मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का विधि पूर्वक अभिषेक किया जाए, तो महादेव प्रसन्न होते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Tue, 05 Mar 2024 01:33 PM (IST)
Updated Date: Thu, 07 Mar 2024 09:41 PM (IST)
HighLights
- इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च को पड़ रही है।
- इसी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- महाशिवरात्रि पर विधिपूर्वक भगवान शिव का अभिषेक करें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Maha Shivratri Jal Abhishek Time 2024: महाशिवरात्रि का त्योहार शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास दिन होता है। हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च को पड़ रही है। धार्मिक मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का विधि पूर्वक अभिषेक किया जाए, तो महादेव प्रसन्न होते हैं। आइए, जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त और विधि क्या है।
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Mahashivratri Jal Abhishek Muhurat)
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 9 मार्च 2024 को शाम 6:17 बजे समाप्त होगी। ऐसे में महाशिवरात्रि व्रत 8 मार्च को रखा जाएगा।
प्रथम प्रहर पूजा समय – 8 मार्च शाम 06.25 से रात्रि 09.28 तक।
दूसरे प्रहर पूजा समय – रात्रि 09.28 से 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 तक।
तीसरे प्रहर पूजा समय – 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 से प्रातः 03.34 तक।
चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 9 मार्च को ही प्रातः 03.34 से सुबह 06.37 तक।
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री
दही, दूध, शहद, घी, जल, गंगा जल, अक्षत, मोली, चंदन, बिल्वपत्र, सुपारी, पान, फूल, फल, मिठाई, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, पानी वाला नारियल, पीली सरसों, गन्ने का रस, तिल, इलायची, जौ, रुद्राक्ष आदि चीजें।
ऐसे करें शिवलिंग का अभिषेक
- महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर महादेव का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें।
- स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- अब दही, दूध, शहद, घी और गंगाजल को मिलाकर मंदिर में या घर पर ही शिवलिंग का अभिषेक करें।
- इसके बाद अक्षत, मोली, चंदन, बिल्व पत्र, सुपारी, पान के पत्ते, फल, फूल और नारियल जैसी विशेष चीजें अर्पित करें।
- अब घी का दीपक जलाएं और महादेव की आरती करें।
- इसके बाद विशेष मंत्रों का जाप करें।
- अंत में फल, मिठाई आदि अर्पित करें।
- इसके बाद प्रसाद को लोगों में बांट दें।
डिसक्लेमर
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