• Whatsapp
  • Phone
  • Bareilly News
  • Bareilly Business
  • Register
  • Login
  • Add Post
Home न्यूज़

Maltodextrin ke nuksaan,- माल्टोडेक्सट्रिन के नुकसान

bareillyonline.com by bareillyonline.com
16 June 2024
in न्यूज़
4 0
0
6
SHARES
35
VIEWS
WhatsappFacebookTwitterThreads

[ad_1]

प्रोसेस्ड फूड्स को तैयार करने के लिए माल्टोडेक्सट्रिन का इस्तेमाल किया जाता है। जो आर्टिफिशल स्वीटनर का काम करता है। इसका नियमित इनटेक शरीर में कई समस्याओं के खतरे को बढ़ाता है। जानते हैं माल्टोडेक्सट्रिन के नुकसान

दिनों दिन प्रोसेस्ड फूड का चलन बढ़ता चला जा रहा है। दिनभर की छोटी मोटी भूख को मिटाने के लिए लोग स्नैक्स और आर्टिफिशल स्वीटनर्स से भरपूर एसिडिक बेवरेजिज़ का सेवन करते हैं। इनका स्वाद और टैक्सचर जहां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वहीं इससे स्वास्थ्य को कई प्रकार के नुकसान उठाने पड़ते हैं।

प्रोसेस्ड फूड्स को तैयार करने के लिए माल्टोडेक्सट्रिन का इस्तेमाल किया जाता है। जो एक आर्टिफिशल स्वीटनर का काम करता है। मगर इसका नियमित इनटेक शरीर में कई समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है। जानते हैं माल्टोडेक्सट्रिन शुगर लेवल को बढ़ाने के साथ किस प्रकार स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है (Maltodextrin Side Effects)।

माल्टोडेक्सट्रिन किसे कहते हैं (What is Maltodextrin)

इस बारे में हेड डायटीशियन और डाइट इंसाइट की फाउंडर लवलीन कौर बताती हैं कि माल्टोडेक्सट्रिन एक सफेद स्टार्च युक्त पाउडर है, जिसे कई प्रोडक्टस के टैक्सचर, स्वाद, रंग और शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे कार्न, पोटेटो, अनाज और राइज़ को मिलाकर बनाया जाता है, जिसका ग्लाइसेमिक इंडैक्स यानि जीआई का लेवल टेबल शुगर से भी अधिक है।

इसे आहार में शामिल करने से ये बॉडी में स्वाइक करता है। जहां टेबल शुगर का जीआई 65 है तो माल्टोडेक्सट्रिन का ग्लाइसेमिक इंडैक्स 110 है। डेजर्ट, प्रोटीन शेक, सूप सैशेट, सप्लीमेंटस, पीनट बटर, पोटेटो चिप्स, बेबी फॉर्मुल, एसिडिक बैवरेजिज़ और इंस्टेंट कॉफी में पाया जाता है। इससे इंसुलिन लेवल और गट हेल्थ को नुकसान पहुंचता है।

Maltodextrin se kaise bachein
माल्टोडेक्सट्रिन एक सफेद स्टार्च युक्त पाउडर है, जिसे कई प्रोडक्टस के टैक्सचर, स्वाद, रंग और शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

माल्टोडेक्सट्रिन शरीर को किस प्रकार से पहुचांता है नुकसान (Side effects of Maltodextrin) 

1 हाई शुगर लेवल का जोखिम

खाद्य पदार्थों में माल्टोडेक्सट्रिन को सीमित मात्रा में प्रयोग किया जाता है। मगर इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स टेबल शुगर से अधिक होता है। ऐसे में माल्टोडेक्सट्रिन भरपूर फूड का सेवन करने से ब्ल्ड शुगर लेवल स्पाइक होने लगता है। वे लोग जो डायबिटीज़ के शिकार है, उन्हें इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें

क्या आप भी फलों पर नमक छिड़क कर खाती हैं? तो डाइटीशियन की ये एडवाइज आपके लिए है

पुडिंग, जिलेटिन, सॉसेज और सेलेड ड्रंसिंग पर इस्तेमाल किए जाने वाले इस पदार्थ से ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी होने लगती है। ऐसे में शुगर लेवल को मॉनिटर करना आवश्यक है। शुगर लेवल बढ़ने से बार बार प्यास लगने, एकाग्रता में कमी, थकान और धुंधलेपन की समस्या का सामना करना पड़ता है।

2 गट इंफ्लामेशन

सीएमजीएच जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार माल्टोडेक्सट्रिन का सेवन आंत में सूजन को बढ़ावा देने लगता है, जिससे क्रानिक इंफ्लामेटरी डिज़ीज़ का खतरा बढ़ जाता है। माल्टोडेक्सट्रिन से भरपूर आहार से आंतों की प्रोटेक्टिव म्यूकस लेयर में खराबी का जोखिम बढ़ जाता है। इसके नियमित सेवन से इंटेस्टाइन माइक्रोबायोटा में कुछ बदलाव नज़र आने लगते हैं।

ज्यादा मात्रा में माल्टोडेक्सट्रिन एडिड फूड खाने से पेट दर्द, ब्लोटिंग, अपच और डायरिया जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बढ़ सकती है। फूड की थिकनेस को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस फूड कंटेट से शरीर में हार्मफुल बैक्टीरिया बढ़ने लगते है और वेट गेन का भी सामना करना पड़ता है।

Gut health kaise prabhaavit hoti hai
खाद्य पदार्थों में माल्टोडेक्सट्रिन को सीमित मात्रा में प्रयोग किया जाता है। मगर इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स टेबल शुगर से अधिक होता है।

3 वेटगेन

खाने में इस्तेमाल किया जाने वाला माल्टोडेक्सट्रिन प्रोसेस्ड फूड की थिकनेस और वॉल्यूम को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस आर्टिफिशल स्टीटनर का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल कैलोरीज़ इनटेक का कारण बनने लगता है। माल्टोडेक्सट्रिन से सिपंल कार्ब्स की प्राप्ति होती है, जो ब्लड स्टरीम में आसानी से एबजॉर्ब हो जाती है। इसके नियमित सेवन से मोटापा बढ़ने का खतरा बना रहता है।

इससे कैसे बचा जा सकता है 

माल्टोडेक्सट्रिन के खतरे से बचने के लिए आहार में स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों की खोज कर सकते है। इसके स्थान पर आहार में मिठास को जोड़ने के लिए शहद, ब्राउन शुगर, गुड और कोकोनट वॉटर का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा वे आहार जिनमें इसकी उच्च मात्रा पाई जाती है। उसका सेवन करने से भी बचें। साथ ही आहार की पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए फलों का भी प्रयोग किया जा सकता है। वहीं थिकनिंग एजेंट के स्थान पर फलों को मैशर करके रेसिपी में एड किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें-  वजन घटाने के लिए स्वादिष्ट चिवड़ा की ये 3 रेसिपी आपको भी ट्राई करनी चाहिए

[ad_2]

Source link

Trending Now

edit post
न्यूज़

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 जून 2025 को बरेली का दौरा करेंगी

2 weeks ago
edit post
न्यूज़

कांवड़ यात्रा और मोहर्रम की तैयारी

2 weeks ago
edit post
न्यूज़

बरेली में एक युवक ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने पिता और सौतेले भाई को कार से कुचलकर मार डाला।

2 weeks ago
edit post
न्यूज़

BDA नया टाउनशिप बनेगा

2 weeks ago
No Result
View All Result
  • न्यूज़
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • व्रत त्यौहार
  • ऑटोमोबाइल
  • हैल्थ
  • ब्लॉग
  • बरेली बिज़नेस
  • Contact

© 2025 Bareilly Online bareillyonline.

Go to mobile version