Menu
Call us
Whatsapp
Call us
Whatsapp
Menu
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
Home न्यूज़

नींद की कमी से बढ़ जाता है डयबिटीज का जोखिम – Neend ki kami se badh jata hai diabetes ka jokhim

bareillyonline.com by bareillyonline.com
21 September 2024
in न्यूज़
4 0
0
6
SHARES
35
VIEWS
WhatsappFacebookTwitterThreads

[ad_1]

एक बेहद महत्वपूर्ण स्टडी सामने आई है, जिसमें रात को देर तक जागने और सुबह देर से उठने की आदत को डायबिटीज के बढ़ते आकड़ों के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। नींद की कमी से उनमें डायबिटीज सहित कई अन्य बिमारियों का खतरा विकसित हो सकता है।

टाइप 2 डायबिटीज भारत में सबसे आम गैर-संचारी रोगों में से एक है। देश में 100 मिलियन से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। डायबिटीज के बढ़ते आकड़ों को देखते हुए भारत को डायबिटीज का कैपिटल घोषित कर दिया गया है। डायबिटीज के बढ़ते आकड़ों के पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, विशेष रूप से खानपान की गलत आदत, अस्वस्थ जीवनशैली, तनाव आदि इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। वहीं एक बेहद महत्वपूर्ण स्टडी सामने आई है, जिसमें रात को देर तक जागने और सुबह देर से उठने की आदत को डायबिटीज के बढ़ते आकड़ों के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।

आजकल ज्यादातर लोगों में रात को देर से सोने की आदत विकसित हो गई है। पर इनमें से बहुत से ऐसे भी लोग हैं, जो देर रात सोते हैं और सुबह ऑफिस के लिए जल्दी उठ जाते हैं, जिसकी वजह से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। नींद की कमी से उनमें डायबिटीज (late sleeping side effect) सहित कई अन्य बिमारियों का खतरा विकसित हो सकता है। मुजामिल सुलतान, सीनियर रजिस्ट्रार–क्रिटिकल केयर मेडिसिन– मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम ने देर रात जागने वालों में बढ़ते ब्लड शुगर से जुडी कुछ जरुरी बातें बताई हैं, साथ ही शोध भी इस बात का समर्थन करता है (late sleeping side effect)।

देर से सोने और डायबिटीज के जोखिम पर क्या कहता है शोध (late sleeping side effect)

नीदरलैंड के लीडेन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉ. जेरोन वैन डेर वेल्डे के नेतृत्व में किए गए इस रिसर्च में नींद के समय, बॉडी फैट और डायबिटीज के जोखिम के बीच संबंध पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह एक पुरानी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन (पेनक्रियाज में जारी एक हार्मोन) का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है। यह अक्सर मोटापा, शारीरिक सक्रियता और खराब आहार से जुड़ा होता है।

Diabetes ke kaaran bana rehta hai heart attack ka khtra
ब्लड शुगर लेवल अधिक रहता है या फिर जो हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार है। उन्हें छाती में दर्द महसूस होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

इस स्टडी में नीदरलैंड एपिडेमोलॉजी साइंस के ओबेसिटी के अध्ययन में 5,000 से अधिक लोगों के डेटा को शामिल किया गया। इस स्टडी में पार्टिसिपेंट्स की औसत आयु 56 वर्ष थी, सभी ने अपनी नींद की आदतों के बारे में डिटेल में बताया, जिसका उपयोग उन्हें प्रारंभिक, मध्यवर्ती और लेट क्रोनोटाइप समूहों (प्राकृतिक नींद-जागने के पैटर्न) में बांटने के लिए किया गया था।

3 तरह के होते हैं लोगों में स्लीप पैटर्न

अर्ली क्रोनोटाइप: वैसे लोग जो जल्दी जागना और समय से बिस्तर पर जाना पसंद करते हैं।
इंटरमीडिएट क्रोनोटाइप: संतुलित नींद का शेड्यूल रखते हैं, न तो जल्दी और न ही देर से।
लेट क्रोनोटाइप: देर तक जागना और सुबह देर से जागना पसंद करते हैं।

यह भी पढ़ें

Weekend Sleep : दिल-दिमाग दुरूस्त रखती है वीकेंड स्लीप, तो आज जी भरकर सोएं

स्टडी में सभी लोगों के बीएमआई, कमर के शेप और बॉडी फैट के स्तर को भी मापा गया, जबकि प्रतिभागियों के एक उपसमूह में आंत और लिवर फैट का आकलन करने के लिए एमआरआई स्कैन का उपयोग किया गया।

यह भी पढ़ें : Diabetes Diet: इन टिप्स को फाॅलो कर कोई भी कर सकता है डायबिटीज कंट्रोल

लेट क्रोनोटाइप वाले लोगों में इंटरमीडिएट समूह की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का 46% अधिक जोखिम पाया गया, यहां तक ​​कि उम्र, शारीरिक गतिविधि और नींद की गुणवत्ता जैसे कारकों को एडजस्ट करने के बाद भी। उनका बीएमआई भी अधिक था, कमर बड़ी थी, और आंत और लिवर में फैट की मात्रा बढ़ी हुई दिखाई दी ।

अब जानते हैं इस पर क्या है एक्सपर्ट की राय

डॉ मुजामिल सुलतान के अनुसार “पोषण और व्यायाम जैसे जीवनशैली कारकों को नियंत्रित करने के बाद भी, देर से सोने वाले लोगों में डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है। नींद के शेड्यूल का मेटाबॉलिज्म स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। सर्कैडियन रिदम, जो इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होती है, वहीं देर से सोने के पैटर्न से यह परेशान हो सकती है। इस गड़बड़ी के परिणामस्वरूप इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ सकता है और ग्लूकोज सहनशीलता में कमी आ सकती है।”

late night snacking and weight loss
रात में हेल्दी स्नैकिंग भी बढ़ा सकती है आपका वज़न? हम बताते हैं कैसे. चित्र : शटरस्टॉक

“इसके अलावा, देर से सोने वालों में अनियमित खाने की आदतें और अपर्याप्त नींद की समस्या आम है, और ये दोनों कारक असंतुलित मेटाबॉलिज्म परिणामों की ओर ले जाते हैं। लंबे समय तक नींद की कमी कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन को बढ़ाकर इन परिणामों को तेज कर सकती है, जो ग्लूकोज होमियोस्टेसिस को खराब करते हैं। इसलिए, नींद की आदतों और शरीर की सामान्य सर्कैडियन रिदम के बीच असंतुलन डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है।”

“यहां तक ​​कि संतुलित आहार और लगातार व्यायाम के बाबजूद भी ऐसा मुमकिन है। इसलिए, डायबिटीज के जोखिम को नियंत्रित करने और मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए नींद के शेड्यूलिंग मुद्दों को संबोधित करने और समग्र नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।”

अधूरी नींद या अधूरा पोषण, क्या है डायबिटीज के लिए ज्यादा बड़ा जोखिम?

यह रिसर्च डायबिटीज के जोखिम कारक के रूप में नींद के पैटर्न पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करता है। जबकि डायबिटीज प्रिवेंशन के लिए अक्सर शारीरिक गतिविधि, आहार और धूम्रपान की आदतों पर ज़ोर दिया जाता है, यह अध्ययन दिखाता है कि नींद का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण हो सकता है। देर से सोने वाले लोग उस समय जागते रहते हैं जब उनके शरीर को आराम करना चाहिए, जो भूख और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के नेचुरल बैलेंस को डिस्टर्ब कर सकता है।

उदाहरण के लिए, देर तक जागने से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन का स्तर बढ़ सकता है और लेप्टिन का स्तर कम हो सकता है, यह हार्मोन बॉडी को संतुष्टि का संकेत देता है। यह हार्मोनल असंतुलित रूप से देर रात खाने को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे वेट गेन और मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

pate ke bal sone ke nuksaan
नींद आपकी रिकवरी के लिए बहुत जरूरी है। चित्र- अडोबी स्टॉक

देर से सोने वालों के लिए कुछ जरुरी सुझाव

देर से सोने से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए दैनिक आदतों को मैनेज करना बेहद जरुरी है। उदाहरण से समझें तो, लेट नाईट ईटिंग को अवॉयड करने से मेटाबॉलिज्म स्वास्थ्य पर देर तक जागने के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। देर से सोने वालों को धीरे-धीरे अपने सोने के शेड्यूल में सुधर करने की सलह दी जाती है, इससे तमाम तरह की बिमारियों का खतरा कम हो जाता है।

आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने स्लीप हाइजीन का ध्यान रखना। इस प्रकार आपको बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलेगी और आपकी बॉडी खुदको पूरी तरह से हील कर पायेगी। एक बार यदि आपको समय पर सोने की आदत हो जाए, तो आपके लिए सुबह समय से जागना भी आसान हो जाता है।

यह भी पढ़ें : Strawberry for diabetes : क्या डायबिटीज में स्ट्रॉबेरी खा सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें ये कितनी सुरक्षित है

[ad_2]

Source link

Advertisement Banner

Trending Now

edit post
सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद
ऑटोमोबाइल

सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद

5 months ago
edit post
RIP: नहीं रहे टेबल स्पेस के फाउंडर अमित बनर्जी, 44 वर्ष की उम्र में कहा अलविदा – rip table space founder amit banerji passes away at 44
न्यूज़

RIP: नहीं रहे टेबल स्पेस के फाउंडर अमित बनर्जी, 44 वर्ष की उम्र में कहा अलविदा – rip table space founder amit banerji passes away at 44

5 months ago
edit post
kanguva to swatantrya veer savarkar 5 films that made it to oscars 2025
एंटरटेनमेंट

kanguva to swatantrya veer savarkar 5 films that made it to oscars 2025

5 months ago
edit post
Delhi Election 2025: हर वोटर के फोन में होना चाहिए ये ऐप, फटाफट होंगे Voter ID से जुड़े सभी काम
गैजेट

Delhi Election 2025: हर वोटर के फोन में होना चाहिए ये ऐप, फटाफट होंगे Voter ID से जुड़े सभी काम

5 months ago
No Result
View All Result
  • न्यूज़
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • व्रत त्यौहार
  • ऑटोमोबाइल
  • हैल्थ
  • ब्लॉग
  • बरेली बिज़नेस
  • Contact

© 2025 Bareilly Online bareillyonline.

Go to mobile version