बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी घटकर 2 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। बाजार हिस्सेदारों ने कहा कि सरकार द्वारा व्यय बढ़ाए जाने के कारण ऐसा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को व्यवस्था में नकदी की कमी सुधरकर 88,698 करोड़ रुपये रह गई है। इसके पहले 15 दिसंबर, 2023 को बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे आई थी।
बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि अब नकदी की स्थिति में संभवतः अतिरिक्त सुधार नहीं आएगी क्योंकि इस महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये कर जमा किया जाना है।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘सरकार के खर्च के कारण नकदी सुधरी है, मार्च से ऐसा होने की उम्मीद थी।’ उन्होंने कहा कि कर जमा किए जाने तक इस स्तर तक नकदी बनी रह सकती है, जो 1.25 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है।
मुद्रा बाजार के डीलरों का कहना है कि केंद्रीय बैंक कम अवधि के वैरिएबल रेट रीपो नीलामी और वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो नीलामी के माध्यम से जरूरत के मुताबिक हस्तक्षेप जारी रखेगा।
मनी मार्केट रेट, औसतन रीपो रेट के नजदीक रहती हैं, जो बढ़कर मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट के करीब पहुंच गई थीं। इस बात की भी संभावना है कि रिजर्व क व्यवस्था से नकदी निकाल सकता है, अगर मनी मार्केट रेट गिरकर रीपो रेट के नीचे आती है। रीपो रेट इस समय 6.5 प्रतिशत है।शुक्रवार को वेटेड एवरेज मनी मार्केट रेट 6.54 प्रतिशत था।
एक सरकारी बैंक में मनी मार्केट डीलर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक नीलामी जारी रख सकता है, लेकिन यह छोटी राशि और कम अवधि के लिए होगी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वे व्यवस्था में 1 लाख करोड़ रुपये के करीब कमी बनाए रखेंगे।’
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने मौद्रिक नीति के बयान में नकदी की स्थिति के बारे में विस्तार से कहा था। उन्होंने कहा कि बाहरी वजहें इसके लिए जिम्मेदार हैं और साथ ही उम्मीद जताई थी कि केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप के बाद निकट भविष्य में स्थिति सुधर जाएगी।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक नकदी की स्थिति के प्रबंधन को लेकर चुस्त और समय के मुताबिक कदम उठाते हुए रीपो और रिवर्स रीपो दोनों का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक कम अवधि और ज्यादा अवधि दोनों के मुताबिक नकदी की स्थिति के प्रबंधन के लिए विवेकपूर्ण कदम उठाएगा, जिससे यह सुनिश्चचित हो सके कि वित्तीय स्थायित्व को बनाए रखते हुए मुद्रा बाजार की ब्याज दरें व्यवस्थित रहें।
First Published – March 1, 2024 | 9:59 PM IST