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नई दिल्ली1 दिन पहले
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बेंगलुरु के रीजनल लेबर कमिश्नर ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन-97 कम्युनिकेशंस को समन जारी किया है। कंपनी को यह समन कुछ एम्प्लॉइज को जबरन निकाले जाने के मामले में दिया गया है।
कुछ समय पहले खबर आई थी कि कंपनी से जुड़े रहे कुछ एम्प्लॉइज ने लेबर एंड एंप्लॉयमेंट मिनिस्ट्री में कई शिकायतें दर्ज की थीं। कंपनी पर कानूनों का उल्लंघन कर जबरन स्टाफ को निकाले जाने का आरोप लगाया था।
यह नोटिस मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट के डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) के रीजनल लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) की तरफ से जारी किया गया है।
नोटिस के मुताबिक, पेटीएम के मैनेजमेंट और शिकायत करने वालों को सभी जरूरी रिकॉर्ड के साथ लेबर डिपार्टमेंट के ऑफिस में पेश होने को कहा गया है।
हम अपने सभी एम्प्लॉइज के योगदान की अहमियत समझते हैं: पेटीएम
इस मामले में पेटीएम के स्पोक्सपर्सन ने बताया, ‘हम अपने सभी एम्प्लॉइज के योगदान की अहमियत समझते हैं और उनके समर्पण की कद्र करते हैं। कुछ एम्प्लॉइज को मुक्त करने का फैसला मुश्किल भरा है और यह सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार-विमर्श करने के बाद ही किया गया है।’
छंटनी वाले एम्प्लॉइज की हरमुमकिन मदद करने की कोशिश की है
मैनेजमेंट टीम का यह भी कहना था कि उसने छंटनी वाले एम्प्लॉइज की हरमुमकिन मदद करने की कोशिश की है और पूरे प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखी है।
स्पोक्सपर्सन ने बताया, ‘हम प्रभावित एम्प्लॉइज की किसी भी तरह की दिक्कत के बारे में बात करने और उसका समाधान निकालने के लिए मौजूद हैं। इसके अलावा, हम अपने एम्प्लॉइज की बेहतरी के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’
क्या है पूरा मामला
कंपनी द्वारा जिन एम्प्लॉइज को बिना नोटिस या पैकेज के इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने ने लेबर मिनिस्ट्री के समाधान पोर्टल और अन्य सावर्जनिक माध्यमों के जरिए शिकायतें दर्ज की थीं।
इन शिकायतों में जरूरी ईमेल के साथ फिर से नियुक्ति की मांग की गई थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर पाबंदी लगाने के बाद इस फर्म ने बड़े पैमाने पर रिस्ट्रक्चरिंग की थी। तब इसके तहत कई एम्प्लॉइज की छंटनी की गई थी।
15 मार्च के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक में डिपॉजिट बंद हुआ
RBI ने 31 जनवरी को नियमों का लंबे समय तक अनुपालन न करने का हवाला देते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बड़े बिजनेस रिस्ट्रिक्शंस यानी प्रतिबंध लगाए थे। तब RBI ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा था कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जा सकेगा।
इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सर्विसेज, फास्टैग और दूसरी सर्विसेज में पैसा नहीं डाला जा सकेगा। हालांकि, बाद में RBI इस डेडलाइन को 15 मार्च तक बढ़ा दिया था। 15 मार्च के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक में डिपॉजिट बंद हो गया है। RBI को पेटीएम की KYC में बड़ी अनियमितताएं मिली थी, जिससे ग्राहक सीरियस रिस्क में आ गए थे।
पेटीएम ने लाखों ग्राहकों की KYC नहीं की थी। लाखों अकाउंट का पैन वैलिडेशन नहीं हुआ था। मल्टीपल कस्टमर्स के लिए सिंगल पैन का इस्तेमाल हो रहा था। कई मौकों पर RBI को बैंक की ओर से गलत जानकारी भी दी गई। आरबीआई को बड़ी संख्या में निष्क्रिय खाते भी मिले थे।

2009 में हुई थी पेटीएम की शुरुआत
पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अगस्त 2009 में पेटीएम पेमेंट ऐप को लॉन्च किया था। अभी देश में पेटीएम के 30 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। पेटीएम का मार्केअ कैप 29.39 हजार करोड़ रुपए है।
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