कृषि क्षेत्र के लिए नया डिजिटल यंत्र
कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए, सरकार ने शुक्रवार को एक डिजिटल भू-स्थानिक प्लेटफार्म, कृषी-डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) लॉन्च किया। यह प्लेटफार्म डिजिटल फसल सर्वेक्षण, सटीक उपज अनुमान, फसल क्षति का आकलन, मिट्टी का आकलन और मौसम संबंधी जानकारी को प्रोसेस करने जैसे कई कार्यों में सहायक होगा, जिससे किसानों और अन्य हितधारकों का कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सकता है। तकनीक आधारित फसल उपज अनुमान प्रणाली (YES-TECH) पुराने समय के यादृच्छिक सैंपलिंग और दृश्य आकलन पद्धति को समाप्त करने में मदद करेगी।
बड़े स्क्रीन डैशबोर्ड से मिलेगी सभी खेतों की स्पष्ट तस्वीर
डिजिटल फसल सर्वेक्षण पूरे देश में विभिन्न कृषि मौसमों के दौरान सभी खेतों में बोई गई फसलों की स्पष्ट तस्वीर प्रदान करेगा। सभी जानकारी, जिसमें ग्राउंड ट्रुथ डेटा शामिल है, एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी और कृषि मंत्रालय में कृषी भवन पर स्थापित बड़े स्क्रीन डैशबोर्ड कृषी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) पर प्रदर्शित की जाएगी, जिसे कहीं से भी और कभी भी आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।
डिजिटल फसल सर्वेक्षण 400 जिलों में किया जाएगा
कृषि मंत्री भगीरथ चौधरी द्वारा लॉन्च किया गया कृषी-DSS, कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों और उनके भूमि रिकॉर्ड को कवर करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को अपने बजट भाषण में कृषि में DPI के कार्यान्वयन की घोषणा में उल्लेख किया था कि खरीफ व गर्मी में बोई जाने वाली फसलों के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण 400 जिलों में किया जाएगा।
यह प्लेटफार्म कृषि के लिए देगा संपूर्ण डेटा की सुविधा
कृषी-डिसीजन सपोर्ट सिस्टम प्लेटफार्म कृषि क्षेत्र के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है जो उपग्रह की तस्वीर, मौसम की जानकारी, जलाशय भंडारण, भूजल स्तर और मिट्टी की सेहत की जानकारी सहित समग्र डेटा तक पहुँच प्रदान करेगा। फसल उत्पादन की भविष्यवाणी, सूखा निगरानी, फसल स्वास्थ्य का आकलन, फसल तनाव और फसल क्षति डेटा भी उपलब्ध होगा और फसल बीमा समाधानों में इसका उपयोग किया जा सकेगा। इसकी सहायता से फसलों की निगरानी के साथ विविध फसलों की खेती को प्रोत्साहित करके सतत कृषि को बढ़ावा मिलेगा।
इतना ही नही बल्कि किसानों को सही व्यक्तिगत सलाह, जल्दी आपदा चेतावनी जैसे की कीट हमले, भारी बारिश और ओलावृष्टि आदि की जानकारी भी उपलब्ध हो सकेगी। फसल 2.0 पहलों के तहत अंतरिक्ष, एग्रीमेट्रोलॉजी और भूमि आधारित अवलोकनों का उपयोग करके कृषि उत्पादन की भविष्यवाणी डेटा भी इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी। वर्तमान में, धान, गन्ना, गेहूं, कपास, सोयाबीन, सरसों, चना, दाल और आलू पर डेटा उपलब्ध है।
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