• Whatsapp
  • Phone
  • Bareilly News
  • Bareilly Business
  • Register
  • Login
  • Add Post
ADVERTISEMENT
Home बरेली न्यूज़

IT Rules Amendment Verdict Update; Fact Check Unit | Bombay High Court | केंद्र सरकार फैक्ट चेक यूनिट नहीं बना सकेगी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगाई, कहा- IT एक्ट में संशोधन लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

bareillyonline.com by bareillyonline.com
20 September 2024
in बरेली न्यूज़
4 0
0
IT Rules Amendment Verdict Update; Fact Check Unit | Bombay High Court | केंद्र सरकार फैक्ट चेक यूनिट नहीं बना सकेगी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगाई, कहा- IT एक्ट में संशोधन लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
6
SHARES
35
VIEWS
WhatsappFacebookTwitterThreads

[ad_1]

मुंबई45 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- ये संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 का उल्लंघन करता है। - Dainik Bhaskar

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- ये संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 का उल्लंघन करता है।

केंद्र सरकार फैक्ट चेक यूनिट नहीं बना सकेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को IT एक्ट में किए गए संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि IT एक्ट में संशोधन जनता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 2023 में IT नियमों में संशोधन किया था। सरकार इसके जरिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर झूठी या फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट (FCU) बना सकती थी।

बॉम्बे हाईकोर्ट के टाईब्रेकर जज ने सुनाया फैसला जनवरी 2024 में बेंच में शामिल दो जजों जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला न्यायमूर्ति ने अलग-अलग फैसला दिया था। इसके बाद यह केस टाईब्रेकर जज जस्टिस एएस चंदुरकर के पास भेजा गया था।

जस्टिस चंदुरकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि ये संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 का उल्लंघन करता है।’ जब दो जजों के फैसले पर अलग-अलग मत होते हैं तब इसे टाईब्रेकर जज के पास भेजा जाता है।

QuoteImage

मैंने मामले पर विस्तार से विचार किया है। विवादित नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 19(1)(जी) (व्यवसाय की स्वतंत्रता और अधिकार) का उल्लंघन करते हैं।

QuoteImage

जस्टिस पटेल और जस्टिस गोखले ने क्या कहा था मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गौतम पटेल ने नियमों को खारिज कर दिया था। वहीं, जस्टिस गोखले ने नियमों को बरकरार रखा था।

जस्टिस पटेल ने कहा था कि नियम सेंसरशिप के समान हैं, लेकिन जस्टिस गोखले ने कहा था कि इनका तर्क के मुताबिक फ्री स्पीच पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ने लगाई याचिका IT नियमों में संशोधन के खिलाफ कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने सबसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

इसमें तीन रूल को चुनौती दी गई थी। ये रूल केंद्र सरकार को झूठी ऑनलाइन खबरों की पहचान करने के लिए FCU बनाने का अधिकार देते हैं।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ये भी कहा था कि फेक न्यूज तय करने की शक्तियां पूरी तरह से सरकार के हाथ में होना प्रेस की आजादी के विरोध में है।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ये संशोधन सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(a)(g) (कोई भी पेशा अपनाने, या कोई व्यवसाय, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।

21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट चेक यूनिट बनाने पर रोक लगाई केंद्र सरकार ने 20 मार्च 2024 को फैक्ट चेक यूनिट बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। 21 मार्च को इस नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। ये रोक तब तक के लिए लगाई थी, जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई ना कर ले। कोर्ट ने कहा था कि ये अभिव्यक्ति की आजादी का मामला है।

20 मार्च को केंद्र सरकार ने फैक्ट चेक यूनिट बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया केंद्र सरकार ने 20 मार्च को अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया था कि फैक्ट चेक यूनिट सरकार की तरफ से फैक्ट चेक करने का काम करेगी। जिसमें वो फेसबुक, X या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स में किसी जानकारी को फेक या गलत बता सकती है।

जिसके बाद ये प्लेटफार्म्स उस कंटेंट या पोस्ट को हटाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होंगे। साथ ही इंटरनेट से उसका URL भी ब्लॉक करना होगा। इससे पहले, केंद्र सरकार ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक वो फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना जारी नहीं करेगी।

अश्विनी वैष्णव ने कहा था- केंद्र के लिए फैक्ट-चेक यूनिट जरूरी केंद्रीय IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि केंद्र सरकार के लिए अपनी फैक्ट-चेक यूनिट स्थापित करना जरूरी है। सरकार अपनी नीतियों और अन्य योजनाएं से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए सबसे उपयुक्त है।

अश्विनी वैष्णव ने एक न्यूज चैनल के इवेंट में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा- हाल ही में एक विपक्षी पार्टी ने पोस्ट किया कि भारतीय रेलवे के पैसेंजर्स 80% तक कम हो गए हैं। इस तरह की गलत जानकारी से बचने के लिए आपको रेलवे से सही आंकड़ा पूछना होगा। फैक्ट्स तो फैक्ट्स हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा- फैक्ट-चेक यूनिट को लेकर हमारा प्रस्ताव केंद्र के काम से संबंधित फैक्ट्स और आंकड़ों तक ही सीमित था। दुर्भाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हालांकि, हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। पूरी खबर पढ़ें…

यह खबर भी पढ़ें…

SC ने PIB की फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगाई:कहा- ये अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अंतर्गत फैक्ट चेक यूनिट (FCU) का गठन करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई थी। केंद्र ने एक दिन पहले बुधवार यानी 20 मार्च को ही आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट को नोटिफाई किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘यह यूनिट अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है।’ यह फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया में वायरल हो रही फर्जी सूचनाओं और पोस्ट की पहचान करने के साथ उसे प्रतिबंधित करने के लिए बनाई जानी थी। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

अपना शहर Bareilly Online

MAUPOKER: Arena Para Master yang Ingin Tantangan Sejati

Situs GADUNSLOT Buka Slot Anti Gagal, Gaskeun Lah!

Situs GADUNSLOT 2025, Slot Gacor Asli Bukan Hoax! Depo QRIS Langsung Jalan

Categories

  • बरेली न्यूज़
  • बरेली बिज़नेस
  • बरेली ब्लॉग
edit post

MAUPOKER: Arena Para Master yang Ingin Tantangan Sejati

7 October 2025
edit post

Situs GADUNSLOT Buka Slot Anti Gagal, Gaskeun Lah!

1 October 2025
edit post

Situs GADUNSLOT 2025, Slot Gacor Asli Bukan Hoax! Depo QRIS Langsung Jalan

1 October 2025

UPLOAD

LOGIN

REGISTER

HELPLINE

No Result
View All Result
  • बरेली न्यूज़
  • बरेली ब्लॉग
  • बरेली बिज़नेस
  • Contact

© 2025 Bareilly Online bareillyonline.