जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे वह एक्टिव होने लगता है। बच्चा पहले घुटनोंं के बल पर आगे बढ़ने की कोशिश करता है। इसके बाद वह किसी चीज को पकड़कर आगे बढ़ता है और फिर वह पूरे घर में दौड़ना शुरु कर देता है। कुछ बच्चे एक्टिव होते हैं और कुछ कम एक्टिव। लेकिन, बच्चों को अधिक एनर्जी की जरूरत होती है। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों की डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। साथ ही, बच्चे की पोषक आवश्यकताओं के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए। अगर, बच्चे की डाइट में सभी पोषक तत्वों को शामिल किया जाए तो उसकी ग्रोथ बेहतर ढंग से हो पाती है। साथ ही, बच्चे की एनर्जी का लेवल बना रहता है। इस लेख में डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से आगे जानेंगे कि बच्चे को एक्टिव रखने के लिए अभिभावकों को उनकी डाइट किस तरह से प्लान करनी चाहिए।
बच्चे को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है?
बच्चे की पोषण की जरूरतें एक वयस्क के मुकाबले काफी अलग होती है। बच्चे को एक्टिव रखने के लिए उसकी डाइट इस तरह से प्लान करनी चाहिए, जिससे उसे कंप्लीट एनर्जी मिलें। साथ ही, बच्चे की ग्रोथ बेहतर हो और उसकी इम्यूनिटी पावर मजबूत बने। इस दौरान बच्चे को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है? आगे जानते हैं।
- कार्बोहाइड्रेट – बच्चे को एक्टिव रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट से भरपूर डाइट की आवश्यकता होती है। इसके लिए आप बच्चे को साबुत अनाज, फल, सब्जियां और अन्य अनाज दे सकते हैं।
- प्रोटीन – बच्चे की ग्रोथ और मांसपेशियों के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन बच्चे की मांसपेशियों और टिश्यू के निर्माण के लिए जरूरी माना जाता हैं। इसके लिए मां का दूध, फॉर्मूला मिल्क, बीन्स और दालों का सेवन कराएं।
- हेल्दी फैट– ब्रेन के विकास और एनर्जी के लिए आवश्यक हेल्दी फैट की जरूरत होती है। हेल्दी फैट मां के दूध , फॉर्मूला, एवोकाडो और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है।
- विटामिन और मिनरल्स – विटामिन्स और मिनरल्स बच्चे की कंप्लीट हेल्थ और ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण होता है। विटामिन और मिनरल्स के लिए आप बच्चे की डाइट में फल और सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
एक्टिव बच्चे के लिए डाइट प्लान कैसे करें?
हर बच्चे की डाइट उसके वजन और आयु के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आगे आपको एक साल के बच्चे की डाइट के लिए कुछ सुझाव दिये गए हैं। आगे जानते हैं बच्चे की डाइट कैसे प्लान कर सकते हैं।
नाश्ता
- इसमें बच्चे को मैश्ड केला व दलिया दिया जा सकता हैं।
- साबुत अनाज का टोस्ट बनाएं, इससे बच्चे के कार्बोहाइड्रेट मिलता है।
- इसके साथ, कम मात्रा में बच्चे को दही खिला दे सकते हैं।
मिड मॉर्निंग ब्रेकफास्ट
- इस समय बच्चे को आप एक फल (जैसे आम, खरबूजा आदि) स्लाइस में काटकर दे सकते हैं।
- बच्चे की पसंद के फल इस समय दिये जा सकते हैं।
- इसके साथ ही उबली हुई गाजर या अन्य सब्जियां दी जा सकती हैं।
दोपहर का भोजन
- दोपहर के समय बच्चे को आलू की प्यूरी या सूप दे सकते हैं।
- उबली हुई ब्रोकली या मटर में आवश्यक विटामिन और मिनरल्स प्रदान करती हैं।
शाम का स्नैक्स
- इसमें आप बच्चे को पीनर के छोटे-छोटे टुकड़े या अंड़ा दे सकते हैं।
- इसके अलावा घर पर ही बनी चीजों का सेवन करें।
रात का खाना
- इस समय में आप बच्चे को लौकी, कद्दू या तोरी की सब्जी खाने के लिए दे सकते हैं।
- इन सब्जियों का सूप बनाकर भी बच्चे को दिया जा सकता है।
- रात के समय फल की प्यूरी देना ठीक नहीं है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए उनको खिलाएं इस तरह की डाइट, ग्रोथ में मिलेगी मदद
बच्चे को एक्टिव रहने के लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। ज्यादा एक्टिविटी करने से बच्चों को पसीना आ सकता है और ऐसे में उनके शरीर में पानी का सही स्तर बनाए रखने के लिए उनको जूस या अन्य सूप दिये जा सकते हैं। बच्चे की डाइट में बदलाव के लिए आप डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।