मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि पर आने वाले आंकड़े मिले-जुले हैं, लेकिन सकारात्मक कारक नकारात्मक पहलुओं से अधिक हैं। दास ने ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ के वार्षिक बीएफएसआई कार्यक्रम में कहा कि अंतर्निहित आर्थिक गतिविधियां कुल मिलाकर मजबूत बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो आंकड़े आ रहे हैं, वे मिले-जुले हैं, लेकिन सकारात्मक पहलू नकारात्मक पहलुओं से अधिक हैं और कुल मिलाकर अंतर्निहित गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं।’’
गौरतलब है कि कई विश्लेषक वृद्धि के बारे में चिंता जता रहे हैं। ऐसा खासकर आधिकारिक आंकड़ों के आने के बाद हुआ, जब वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वृद्धि दर 15 तिमाहियों के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत पर आ गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) हालांकि 2024-25 के लिए 7.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान पर कायम है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि यह सात प्रतिशत से कम रहेगी।
दास ने कहा कि आरबीआई अपने अनुमान पर पहुंचने के लिए 70 से अधिक उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों पर नजर रखता है। दास ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन या आईआईपी के आंकड़े, और रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) की शहरी मांग में नरमी है। इसके अलावा, सितंबर तिमाही में सब्सिडी खर्च में वृद्धि हुई है और इसका दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर असर पड़ेगा। उन्होंने सकारात्मक पहलुओं में जीएसटी ई-वे बिल, टोल संग्रह, हवाई यात्री यातायात और इस्पात तथा सीमेंट उद्योग के अच्छे प्रदर्शन का जिक्र किया।