार्केट में क्या अपॉचुर्निटीज और चैलेंजेस हैं?MD परमसिवन श्रीनिवासन ने कहा- हमारे ज्यादातर प्रोजेक्ट्स भारतीय सरकार या अन्य सरकार द्वारा फंडेड होते हैं। फंडिंग में हमे चैलेंज नहीं आता है। हालांकि, कई बार हमें देश से दूसरी कंट्री में मटेरियल ले जाना होता है, तो कोविड या वॉर जैसी कंडीशंस में लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन इम्पैक्ट हो जाती हैं। विदेश में काम करने में यही एक बड़ी प्रॉब्लम कभी-कभी आती है, इसके अलावा ऐसी कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं होती है।लोकल और ग्लोबल मार्केट में से ज्यादा बिजनेस कहां से आता है?हमारा 70% बिजनेस इंडिया से जनरेट होता है, बाकी 30% इंटरनेशनल से आता है। इस 30% बिजनेस में से 20% मल्टीलेटरल फंडिंग और 10% प्राइवेट क्लाइंट्स से जनरेट होता है। जैसे कि, हम रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ पिछले 25 साल से काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम मल्टीनेशनल कंपनी आर्सेलर मित्तल के साथ भी पिछले 13-14 साल से काम कर रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर की ऐसी ही बड़ी-बड़ी कंपनी के साथ हम काम करते हैं।कंपनी के 5 वर्टिकल्स में से कौन से बिजनेस से सबसे ज्यादा रेवेन्यू आता है?31 मार्च 2024 तक हमारा 31,000 करोड़ रुपए का बिजनेस रहा था। उसमें से करीब 37% बिजनेस अंडरग्राउंड और एलिवेटेड यानी मेट्रो बिजनेस, 28% हाइड्रो बिजनेस, 10% रेल रूट बिजनेस, 9% मरीन बिजनेस और 6% ऑयल एंड गैस बिजनेस से आता है।अगर आप भी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के IPO में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको इश्यू की सभी डीटेल्स और आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं, यह भी बता रहे हैं…IPO में 29 अक्टूबर तक इन्वेस्ट कर सकते हैं रिटेल इन्वेस्टर्सएफकॉन्स इस पब्लिक इश्यू के जरिए 11.72 करोड़ से ज्यादा शेयर्स बेचकर ₹5,430 करोड़ जुटाना चाहती है। कंपनी IPO से जुटाए जाने वाले इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट्स को खरीदने, लॉन्ग टर्म कैपिटल रिक्वायरमेंट्स और जनरल कॉर्पोरेट परपज को पूरा करने के लिए करेगी।कंपनी के IPO में रिटेल इन्वेस्टर्स 29 अक्टूबर 2024 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। कंपनी ने IPO का प्राइज बैंड ₹440-₹463 प्रति इक्विटी शेयर तय किया है।BSE-NSE पर 4 नवंबर को कंपनी के शेयर्स की लिस्टिंग होगीएफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों का अलॉटमेंट 30 अक्टूबर 2024 को होगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर 4 नवंबर को शेयर्स की लिस्टिंग होगी।एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर का IPO फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल का कॉम्बिनेशनएफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर का यह IPO फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) का कॉम्बिनेशन है। फ्रेश इश्यू के जरिए कंपनी 1,250 करोड़ रुपए की वैल्यू के 2.7 करोड़ शेयर्स बेचेगी।वहीं कंपनी के एक्जिस्टिंग शेयरहोल्डर्स और प्रमोटर्स OFS यानी ऑफर फॉर सेल के जरिए अपने 4,180 करोड़ रुपए की वैल्यू के 9.03 करोड़ शेयर्स बेचेंगे। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 17,026 करोड़ रुपए है।इश्यू के पहले प्रमोटर्स की कंपनी में 99.48% हिस्सेदारीकंपनी के प्रमोटर्स में गोस्वामी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और फ्लोरेट इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है। इश्यू के पहले प्रमोटर्स की कंपनी में 99.48% हिस्सेदारी है।रिटेल इनवेस्टर्स मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?इस IPO के लिए रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 32 शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹463 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो आपको ₹14,816 का इन्वेस्टमेंट करना होगा। वहीं रिटेल इनवेस्टर्स IPO के मैक्सिमम 13 लॉट यानी 416 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। जिसके लिए इनवेस्टर्स को मैक्सिमम ₹192,608 का इन्वेस्टमेंट करना होगा।कंपनी के इश्यू का 35.35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्वकंपनी के इश्यू का करीब 28.79% हिस्सा एंकर इन्वेस्टर्स और 20.2% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा करीब 35.35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और लगभग 15.15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। वहीं कंपनी के एम्प्लॉइज के लिए 0.52% हिस्सा रिजर्व रखा गया है।एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड क्या काम करती है?एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर 1959 में बनी थी। यह शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी है। कंपनी एशिया, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में ग्लोबली प्रेजेंट है। कंपनी के 5 मेजर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस वर्टिकल हैं- मरीन एंड इंडस्ट्रियल, सरफेस ट्रांसपोर्ट, ऑयल एंड गैस, हाइड्रो एंड अंडरग्राउंड और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर।मरीन एंड इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में पोर्ट्स, हार्बर जेटीज, ड्राय डॉक्स, वेट बेसिन्स, ब्रेकवाटर्स, आउटफॉल एंड इनटेक स्ट्रक्चर, लिक्विफाइड नेचुरल गैस टैंक्स और मटेरियल हैंडलिंग सिस्टम शामिल हैं।सरफेस ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट्स में हाईवेज, रोड्स, इंटरचेंजेज, माइनिंग-रिलेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवेज शामिल हैं।अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में एलिवेटेड एंड अंडरग्राउंड मेट्रो वर्क्स, ब्रिजेस, फ्लाईओवर्स और एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं।हाइड्रो एंड अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट्स में डैम्स, बैराजेस, टनल्स एंड अंडरग्राउंड वर्क्स, वाटर और इरिगेशन शामिल हैं।ऑयल एंड गैस प्रोजेक्ट्स में दोनों ऑफशोर एंड ऑनशोर ऑयल और […]