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मुंबई2 दिन पहले
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टी प्रोड्यूसर कंपनियों के शेयरों में मंगलवार (9 जुलाई) को तेजी देखने को मिली। आज बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, मैक्लियोड रसेल, जयश्री टी एंड इंडस्ट्रीज और रॉसेल इंडिया जैसी प्रमुख चाय कंपनियों के शेयरों में 10% से ज्यादा की तेजी रही।
दरअसल, असम और अन्य चाय उत्पादक क्षेत्र कटाई के मौसम के दौरान बाढ़ और गर्म लहरों यानी हीट वेव्स से प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते प्रोडक्शन में कमी आई है। इस वजह से ही चाय की कीमतों और सभी टी प्रोड्यूसर कंपनियों के शेयरों में यह तेजी आई है।
इससे संकटग्रस्त भारतीय चाय इंडस्ट्री को सहारा मिल सकता है। टी प्रोड्यूसर्स पिछले 10 सालों से बढ़ती प्रोडक्शन कॉस्ट और चाय की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी से जूझ रहे हैं।
असम में जारी बाढ़ के कारण उत्पादन में कमी आ रही
सीनियर टी प्लांटर और इंडियन टी बोर्ड के पूर्व चेयरमैन प्रभात बेजबोरुआ ने कहा, ‘अत्यधिक मौसमी घटनाएं चाय उत्पादन को नुकसान पहुंचा रही हैं। मई में अत्यधिक गर्मी और उसके बाद असम में जारी बाढ़ के कारण उत्पादन में कमी आ रही है। केंद्र सरकार द्वारा 20 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने से भी उत्पादन प्रभावित हुआ है।’
बॉम्बे बर्मा का शेयर 16% बढ़कर 2,344 रुपए पर बंद
बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन का शेयर 16% से ज्यादा की तेजी के साथ 2,344 रुपए पर बंद हुआ। वहीं मैक्लियोड रसेल का शेयर 10% बढ़कर 32.24 रुपए और रॉसेल इंडिया का शेयर 9.04% की तेजी के साथ 624 रुपए पर बंद हुआ।
जयश्री टी का शेयर 8.18% बढ़कर 122 रुपए पर
वहीं जयश्री टी एंड इंडस्ट्रीज का शेयर 8.18% की तेजी के साथ 122 रुपए पर बंद हुआ। जयश्री दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी टी प्रोड्यूसर कंपनी है। इसके अलावा बी एंड ए लिमिटेड, जेम्स वॉरेन, कैन्को टी और टायरून टी कंपनी के शेयरों में भी तेजी देखने को मिली।
मई में भारत का चाय उत्पादन 30% से ज्यादा घटा
मई में भारत का चाय उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 30% से ज्यादा घटकर 90.92 मिलियन यानी 9.09 करोड़ किलोग्राम रह गया। यह अत्यधिक गर्मी और अल्प वर्षा के कारण एक दशक से ज्यादा समय में इस महीने का सबसे निचला स्तर है।
असम में बाढ़ से 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
देश का आधे से ज्यादा टी प्रोडक्शन पूर्वोत्तर राज्य असम में होता है। असम में जुलाई में नदी में आई भीषण बाढ़ से 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
अप्रैल में गर्मी के कारण उत्पादन में कमी आई थी
कोलकाता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी कल्याण सुंदरम ने बताया कि अप्रैल में अच्छी मांग के बावजूद भीषण गर्मी के कारण उत्पादन में कमी आने के बाद चाय की कीमतों में तेजी शुरू हुई है।
चाय की कीमतें बढ़कर 217.53 रुपए प्रति किलोग्राम हुई
टी बोर्ड के डेटा के अनुसार, जून के आखिरी सप्ताह में एवरेज चाय की कीमतें बढ़कर 217.53 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 20% ज्यादा है।
जुलाई में बाढ़ से असम के कई जिलों में चाय की हार्वेस्टिंग कम हुई
जोरहाट के एक चाय बागान मालिक ने बताया कि अच्छी बारिश के कारण जून में चाय उत्पादन में सुधार हुआ, लेकिन जुलाई में फिर से बाढ़ आने से असम के कई जिलों में चाय की हार्वेस्टिंग कम हो गई है।
2024 में उत्पादन में 10 करोड़ किलोग्राम की गिरावट आ सकती है
बेजबोरुआ ने कहा कि भारत ने 2023 में रिकॉर्ड 1.39 बिलियन यानी 139 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन किया, लेकिन 2024 में उत्पादन में लगभग 100 मिलियन यानी 10 करोड़ किलोग्राम की गिरावट आ सकती है।
उत्पादन में कमी के कारण कीमतों में वृद्धि होनी चाहिए
कोलकाता के एक व्यापारी ने कहा कि उत्पादन में कमी के कारण कीमतों में वृद्धि होनी चाहिए। हालांकि, वित्तीय रूप से कमजोर और कर्ज में डूबे उत्पादकों को उत्पादन के चरम महीनों में खरीदारों के साथ मोलभाव करने में कठिनाई हो रही है।