भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच कृषि विकास पर हुआ विचार
भारत के कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यानी बुधवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में न्यूज़ीलैंड के कृषि, वानिकी व्यापार और विदेश मामलों के सहयोगी मंत्री, श्री टॉड मैकक्ले के साथ एक उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में न्यूज़ीलैंड के प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया, जिसमें दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में आपसी हित और सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच कृषि विकास पर हुआ विचार:
भारत के केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और न्यूज़ीलैंड के कृषि मंत्री के बैठक के दौरान, दोनों देशों की कृषि प्राथमिकताओं को साझा करने और साझेदारी के नए अवसरों की खोज पर विचार-विमर्श हुआ, जिसमें बागवानी पर प्रस्तावित सहयोग समझौता (एमओसी) भी शामिल था। दोनों मंत्रियों ने भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच कृषि साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, जो हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति कर चुकी है।
भारत, न्यूज़ीलैंड के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर जोर:
मंत्री श्री चौहान ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए न्यूज़ीलैंड के सक्रिय प्रयासों की सराहना की और इस संबंध में न्यूज़ीलैंड सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को स्वीकार किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, व्यावसायिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी उजागर किया, विशेष रूप से न्यूज़ीलैंड में भारतीय प्रवासी के महत्वपूर्ण योगदान और दोनों देशों के बीच बढ़ते शैक्षिक आदान-प्रदान पर खास जोर दिया। इस बैठक में न्यूज़ीलैंड के उच्चायुक्त श्री पैट्रिक राटा और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
भारतीय व्यापार और बाजार के निर्यात में बढ़ावा:
भारत और न्यूज़ीलैंड के बैठक से व्यापार और बाजार पहुंच के क्षेत्रों में कई सकारात्मक विकास सामने आए। भारतीय अनार के आयात के लिए न्यूज़ीलैंड के समर्थन और आम निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने का स्वागत किया गया। मंत्री श्री चौहान ने लखनऊ और दिल्ली में नव-ऑडिटेड वेपर हीट ट्रीटमेंट (वीएचटी) सुविधाओं की शीघ्र स्वीकृति की आशा व्यक्त की, जिससे न्यूज़ीलैंड को भारतीय आम के निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, श्री मैकक्ले ने न्यूज़ीलैंड से भारत में पाइन लॉग निर्यात की हालिया बहाली के लिए आभार व्यक्त किया, जो पहले धूमन संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहा था। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने भारत के संतरे व केले जैसे ताजे फलों सहित अन्य कृषि उत्पादों में व्यापार के विस्तार की संभावना पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय अंगूरों के निर्यात के लिए शीघ्र बाजार पहुंच पर विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में अनुसंधान और विकास में तकनीकी सहयोग के महत्व, विशेष रूप से बागवानी और केज फिशरीज में सहयोग के विशाल संभावनाओं को मान्यता दी गई। बैठक का समापन श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा श्री टॉड मैकक्ले और उनके प्रतिनिधिमंडल को भारत में एक उत्पादक और सुखद प्रवास की शुभकामनाएं देने के साथ हुआ।