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एंडोमेट्रियोसिस कैसे बढ़ाता है हार्ट अटैक का खतरा,- Endometriosis kaise badhaata hai heart attack ka khatra

bareillyonline.com by bareillyonline.com
28 September 2024
in बरेली न्यूज़
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एंडोमेट्रियोसिस कैसे बढ़ाता है हार्ट अटैक का खतरा,- Endometriosis kaise badhaata hai heart attack ka khatra
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एंडोमेट्रियोसिस एक क्रॉनिक डिज़ीज है, जिसका निदान होने में औसतन 6 से 7 साल का समय लगता है। एंडोमेट्रियोसिस न केवल महिला के रिप्रोडक्टिव हेल्थ को प्रभावित करता है बल्कि हार्ट डिजीज के रिस्क को भी बढ़ा सकता है।

एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) एक ऐसी बीमारी है, जिससे दुनियाभर में बड़ी तादाद में महिलाएं प्रभावित होती हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर या शरीर के अन्य हिस्सों में बढ़ने लगती हैं। इससे पेल्विक हिस्से में तेज दर्द होता है। इतना ही नहीं, इससे महिला की फर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।

असल में एंडोमेट्रियोसिस एक क्रॉनिक डिज़ीज है, जिसका निदान होने में औसतन 6 से 7 साल का समय लगता है। यह स्थिति महिलाओं के जीवन को दिन प्रतिदिन कठिन और असहनीय बना देती है और वे अक्सर चुपचाप इस पीड़ा को सहती रहती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह इसके बारे में जागरूकता और जानकारी की कमी है। यही कारण है कि एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis and heart health) को लेकर लोगों में इसके प्रति जानकारी होना आवश्यक है।

एंडोमेट्रियोसिस से बढ़ता है हार्मोन के असंतुलन का जोखिम (Endometriosis increases risk of hormone imbalance)

अगर एंडोमेट्रियोसिस को सालों तक नजरअंदाज किया जाए तो इसके शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। इससे हार्मोनल बैलेंस (hormonal balance) बिगड़ सकता है। साथ ही रक्त वाहिकाओं में लचीलापन कम हो सकता है और उनमें प्लाक बन सकता है। ऐसा होने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए।

हाल ही में जेसिका ब्लोम की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। जेसिका क्वीन यूनिवर्सिटी के ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में चौथे साल की रेजिडेंट हैं। उनकी रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है। उनकी रिपोर्ट से यह पता चला है कि एंडोमेट्रियोसिस और हार्ट डिजीज रिस्क (endometriosis and heart disease risk) के बीच सीधा संबंध है।

endometriosis ke karan
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कार्डियोप्रोटेक्टिव नेचर है जो एंडोमेट्रियोसिस मौजूद होने पर बाधित होती है।चित्र : अडॉबीस्टॉक

क्यों एंडोमेट्रियोसिस का रिस्क बढ़ता है (Why the risk of endometriosis increases)

इसका जवाब हार्मोन से जुड़ा है। ब्रेन में लिम्बिक सिस्टम में हाइपोथैलेमस नामक एक हिस्सा होता है, जो हार्मोन कंट्रोल के लिए जरूरी है। इसका एक काम होता है एक हार्मोन बनाना जिसे गोनाडोट्रोपिन रिलीज़िंग हार्मोन कहा जाता है। यह हार्मोन संकेत वाहक के रूप में काम करता है, जो इंटीरियर पिट्यूटरी को उत्तेजित करता है। फिर दो जरूरी हार्मोन फॉलिकल.स्टिमुलेटिंग हार्मोन और ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन को छोड़ता है। ये दोनों हार्मोन अंडाशय के साथ संचार करने में जरूरी होते हैं।

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जैसा कि हम जानते हैं, ओवरी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन (estrogen and progesterone) जैसे हार्मोन का उत्पादन होता है, जो न केवल मेंस्ट्रुएशन और फर्टिलिटी को कंट्रोल करते हैं बल्कि महिला के हार्ट सिस्टम को भी ठीक रखते हैं। विशेष रूप से एस्ट्रोजन में दिल को स्वस्थ रखने के गुण होते हैं।

यह ब्लड वेसेल्स को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। वेसेल्स में लचीलापन बनाए रखता है, प्लाक बनने से रोकता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल लेवल को बनाए रखता है। प्रोजेस्टेरोन भी एस्ट्रोजन के प्रभावों को बेहतर बनाता है, जिससे कुल मिलाकर दिल के स्वास्थ्य को सुधारने और बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

Endometriosis ka heart par asar
प्रोजेस्टेरोन भी एस्ट्रोजन के प्रभावों को बेहतर बनाता है, जिससे कुल मिलाकर दिल के स्वास्थ्य को सुधारने और बेहतर बनाने में मदद मिलती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

एंडोमेट्रियोसिस और हार्मोनल असंतुलन (How hormone imbalance increase in endometriosis?)

जब एंडोमेट्रियोसिस ओवरी में बढ़ने लगता है, तो यह हार्मोन बनाने वाले इन अंगों के बाहरी कोर्टेक्स और आंतरिक मेडुला हिस्सों को प्रभावित करता है। इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का नेचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे हार्मोनल इम्बैलेंस हो जाता है।

कुल मिलाकर एंडोमेट्रियोसिस ओवेरीज के कामकाज को प्रभावित करता है, जिससे हार्मोन उत्पादन में रुकावट पैदा होती है। चूंकि एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं इसलिए इस इस रुकावट से एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा अधिक होता है।

इस हार्मोनल संबंध को समझकरए हम बेहतर तरीके से समझ सकते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस को कंट्रोल करना सिर्फ फर्टिलिटी हेल्थ के बारे में नहीं है। यह महिला की पूरी सेहत के बारे में है जिसमें उसकी दिल से जुड़ी सेहत भी शामिल है।

एंडोमेट्रियोसिस का ओवरीज पर प्रभाव (How endometriosis affects the ovaries)

चूंकि एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जो ओवेरीज को प्रभावित करती है। यह ओवरी के अंदर और उसके ऊपर बढ़ती है] जिससे उसके बाहरी कोर्टेक्स और आंतरिक मेडुला हिस्सों पर असर पड़ता है। इससे हार्मोन का कामकाज प्रभावित होता है। इससे एस्ट्रोजन.प्रोजेस्टेरोन हार्मोनल का संतुलन भी बिगड़ जाता है, जो महिलाओं के दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। एंडोमेट्रियोसिस में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के दिल को स्वस्थ रखने वाले गुण भी प्रभावित होते हैं।

इन जरूरी हार्मोन के कार्डियोप्रोटेक्टिव नेचर और लिम्बिक सिस्टम के साथ इनके संबंध को समझने के साथ यह जानना भी जरूरी है कि एंडोमेट्रियोसिस न केवल महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है बल्कि यह गंभीर रूप से उसके संपूर्ण स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से कई जटिलताएं पैदा हो सकती हैंए जो गर्भावस्थाए यौन स्वास्थ्य और इस स्थिति से पैदा हुए गंभीर दर्द से आगे निकल जाती हैं।

Jaanein endometriosis ka kaaran aur upay
एंडोमेट्रियोसिस ओवेरीज के कामकाज को प्रभावित करता है, जिससे हार्मोन उत्पादन में रुकावट पैदा होती है।
।चित्र : अडॉबीस्टॉक

क्या है एंडोमेट्रियोसिस और हार्ट डिजीज रिस्क का कनैक्शन (How endometriosis increases the risk of heart disease)

इस स्टडी में 1993 से 2015 तक ओंटारियो के निवासियों के हेल्थ डेटा का उपयोग किया गयाए जिसमें 1,66,835 एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को शामिल किया गया और उनकी तुलना 3,33,706 महिलाओं से की गई, जिन्हें एंडोमेट्रियोसिस नहीं था।

इस डेटा के अध्ययन का प्रमुख निष्कर्ष यह था कि कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के कारण अस्पताल में भर्ती होने की घटनाएं सामने आईं, जिनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर और हार्ट डिजीज के अन्य कई प्रकार शामिल थे।

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कार्डियोप्रोटेक्टिव नेचर है जो एंडोमेट्रियोसिस मौजूद होने पर बाधित होती है। हमें यह समझने की जरूरत है कि एंडोमेट्रियोसिस न केवल महिला के रिप्रोडक्टिव हेल्थ को प्रभावित करता है बल्कि हार्ट डिजीज (heart disease) के लिए उसके रिस्क को भी बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है।

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