हाइपरटेंशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 17 मई को मनाया जाता है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की इस साल की थीम ‘Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, and Live Longer’ (अपने रक्तचाप को सही मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें) है। आजकल की खराब लाइफस्टाइल के कारण हाइपरटेंशन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लंबे समय तक हाइपरटेंशन की शिकायत रहने पर अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं, जिनसे मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इस बारे में हमने डॉ. विनायक अग्रवाल, वरिष्ठ निदेशक एवं प्रमुख – कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम (Dr. Vinayak Agarwal, Senior Director & Head – Non-Invasive Cardiology, Fortis Hospital Gurugram) से उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन के शरीर पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में बात की है।
उच्च रक्तचाप के हानिकारक प्रभाव – Harmful Effects Of Hypertension In Hindi
1. हार्ट अटैक – Heart Attack
हाइपरटेंशन की लंबे समय तक शिकायत रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण धमनियों (आर्टरीज) में रक्त के प्रवाह यानी ब्लड फ्लो का दबाव बढ़ जाता है, धमनियां संकुचित और डैमेज (Narrowed and damaged arteries) हो जाती हैं। इस स्थिति में धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट हो सकती है और हार्ट को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। इसके साथ ही उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट को ब्लड को पंप करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है, जिससे हार्ट की कार्यक्षमता कम हो सकती है और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।
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2. दृष्टि संबंधी समस्याएं – Vision problems
हाइपरटेंशन की समस्या व्यक्ति के विजन को प्रभावित कर सकती है, इसके कारण आंखों में होने वाली छोटी-छोटी ब्लड वैसल्स डैमेज हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति को विजन लॉस यानी दृष्टि हानि हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप हाइपरटेंशन की समस्या को हल्के में न लें और समय पर उचित इलाज करवाएं।
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3. किडनी डैमेज – Kidney Damage
अगर व्यक्ति को लंबे समय से हाइपरटेंशन की शिकायत है तो यह किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण शरीर में ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे किडनी समेत पूरे शरीर को नुकसान पहुंचता है। हाइपरटेंशन से ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आ सकती है, जिसके कारण किडनी ठीक से ब्लड को फिल्टर नहीं कर पाती हैं। हाइपरटेंशन किडनी फेलियर का कारण बन सकता है, जिसमें किडनी खराब हो जाती हैं। जिसके बाद व्यक्ति को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।
4. याददाश्त कमजोर होना – Weak Memory
हाइपरटेंशन केवल हार्ट और ब्लड वेसल्स को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि मस्तिष्क पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जिसके कारण याददाश्त कमजोर होने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। अगर व्यक्ति को लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो यह मस्तिष्क की छोटी ब्लड वेसल्स को संकीर्ण (narrow) कर सकता है, जिससे मस्तिष्क को ब्लड की आपूर्ति कम हो जाती है। जिससे याददाश्त कमजोर होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा डिमेंशिया (Dementia) जैसी गंभीर समस्या भी हाइपरटेंशन के कारण हो सकती है।
हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां, जीवनशैली में बदलाव (स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और स्ट्रेस मैनेजमेंट) जरूरी हैं। इन उपायों से न केवल हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि कई अन्य बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
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