मैत्री सेतु
स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स
मैत्री सेतु, जिसे भारत-बांग्लादेश मैत्री पुल के रूप में भी जाना जाता है, यह सितंबर तक खुल जाएगा, जो भारत के स्थल-रुद्ध पूर्वोत्तर को बंगाल की खाड़ी से जोड़ेगा।
मैत्री-सेतु की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय:
- 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल सबरूम (त्रिपुरा में) को रामगढ़ (बांग्लादेश में) के साथ जोड़ता है।
- मैत्री सेतु का निर्माण फेनी नदी पर किया गया है, जो भारत (त्रिपुरा में) और बांग्लादेश के बीच सीमा का काम करती है।
- ‘मैत्री सेतु’ नाम भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों में हो रही वृद्धि का प्रतीक है।
- यह एकल-स्पैन संरचना वाला एक पूर्व-तनावयुक्त कंक्रीट पुल है जो सुचारु यातायात और माल प्रवाह को सुगम बनाता है।
- इस पुल के निर्माण को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (National Highways and Infrastructure Development Corporation- NHIDCL) द्वारा किया गया है।
- NHIDCL एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है जिसकी स्थापना वर्ष 2014 में भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों और सामरिक सड़कों के विकास तथा रखरखाव के लिये की गई थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ( Ministry of Road Transport and Highways- MoRTH) की नोडल एजेंसी के रूप में काम करती है।
- महत्त्व:
- इस पुल के माध्यम से माल की आवाजाही रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि बांग्लादेश का चटगाँव बंदरगाह त्रिपुरा के सबरूम के बीच की दूरी मात्र 80 किमी. है।
- यह पुल भारत को बांग्लादेश के चटगाँव और मोंगला बंदरगाहों के माध्यम से पश्चिम बंगाल से पूर्वोत्तर भारत तक माल परिवहन करने में केंद्रीय भूमिका निभाएगा।
- यह दोनों देशों के बीच एक नए व्यापार गलियारे के रूप में काम करेगा, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में मदद मिलेगी। यह भारत के पूर्वोत्तर और बांग्लादेश के बीच लोगों के बीच संपर्क को भी बढ़ाएगा।
- बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अभिन्न अंग है।
- मैत्री सेतु पुल के पूरा होने से बांग्लादेश के साथ भारत के सामरिक संबंधों के साथ-साथ द्विपक्षीय व्यापार भी मज़बूत होगा।
- कोलकाता से चटगाँव तक का नया समुद्री मार्ग माल की आवाजाही के लिये सबसे तीव्र रास्ता उपलब्ध कराएगा तथा सितवे बंदरगाह-कलादान मार्ग का एक विकल्प होगा।
फेनी नदी के बारे में मुख्य तथ्य
- यह नदी दक्षिण त्रिपुरा ज़िले से निकलती है, भारत के सबरूम शहर से होकर गुज़रती है और बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
- यह नदी अपने उद्गम से बंगाल की खाड़ी तक 116 किलोमीटर लंबी है।
- फेनी नदी की कुछ उल्लेखनीय सहायक नदियों में मुहुरी नदी, रैडक नदी, चादखीरा नदी, रियांग नदी और कुशियारा नदी शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. तीस्ता नदी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल 1 और 3
उत्तर: (b)
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