Masik Shivratri 2024: इस दिन पड़ रही है चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि, जानिए तिथि और पूजा विधि


शिवरात्रि के मासिक व्रत का बहुत धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Sun, 31 Mar 2024 05:07 PM (IST)

Updated Date: Sun, 31 Mar 2024 05:07 PM (IST)

Masik Shivratri 2024

HighLights

  1. इस साल यह व्रत 7 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा।
  2. भगवान शिव की पूजा से जुड़े कुछ जरूरी नियमों का पालन जरूर करें।
  3. पूजा में बेलपत्र अवश्य शामिल करें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Masik Shivratri 2024: ज्योतिष शास्त्र में मासिक शिवरात्रि के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस साल यह व्रत 7 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा से जुड़े कुछ जरूरी नियमों का पालन जरूर करें।

मासिक शिवरात्रि व्रत महत्व

शिवरात्रि के मासिक व्रत का बहुत धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाए और उनके निमित्त व्रत रखा जाए, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि बहुत ही शुभ दिन है, इस अवसर पर कई प्रकार के धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा इस दिन शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक किया जाता है। कहा जाता है कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा से संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए यह व्रत करना चाहिए।

मासिक शिवरात्रि पूजन विधि

  • इस शुभ अवसर पर भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और पवित्र स्नान करते हैं।
  • सुबह उठते ही व्रत करने का संकल्प लें।
  • एक वेदी को स्थापित कर उसे विधि-विधान से सजाएं।
  • इसके बाद शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें।
  • उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।
  • शिव जी को सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
  • माता पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • गाय के घी का दीपक जलाएं।
  • खीर का भोग लगाएं।
  • सफेद पुष्पों की माला अर्पित करें।
  • पूजा में बेलपत्र अवश्य शामिल करें।
  • पूजा के दौरान हल्दी, तुलसी और केतकी के फूल का प्रयोग न करें।
  • शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा का पाठ करें।
  • आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
  • अगली सुबह शिव प्रसाद से अपना व्रत खोलें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni



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