आजकल वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना काफी ट्रेंड में है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करके लोग अच्छा-खासा वेट लॉस कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस फास्टिंग को ठीक से नहीं करते, जिससे उनको फायदे की जगह नुकसान होता है। कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग को इस तरह करते हैं कि यह फैड डाइट का रूप ले लेती है। दरअसल, लोग लंबे समय के टाइम गैप में यह फास्टिंग करते हैं। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पाल मनिकचम ने न्यूट्रिश्निस्ट luke coutinh के साथ इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर एक बातचीत की। आइये जानते हैं।
क्या होती है फैड डाइट? (What is Fad Diet)
फैड डाइट वजन घटाने में काफी मददगार मानी जाती है। वेट लॉस करने के लिए बहुत से लोग इस डाइट को फॉलो करते हैं। यह एक प्रकार की शॉर्ट टर्म तकनीक है, जिसे अपनाकर मोटापे को कम किया जा सकता है। इस डाइट के अंतर्गत कुछ ऐसे फूड्स शामिल किए जाते हैं, जिनमें फैट की मात्रा काफी कम होती है। इस डाइट में फाइबर युक्त आहारों को ज्यादा शामिल किया जाता है, जो पेट से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ आपको ओवरईटिंग करने से भी बचाती है।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग वाकई में फैड डाइट होती है? (Is Intermittant fasting is really Fad Diet)
luke coutinh के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रकार की फैड डाइट है, जिसमें व्यक्ति को कुछ घंटों के लिए अपने खाने के समय को निर्धारित करना होता है। इस दौरान आपको 16 घंटे की फास्टिंग रखनी होती है और आप केवल 8 घंटे के अंदर ही खा सकते हैं। इसमें भी आपको कुछ चुनिंदा आहारों का सेवन करना होता है। वहीं, कुछ लो इस डाइट को 12 घंटों के लिए फॉलो करके भी अच्छा रिजल्ट पाते हैं। इस तरह से करना आपके लिए यह फैड डाइट साबित नहीं होता है। दरअसल, फैड डाइट में आप एक प्रकार की बंधिश में आ जाते हैं, जिसमें आपको कई चीजें फॉलो करनी होती हैं।
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फैड डाइट के नुकसान (Side Effects of Fad Diet)
- इस डाइट को फॉलो करने से कई बार शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है।
- फैड डाइट को लेने से आपको थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- ऐसे में आपको सिर में दर्द होने के साथ ही दस्त भी लग सकते हैं।
- इससे कई बार आप ईटिंग डिसऑर्डर के भी शिकार हो सकते हैं।