नई दिल्ली40 मिनट पहले
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वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 6.7% पर आ गई है। यह पिछली पांच तिमाही में सबसे कम है। पिछले साल की समान तिमाही यानी Q1FY24 में यह 8.2% रही थी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के लिए GDP के आंकड़े आज शुक्रवार (30 अगस्त) को जारी किए हैं। वहीं वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही यानी, जनवरी-मार्च 2024 में जीडीपी ग्रोथ 7.8% रही थी।
पूरे FY24 में जीडीपी ग्रोथ 8.2% रही थी। FY23 में GDP ग्रोथ 7% रही थी। FY24 की GDP ग्रोथ रिजर्व बैंक के 7% के अनुमान से 1.2% ज्यादा रही थी।
पहली तिमाही में GVA 6.8% रहा
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड यानी, GVA 6.8% रहा है। पिछले साल की समान तिमाही यानी Q1FY24 में यह 8.3% रही थी।
वहीं वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड यानी, GVA 6.3% रहा था। वहीं पूरे साल में GVA 7.2% की दर से बढ़ा था। एक साल पहले यानी, FY23 में GVA ग्रोथ 6.7% रही थी।
RBI का GDP अनुमान:
वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को मापती है GDP
GDP देश में एक अवधि के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। ये इकोनॉमी की हेल्थ को बताती है।
रियल और नॉमिनल, दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।
ग्रॉस वैल्यू एडेड यानी GVA क्या है?
साधारण शब्दों में कहा जाए तो GVA से किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि किस खास क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है।
नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से देखें तो मैक्रो लेवल पर GDP में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह GVA होता है। अगर आप प्रोडक्शन के मोर्चे पर देखेंगे तो इसको नेशनल अकाउंट्स को बैलेंस करने वाला आइटम पाएंगे।