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- Gold Price 2024; Gold ETFs Investment Benefits Explained | Exchange Traded Fund
नई दिल्ली3 मिनट पहले
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अगले एक साल में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस फर्म सिटीबैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 के मध्य तक सोने की कीमत 3000 डॉलर (2.5 लाख रुपए) प्रति औंस यानी 88,450 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। यह अभी की सोने की कीमत 73,339 रुपए प्रति से 23% ज्यादा है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी लेबर मार्केट में कमजोरी और मंदी जैसे कारणों से अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा सकता है। इससे साल के अंत तक सोने और चांदी की कीमत में तेजी आ सकती है। ऐसे में इस समय सोने में निवेश आपको फायदा दिला सकता है।
अगर आप भी सोने में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ETF में निवेश एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसने बीते 1 साल में 24% तक का रिटर्न दिया है। ऐसे में यहां हम आपको गोल्ड ETF के बारे में बता रहे हैं…
सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है ETF
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।
गोल्ड ETF में निवेश करने के 5 फायदे
- कम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना: ETF के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वेलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो पाता।
- मिलता है शुद्ध सोना: गोल्ड ETF की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड अलग-अलग विक्रेता/ज्वेलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
- नहीं आता ज्वेलरी मेकिंग का खर्च: गोल्ड ETF खरीदने में 1% या इससे कम की ब्रोकरेज लगती है, साथ ही पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30% मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है, जो ज्वेलर और बैंक को देना पड़ता है, भले ही आप सिक्के या बार खरीदें।
- सोना रहता है सुरक्षित: इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट अकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ सालाना डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा पर भी खर्च करना होता है।
- व्यापार की आसानी: गोल्ड ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसमें कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।