नई दिल्ली : देश की जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा (Jayaprada) ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सोमवार को एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इस दौरान उनको 3 घंटे तक कोर्ट की हिरासत में रहना पड़ा। उसके बाद न्यायाधीश ने उनकी एक अपील व दलील सुनकर उनको जमानत दे दी। हालांकि बार-बार वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में न पेश होने से उनको भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।
बताया जा रहा है कि कोर्ट में सरेंडर करने के बाद हुयी सुनवाई के दौरान कोर्ट में जब उनसे पूछा कि आखिर आप लगातार गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में क्यों नहीं आ रही थीं। इस पर पूर्व सांसद ने अपनी ओर से जवाब देते हुए कहा कि वह बीमार थीं। इसलिए कोर्ट के वारंट पर कोर्ट में हाजिर नहीं हो सकीं। इसके लिए वह अपनी ओर से सॉरी बोल रही हैं।
यह भी पढ़ें
कोर्ट में जयाप्रदा ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और वह कोर्ट का सम्मान करती हैं। भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सबसे पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया गया। इसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें कुछ देर तक कठघरे में खड़ा रहना पड़ा।
इस बारे में बताते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने कहा- उनकी (जया प्रदा) याचिका पर विचार करते हुए कि वह अस्वस्थ हैं, अदालत ने बाद में उन्हें सशर्त जमानत दे दी और उन्हें 20,000 रुपये की दो जमानत राशि जमा करने का आदेश दिया।
आपको बता दें कि जया प्रदा ने अदालत को यह आश्वासन दिया कि वह प्रत्येक सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थिति रहेंगी और पेशी से छूट के लिए कोई आवेदन दायर नहीं करेंगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी।
आपको बता दें कि पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ 2019 में चुनाव के दौरान स्वार और केमरी थाने में आचार संहिता के उल्लंघन के दो मामले दर्ज कराए गए थे। ये दोनों मामले एमपी एमएलए कोर्ट में लंबे समय से विचाराधीन थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी होने के बाद पूर्व सांसद के बयान दर्ज होने थे, लेकिन एक के बाद एक गैर जमानती वारंट घोषित होने और उनको फरार घोषित किए जाने के बाद भी कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाई थीं। लेकिन कोर्ट की सख्ती की वजह से उन्होंने 4 मार्च को कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दे दी गई।