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- Mcap Of 8 Most valued Firms Jumps Rs 1.83 Lakh Crore, TCS And Infosys Biggest Gainers
नई दिल्ली5 दिन पहले
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पिछले हफ्ते के कारोबार में देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 का कंबाइन मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.83 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। इनमें TCS को सबसे ज्यादा मुनाफा हुआ है। इसका मार्केट कैप ₹38,894 करोड़ बढ़कर 14.51 लाख करोड़ हो गया है।
इंफोसिस का मार्केट कैप ₹33,320 करोड़ बढ़कर ₹6.83 लाख करोड़ हो गया है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप ₹32,611 करोड़ बढ़कर ₹21.51 लाख करोड़ हो गया है।
इसके अलावा ICICI बैंक, LIC, HUL, ITC और SBI की मार्केट वैल्यू बढ़ी है। जबकि, HDFC बैंक और भारती एयरटेल की मार्केट वैल्यू घटी है।
HDFC बैंक का मार्केट कैप ₹26,970 करोड़ घटा
HDFC बैंक का मार्केट कैप ₹26,970 करोड़ घटकर ₹12.53 लाख करोड़ रहा। वहीं भारती एयरटेल का मार्केट कैप ₹8,735 करोड़ घटकर ₹8.13 लाख करोड़ पर आ गया।
पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 0.95% की तेजी रही
पिछले पूरे कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स में 0.95% की तेजी रही। निफ्टी में भी 0.08% की तेजी रही थी। वहीं हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार यानी 5 जुलाई को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली थी।
सेंसेक्स 53 अंक की गिरावट के साथ 79,996 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी में 21 अंक की तेजी रही, ये 24,323 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयर में से 17 में तेजी और 13 में गिरावट देखने को मिली थी।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।