How To Prevent Elderly From Brain Stroke: ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम है जो हर साल हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक होने पर दिमाग में ब्लड ले जाने वाली ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज हो जाती है। ऐसे में खून और ऑक्सीजन दिमाग तक नहीं पहुंच पाते और स्ट्रोक का कारण बनने लगते हैं। बढ़ती उम्र के साथ खासकर बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है। बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक के बारे में जानकारी भी कम होती है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से कैसे बचाया जाए? इस बारे में हमें जानकारी दी फरीदाबाद के फोर्टिस हॉस्पिटल से न्यूरोलॉजी और हेड न्यूरोइंटरवेंशन डॉ विनीत बंगा ने।
पहले समझें बुजुर्गों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्यादा क्यों होता है? Why Elderly are at Risk of Brain Stroke
बढ़ती उम्र के साथ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. इसके कारण शरीर के साथ मस्तिष्क में भी ब्लड फ्लो धीमा होने लगता है. इतना ही नहीं, बढ़ती उम्र के साथ नसे भी सिकुड़ने लगती है और मेंटल हेल्थ भी कमजोर पड़ने लगती है. इन कारणों से ब्रेन पर ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.
बुजुर्गों में ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं?
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको बुजुर्गों में इनमें से कोई भी लक्षण नजर आ रहा है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क कराएं-
- अचानक से शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी आना। उदाहरण के लिए हाथ या पैर ठीक से न उठा पाना या पकड़ कमजोर होना।
- बोलने में परेशानी होना या आवाज लड़खड़ाने भी ब्रेन स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
- कंफ्यूजन होना या चीजें भूल जाना भी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों में शामिल है। इसके अलावा, अगर अचानक मुंह टेड़ा होने लगे या चक्कर आने लगे तो इन लक्षणों को भी नजरअंदाज न करें।
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बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से कैसे बचा सकते हैं? How Can We Protect Elderly From Brain Stroke
रेगुलर चेकअप करवाएं- Regular Checkups
ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए रेगुलर चेकअप करवाना जरूरी है। हर 3 से 6 महीने में फुल बॉडी चेकअप करवाएं। इससे बॉडी और ब्रेन में चल रही समस्याओं का समय पर पता लगाया जा सकता है।
बीमारियों पर कंट्रोल रखें- Control on Diseases
अगर बुजुर्ग को ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो बीमारियों को कंट्रोल रखने पर काम करें। ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के स्तर में बदलाव आने से परेशानी बढ़ सकती है।
डाइट का विशेष ध्यान रखें- Focus on Diet
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम करने के लिए डाइट पर ध्यान देना जरूरी है। ध्यान रखें कि उनकी डाइट में केवल ताजी सब्जियों और फलों को ही शामिल किया जाए। जंक और प्रोसेस्ड फूड उनकी डाइट में पूरी तरह अवॉइड करें।
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स्ट्रेस कंट्रोल रखना जरूरी- Control Stress
ब्रेन स्ट्रोक होने का कारण स्ट्रेस भी बन सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि उन्हें स्ट्रेस न हो। बॉडी और माइंड रिलैक्स करने के लिए उन्हें वॉक करने की आदत बनाएं। उन्हें हमेशा खुश रखें और अकेला न रहने दें।
इन छोटी-छोटी कोशिशों से बुजुर्गों में भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने पेरेंट्स या ग्रैंड पेरेंट्स में नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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