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सोते समय हार्ट रेट कम क्यों हो जाता है? जानें मैनेज करने के तरीके | how to manage slow heart rate during sleep in hindi

bareillyonline.com by bareillyonline.com
31 May 2024
in न्यूज़
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शरीर में होने वाले बदलावों की वजह हृदय रोग होने का कारण बन सकते हैं। कुछ लोगों की हृदय गति सोते हुए धीमी हो सकती है। इस समस्सा को ब्रैडीकार्डिया कहा जाता है। एथलिट्स में यह समस्या एक आम परेशानी मानी जाती है। हालांकि, सोते समय अगर हार्ट रेट काफी कम हो जाता है, तो यह एक गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इस समस्या में व्यक्ति को   रात के समय में घबराहट और बैचेनी महसूस हो सकती है। इस लेख में आगे जानते हैं ब्रैडीकार्डिया के क्या कारण हो सकते हैं और इस समस्या में व्यक्ति को किस तरह के लक्षण महसूस हो सकती है। साथ ही, ब्रैडीकार्डिया को मैनेज करने के लिए क्या करना चाहिए।

नींद में हार्ट बीट कम होने के कारण – Causes Of Slow Heart Rate in Hindi

दरअसल, जिन लोगों का नॉर्मल हार्ट रेट 60 बीट प्रति मिनट (बीपीएम) से कम होता है, उनको नारायणा अस्पताल के कार्डिएक सर्जरी विभाग के  सीनियर कंसलटेंट डॉ ललित कपूर के अनुसार एथलीट और कुछ अच्छे स्वास्थ्य वाले लोगों के लिए यह समस्या का कारण नहीं हो सकता है, जबकि जिन लोगों को पहले से ही मोटापा या हार्ट संबंधी समस्या है, उनके लिए यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। सामान्य रूप से जब आप सोते हैं तो नींद में आपका हृदय नॉर्मल या आराम की स्थिति में पहुंच जाता है, ऐसे में हृदय गति स्वाभाविक रूप से कम हो सकती है। लेकिन, यह सामान्य स्तर से ज्यादा कम नहीं होनी चाहिए। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है। आगे जानते हैं इस समस्या के कुछ मुख्य कारक के बारे में –

  • अधिक उम्र होना: जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, हृदय के प्राकृतिक पेसमेकर, सिनोट्रियल (SA) नोड को प्रभावी रूप से कार्य करने में परेशानी हो सकती है। इससे हृदय की गति धीमी हो जाती है।
  • दवाएं: कुछ दवाएं, विशेष रूप से बीटा-ब्लॉकर्स और अन्य हृदय संबंधी दवाएं, हृदय गति को कम कर सकती हैं।
  • स्लीप एपनिया: ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण सांस लेने के पैटर्न में बदलाव होने के कारण हृदय गति में रुक-रुक कर गिरावट आ सकती है।
  • हाइपोथायरायडिज्म: थायरॉयड लो होने पर हृदय गति सहित मेटाबॉलिज्म प्रकिया भी धीमी हो सकती है।

how to manage slow heart rate in hindi

नींद में हार्ट बीट कम होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं – Symptoms Of Slow Heart Rate At Night In Hindi

  • सुबह उठते ही थकान महसूस होना
  • दिन में अत्यधिक नींद आना
  • सिर में हल्का दर्द और चक्कर आना
  • हृदय धड़कन अनियमित होना
  • सीने में दर्द
  • घबराहट होना
  • सांस लेने में तकलीफ होना, आदि।

नींद में हार्ट बीट कम होने को कैसे मैनेज करें – How To Manage Bradycardia in Hindi

नींद के दौरान हृदय गति धीमी को मैनेज करने के लिए आपको इसके कारणों को कम करने पर फोकस करना होता है। हार्ट हेल्थ के लिए जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करने की आवश्यक हो सकती है।

  • एक्सरसाइज करें: नियमित शारीरिक गतिविधि से हार्ट फिटनेस और हृार्ट हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं,  एक्सरसाइज से हृदय गति को मैनेज किया जा सकता है।
  • आहार में बदलाव: ब्रैडीकार्डिया की समस्या को कम करने के लिए आप डाइट में बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए आप फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को डाइट में शामिल कर हार्ट हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।
  • हाइड्रेशन: हृदय कार्य के लिए शरीर को हाइड्रेट बनाए रखना बेहद आवश्यक होता है। दरअसल, डिहाइड्रेशन की वजह से ब्रैडीकार्डिया के लक्षणों में बढ़ोतरी हो सकती है।
  • दवाओं में बदलाव करें: अगर, ब्रैडीकार्डिया की समस्या किसी दवाओं के कारण हो रही है, तो ऐसे में आप डॉक्टर से मिलकर दवाओं को बदलने के लिए कह सकते हैं।
  • पेसमेकर: ब्रैडीकार्डिया के गंभीर मामलों को कम करने या नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर आपको पेसमेकर लगाने की सलाह दे सकते हैं।
  • तनाव को कम करें: तनाव को कम करके आप ब्रैडीकार्डिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप पर्याप्त नींद लें। मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग से आप हृदय गति को नॉर्मल कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: Heart Health: नींद की कमी हार्ट हेल्थ को कैसे प्रभावित करती है? जानें डॉक्टर से

रात के समय हृदय गति की जांच के लिए आप हार्ट रेट ट्रैक करने वाली डिजीटल वॉच और फिटनेस ट्रैकर का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही, किसी भी तरह की समस्या होने पर आप इसे अनदेखा न करें। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज कराएं।

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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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