महंगाई में इन दिनों भारी तेजी देखने को मिल रही है। बढ़ती महंगाई को लेकर आम जनता काफी परेशान है। वहीं दूसरी तरफ महंगाई को लेकर अब भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बयान जारी किया है। महंगाई को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर महंगाई में उछाल को काबू में नहीं किया गया तो भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर महीने में जारी बुलेटिन में बताया कि त्योहारों के दौरान खपत में बढ़ोतरी देखने को मिली है जिससे मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था को राहत मिली है। इस बढ़ोतरी के कारण मांग में आई सुस्ती को राहत मिली है। हालांकि महंगाई बढ़ने के कारण अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
इस कारण बढ़ा खर्च
आरबीआई बुलेटिन में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर कहा गया कि खुदरा महंगाई दर में उछाल आया है। बुलेटिन के अनुसार खाद्य वस्तुओं और तेलों की कीमत बढ़ी है, जिसने महंगाई बढ़ाई है। घरों में काम करने वाले या खाना पकाने वालों के वेतन मजदूरी में बढ़ोतरी हुई है, जिससे लोगों पर जीवन यापन खर्च का दबाव भी बढ़ गया है।
महंगाई से नुकसान
आरबीआई ने जोर दिया है कि वस्तुओं और सेवाओं में इनपुट लागत के बढ़ने से बिक्री मूल्यों पर नजर रखनी चाहिए। महंगाई के कारण शहरी इलाकों में उपभोग मांग में कटौती हो रही है। कॉरपोरेट्स और कैपिटल एक्सपेंडिचर पर इसका असर देखने को मिला है। ऐसे में अगर मुद्रास्फीति की दर को बिना किसी नियंत्रण के बढ़ने दिया गया तो इससे अर्थव्यवस्था के साथ-साथ उद्योग और निर्यात को भी नुकसान पहुंचेगा।
मिडिल क्लास पर पड़ा महंगाई का बोझ
रिजर्व बैंक ने भी माना है कि महंगाई के कारण शहरी क्षेत्रों में खपत कम हो रही है। एफएमसीजी कंपनियों द्वारा घोषित दूसरी तिमाही के नतीजों में भी इन कंपनियों ने यही बात दोहराई है। एफएमसीजी कंपनियों ने कहा कि कमरतोड़ महंगाई के कारण शहरी क्षेत्रों में एफएमसीजी और खाद्य वस्तुओं की मांग प्रभावित हुई है।
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