नई दिल्ली46 मिनट पहले
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कल की बड़ी खबर थोक महंगाई और गूगल से जुड़ी रही। जुलाई में थोक महंगाई घटकर 2.04% पर आ गई है। जून में ये बढ़कर 3.36% पर पहुंच गई थी, जो महंगाई का 16 महीनों का ऊपरी स्तर था।
टेक कंपनी गूगल ने अपने सालाना इवेंट ‘मेड बाय गूगल’ में पिक्सल 9 सीरीज को लॉन्च किया। कंपनी ने इसमें टोटल 4 स्मार्टफोन लॉन्च किए। कंपनी ने भारत में पहला फोल्ड फोन भी लॉन्च किया।
वहीं, एडटेक कंपनी बायजूस को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को NCLAT के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें फर्म और BCCI के बीच समझौते को NCLAT ने स्वीकार कर लिया था।
कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां…
- स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के चलते आज शेयर बाजार बंद रहेगा।
- ओला का संकल्प इवेंट- कंपनी इसमें पहली इलेक्ट्रिक बाइक लॉन्च करेगी।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा का इवेंट- कंपनी महिंद्रा 5-डोर थार लॉन्च करेगी।
अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें…
1. जुलाई में थोक महंगाई घटकर 2.04% पर आई: रोजाना की जरूरत वाले सामानों के दाम कम हुए, जून में महंगाई 3.36% थी
जुलाई में थोक महंगाई घटकर 2.04% पर आ गई है। जून में ये बढ़कर 3.36% पर पहुंच गई थी, जो महंगाई का 16 महीनों का ऊपरी स्तर था। वहीं, मई में थोक महंगाई 2.61% पर थी। 14 अगस्त को जुलाई महीने के थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए गए।
इससे पहले 12 अगस्त को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए गए थे। जुलाई महीने में रिटेल महंगाई घटकर 3.54% पर आ गई है। ये 59 महीने का निचला स्तर है। अगस्त 2019 में महंगाई 3.21% थी। खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से महंगाई घटी थी।
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2. गूगल का भारत में पहला फोल्डेबल फोन लॉन्च: पिक्सल 9 प्रो फोल्ड की कीमत ₹1.30 लाख, वॉच 3 और बड्स प्रो 2 भी पेश किए
टेक कंपनी गूगल ने मंगलवार (13 अगस्त) को देर रात हुए सालाना इवेंट ‘मेड बाय गूगल’ में पिक्सल 9 सीरीज को लॉन्च कर दिया है। कंपनी की इस सीरीज में पिक्सल 9, पिक्सल 9 प्रो, पिक्सल 9XL और पिक्सल 9 प्रो फोल्ड शामिल हैं। इसके अलावा, वैरिएबल डिवाइस में पिक्सल वॉच 3 और बड्स प्रो 2 भी पेश किए गए।
पिक्सल सीरीज के फोन कई AI फीचर्स से लैस हैं। इनमें पिक्सल स्क्रीनशॉट, जेमिनी AI, जेमिनी लाइव, पिक्सल स्टूडियो, सर्किल टु सर्च, एआई वेदर समरी और कॉल नोट्स शामिल हैं। गूगल अपने फोन्स पर 7 साल तक सपोर्ट देगा। इसमें OS अपडेट, सिक्योरिटी अपडेट, फीचर ड्रॉप और AI इनोवेशन मिलेंगे।
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3. बायजूस-BCCI समझौते पर सुप्रीम कोर्ट की रोक: NCLAT ने सेटलमेंट को मंजूरी दी थी, टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप से जुड़ा है केस
एडटेक कंपनी बायजूस को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को NCLAT के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें फर्म और BCCI के बीच समझौते की अनुमति दी गई थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि बायजूस ने BCCI को जो 158 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है, उसे एक अलग एस्क्रो अकाउंट में रखा जाएगा।
इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होनी है। बायजूस ग्रुप की कंपनी के कुछ लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले US बेस्ड ग्लास ट्रस्ट ने 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी। इस अपील में ट्रिब्यूनल के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें बायजूस और BCCI को पेमेंट के मामले को सेटल करने की अनुमति दी गई थी।
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4. मॉरीशस फाइनेंशियल कमिशन ने हिंडनबर्ग के आरोपों का जवाब दिया: कहा- शेल कंपनियां बनाने की अनुमति नहीं देते, SEBI चीफ से जुड़े फंड मॉरीशस बेस्ड नहीं
मॉरीशस के फाइनेंशियल सर्विसेज कमिशन (FSC) ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का जवाब दिया है। FSC ने स्टेटमेंट में कहा कि मॉरीशस शेल कंपनियों को बनाने की अनुमति नहीं देता है। इतना ही नहीं इसे ‘टैक्स हेवन’ के रूप में लेबल भी नहीं किया जाना चाहिए।
मॉरीशस में नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर और ग्लोबल बिजनेस के लिए बनाए गए रेगुलेटर के रूप में FSC ने अपने लेजिसलेटिव फ्रेमवर्क की मजबूती पर भी जोर दिया। FSC ने कहा, ‘मॉरीशस में ग्लोबल बिजनेस कंपनियों के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क है।’
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5. पहली तिमाही में ओला को ₹347 करोड़ का घाटा: इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी का रेवेन्यू 32% बढ़ा; लिस्टिंग के बाद 45% चढ़ा शेयर
भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 347 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 267 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का लॉस 30% बढ़ा है।
कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में यह 1644 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 32.26% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1243 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।
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6. स्पाइसजेट का मुनाफा 20% कम होकर ₹158 करोड़: पहली तिमाही में रेवेन्यू भी 15% कम हुआ, इस साल 9% गिरा शेयर
कर्ज में डूबी एयरलाइन स्पाइसजेट को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 158 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार (YoY) पर यह 20% कम हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 198 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
स्पाइसजेट के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 1,708 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर यह 15% कम हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की पहली तिमाही में रेवेन्यू 2,004 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।
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