स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बताया कि रुपए की वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (REER) अक्तूबर 2024 में 107.20 से नवंबर 2024 में 108.14 तक पहुँच गई, जो इस वर्ष का उच्चतम स्तर है।
REER से संबंधित RBI के निष्कर्ष क्या हैं?
- रिकॉर्ड उच्च REER मूल्य: रुपए का 108.14 का REER वर्ष 2015-16 से अधिमूल्यन को इंगित करता है, जो अमेरिकी डॉलर के सामने अंकित मूल्यह्रास के बावज़ूद निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता को कमज़ोर करता है, जो अंकित प्रभावी विनिमय दर (NEER) और REER सूचकांकों में विरोधाभास को दर्शाता है।
- 100 से अधिक REER का अर्थ है आधार वर्ष (वर्ष 2015-16) की तुलना में अधिक मूल्यांकन जिससे निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता कम हो जाती है, जबकि 100 से कम का मान न्यूनतम मूल्यांकन को दर्शाता है।
- अस्थिरता की प्रवृत्ति: रुपए में प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के बीच सबसे कम अस्थिरता देखी गई (अन्य मुद्राओं की तुलना में इसमें मज़बूती आई), जबकि उभरते बाज़ारों की मुद्राओं में बढ़ते अमेरिकी बॉण्ड प्रतिभूति और मज़बूत डॉलर सूचकांक के कारण निकासी हुई।
- व्यापार संतुलन के निहितार्थ: REER के अनुसार रुपए का अधिक मूल्य निर्धारण, भारतीय निर्यात को महंगा बनाता है, जिससे वैश्विक बाज़ारों में प्रतिस्पर्द्धा कम होती है।
- साथ ही इससे आयात लागत भी कम हो जाती है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ने की संभावना रहती है।
- पूंजी बहिर्वाह: उच्च बॉण्ड प्राप्ति और सुरक्षित-आश्रय परिसंपत्तियों की वैश्विक मांग से प्रेरित अमेरिकी डॉलर के मज़बूत होने से भारत से पूंजी बहिर्वाह देखने को मिला है, जिससे रुपए पर दबाव पड़ा है।
NEER और REER क्या है और इनका महत्त्व क्या है?
- परिभाषा:
- NEER: अंकित प्रभावी विनिमय दर (NEER) एकाधिक व्यापारिक साझेदार मुद्राओं के सापेक्ष किसी मुद्रा की द्विपक्षीय विनिमय दरों का भारित औसत है।
- यह देशों के बीच मुद्रास्फीति या मूल्य स्तर के अंतर को ध्यान में रखे बगैर अंकित मुद्रा के सामर्थ्य को दर्शाता है।
- NEER में वृद्धि अंकित मूल्यवृद्धि का संकेत देती है, जबकि गिरावट मूल्यह्रास का संकेत देती है।
- REER: वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (REER) घरेलू अर्थव्यवस्था और उसके व्यापारिक भागीदारों के बीच सापेक्ष मूल्य स्तरों (मुद्रास्फीति) को समायोजित करके NEER में सुधार करती है।
- REER की गणना NEER को घरेलू मूल्य सूचकांकों और विदेशी मूल्य सूचकांकों के अनुपात से गुणा करके की जाती है, जिससे यह क्रय शक्ति समता (PPP) -समायोजित माप बन जाती है।
- NEER/REER सूचकांक: भारत के लिये NEER/REER सूचकांक में छह मुद्राएँ शामिल हैं: अमेरिकी डॉलर (USD), यूरो (EUR), जापानी येन (JPY), ब्रिटिश पाउंड (GBP), चीनी युआन (CNY) और सिंगापुर डॉलर (SGD)।
- NEER/REER सूचकांक को संशोधित कर इसमें 36 मुद्राओं की एक व्यापक टोकरी को शामिल किया गया है।
- प्रभावित करने वाले कारक: NEER/REER उत्पादकता अंतर (प्रतिस्पर्द्धा प्रभावित होना), व्यापार शर्तें (निर्यात/आयात संतुलन का प्रभावित होना), मुद्रास्फीति (मुद्रा मूल्य का कम होना) और राजकोषीय व्यय (आर्थिक स्थिरता और मांग का प्रभावित होना) से प्रभावित होते हैं।
- NEER: अंकित प्रभावी विनिमय दर (NEER) एकाधिक व्यापारिक साझेदार मुद्राओं के सापेक्ष किसी मुद्रा की द्विपक्षीय विनिमय दरों का भारित औसत है।
- NEER का महत्त्व:
- व्यापार-भारित सूचकांक: NEER एक मुद्रा के विभिन्न व्यापारिक साझेदारों के विरुद्ध अंकित प्रदर्शन का आकलन करता है, तथा व्यापक बाह्य मुद्रा प्रवृत्तियों को दर्शाता है।
- सीमित अंतर्दृष्टि: यह मुद्रास्फीति के अंतर को नज़रअंदाज करता है, इसलिये NEER वास्तविक व्यापार प्रतिस्पर्द्धात्मकता या क्रय शक्ति को सटीक रूप से प्रतिबिंबित नहीं कर सकता है।
- व्यापक आर्थिक उपयोग: नीति निर्माता मुद्रा की मज़बूती के रुझान को समझने और आवश्यकता पड़ने पर अंकित हस्तक्षेप की योजना बनाने के लिये NEER का उपयोग करते हैं।
- REER का महत्त्व:
- प्रतिस्पर्द्धात्मकता का सूचक: REER मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर किसी देश की बाह्य प्रतिस्पर्द्धात्मकता को मापता है, जिसका उच्च मूल्य कम निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता और सस्ते आयात को दर्शाता है।
- नीति मार्गदर्शिका: REER यह निर्धारित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है कि कोई मुद्रा अधिक मूल्यांकित है या कम मूल्यांकित है, तथा मौद्रिक नीति और विनिमय दर समायोजन का मार्गदर्शन करती है।
- व्यापार संतुलन पर प्रभाव: REER के मूल्यह्रास से निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता में वृद्धि होकर अल्पावधि में व्यापार संतुलन में सुधार होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)
प्रिलिम्स:
प्रश्न 1. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:(2022)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
उत्तर: (c)
मेन्स:
प्रश्न: विश्व व्यापार में संरक्षणवाद और मुद्रा चालबाजियों की हाल की परिघटनाएँ भारत की समष्टि आर्थिक स्थिरता को किस प्रकार से प्रभावित करेंगी? (वर्ष 2018)
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