रिसर्च की माने तो वजन बढ़ने से कई प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। जिसे लेकर लोगों को अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है, क्युकी बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा।
आज के समय में लाइफस्टाइल की गलत आदतों की वजह से मोटापा एक बेहद कॉमन प्रॉब्लम बन चुका है। वहीं ये कई स्वास्थ्य जोखिमों का भी एक बड़ा कारण है। हर उम्र के लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं, और इसकी वजह से उन्हें तरह तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। वहीं एक कई ऐसी रिसर्च और स्टडी सामने आई है, जिसमें मोटापे और कैंसर को इंटरकनेक्टेड बताया गया है। वहीं रिसर्च की माने तो वजन बढ़ने से कई प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। जिसे लेकर लोगों को अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है, क्युकी बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा। तो आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे आखिर किस तरह मोटापा कैंसर (Obesity and cancer) के खतरे को बढ़ा देता है।
हेल्थ शॉट्स ने कैंसर और मोटापे के संबंध में हेल्थ शॉट्स ने कैंसर और मोटापे के संबंध में बात की। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से बात की। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।
जानें आखिर किस तरह मोटापा कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है (Obesity and cancer):
1. कैंसर सेल्स को उत्तेजित करती है शरीर की चर्बी
डॉ पूजा के अनुसार “शरीर की अतिरिक्त चर्बी लगातार सूजन का कारण बन सकती है, जो कैंसर सेल्स के ग्रोथ को उत्तेजित करती है। फैटी सेल्स साइटोकिन्स और एडिपोकिन्स जैसे सूजन वाले रसायनों का उत्पादन करती हैं, जो सामान्य कोशिका कार्य को बाधित करती हैं और ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देती हैं।” ऐसे में एक्सपर्ट सभी को वेट मैनेजमेंट पर ध्यान देने की सलाह देती हैं, ताकि बॉडी में अनचाहे कैंसर सेल्स का विकास न हो।
![blood cancer](https://images.healthshots.com/healthshots/hi/uploads/2023/07/18181407/blood-cancer.jpg)
2. इन्सुलिन और एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव का कारण बनता है मोटापा
मोटापा इंसुलिन और एस्ट्रोजन सहित शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस, जो आमतौर पर मोटापे से जुड़ा होता है, ब्लड में इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे कैंसर सेल्स का ग्रोथ उत्तेजित होता है। एस्ट्रोजन का बढ़ता स्तर, जो फैट टिशु में एण्ड्रोजन के एस्ट्रोजन में बदलने के कारण मोटे लोगों में विकसित हो सकता है। ये स्तन और एंडोमेट्रियल कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है। महिलाओं को खासकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
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3. शारीरिक गतिविधि और आहार
मोटापा अक्सर गतिहीन जीवन शैली और गलत खान-पान से संबंधित होता है, ये दोनों कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। शारीरिक व्यायाम की कमी और प्रोसेस्ड एवं रिफाइंड खाद्य पदार्थ, रेड मीट और शुगर युक्त ड्रिंक कैंसर के बढ़ते खतरे से संबंधित है। यह फैक्टर तमाम तरह के कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है, इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि आप इनसे बची रहे।
![Obesity sexual life ko kaise pahunchaata hai nuksaan](https://images.healthshots.com/healthshots/hi/uploads/2023/03/14180124/Obesity-3.jpg)
4. इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है मोटापा
मोटापा कैंसर सेल्स को पहचानने की प्रतिरक्षा प्रणाली के क्षमता को कम कर देता है। वहीं ये एण्ड्रोजन को पहचानने और उन्हें मारने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। फैट टिशु इन्फ्लेमेटरी केमिकल रिलीज करते हैं, जो इम्यून रिस्पांस को दबा देता है और ट्यूमर के ग्रोथ के लिए सूटेबल वातावरण क्रिएट करता है, जिससे कि कैंसर सेल्स ग्रो होते हैं और ट्यूमर बढ़ता है। बहुत जरूरी है कि आप अपनी इम्यूनिटी पर ध्यान दे साथ ही साथ अपने बढ़ते वजन पर भी।
5. आईजीएफ ग्रोथ फैक्टर को बढ़ावा दे
मोटापा वृद्धि कारक आईजीएफ की रिलीज को बढ़ावा देता है, जो कैंसर सेल्स के विकास को उत्तेजित करते हैं।
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