वकील (डॉ.) प्रशांत माली, साइबर क्राइम एक्सपर्ट2 घंटे पहले
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ऑनलाइन भुगतान ने लेनदेन को बेहद आसान बना दिया है। लेकिन एक गलत क्लिक आपकी जिंदगी भर की कमाई को जोखिम में डाल सकती है। स्कैमर लगातार तकनीकों को बेहतर बना रहे हैं और फ्रॉड कर रहे हैं। साइबर अपराधी अक्सर हमारी भावनाओं का फायदा उठाते हैं। वे हमें डराते और लालच देते हैं। बुनियादी जागरूकता आपको ऐसे स्कैम से बचा सकती हैं। किसी भी संदेश या ईमेल पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें। थोड़ा समय लें व स्थिति का आकलन करें।
राजेश का ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव
राजेश ने गैजेट लेने के लिए ऑनलाइन लिंक पर क्लिक किया, जहां 50% डिस्काउंट का ऑफर दिख रहा था। राजेश ने आकर्षित होकर ऑर्डर किया और ठगी का शिकार हो गया।
राजेश को क्या करना चाहिए था?
- राजेश को वेबसाइट की जांच करनी चाहिए थी। वह रिव्यू पढ़कर देख सकता था कि क्या लोग उस साइट पर खरीदारी से संतुष्ट हैं। अगर रिव्यू नकारात्मक होते, तो वह सतर्क हो जाता।
- यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि वेबसाइट का यूआरएल https: से शुरू होता है। लॉक आइकॉन की जांच करता। अगर ऐसा नहीं है, तो वेबसाइट सुरक्षित नहीं है।
- राजेश ने बिना सोचे-समझे लिंक पर क्लिक किया। अगर वह ईमेल या विज्ञापन में आए लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच करता, तो फिशिंग के जाल में नहीं फंसता।
- राजेश अपने डिवाइस में सिक्युरिटी सॉफ्टवेयर रखता तो वायरस और मालवेयर से सुरक्षा मिलती। इससे उसकी जानकारी भी सुरक्षित रहती।
और किन बातों का ध्यान रखें?
- केवल वेरिफाइड एप इंस्टॉल करें: किसी लिंक की मदद से एप डाउनलोड न करें। गूगल प्ले, विंडोज एप या एपल एप स्टोर से डिवाइस पर वेरिफाइड एप ही इंस्टॉल करें।
- सुरक्षित इंटरनेट इस्तेमाल करें: रेलवे स्टेशन, होटल लाउंज या एयरपोर्ट पर मुफ्त वाई-फाई इस्तेमाल न करें। सार्वजनिक हॉटस्पॉट के जरिए लेनदेन न करें।
- डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें: कार्ड का इस्तेमाल अपने आप ही करें। फर्जी मशीन के जरिए स्कैमर कार्ड को कॉपी कर सकता है।
- फोन/कम्प्यूटर के लिए सुरक्षा सॉफ्टवेयर पर समझौता न करें: हमेशा अपने पीसी/लैपटॉप व मोबाइल सुरक्षा को अपडेट रखें। हमेशा विशेष वर्णों, अक्षरों, संख्याओं और ऊपरी और निचले केस के संयोजन के साथ मजबूत पासवर्ड सेट करें। नियमित पासवर्ड बदलना न भूलें। इसे मोबाइल में सेव न करें।
- याद रखें… गोपनीय जानकारी कभी नहीं मांगी जाती: बैंक अधिकारी या दूरसंचार कंपनी कभी भी ओटीपी, सीवीवी, केवाईसी जैसी गोपनीय जानकारी कॉल पर नहीं मांगते।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: ये संदिग्ध लिंक विदेश में लॉटरी या घर बैठे हजारों रुपए कमाने के दावों के साथ आपका ध्यान आकर्षित कर सकते हैं। ऐसे लिंक आपको फिशिंग साइट पर ले जा सकते हैं।
- पर्सनल अकाउंट पर पेमेंट न करें: कोई भी पैसा ट्रांसफर करने से पहले, जिस कंपनी या व्यक्ति के साथ आप काम कर रहे हैं उसके बारे में पूरी तरह से शोध कर लें। किसी के पर्सनल अकाउंट में पेमेंट न करें। याद रखें, वैध कंपनियां आपसे कभी भी किसी व्यक्ति के बैंक खाते में भुगतान करने के लिए नहीं कहेंगी।
धोखाधड़ी होने पर क्या करें?
डेबिट या क्रेडिट कार्ड खो या चोरी हो जाता है तो तुरंत बैंक को सूचित करें। कार्ड को ब्लॉक करवाना नुकसान से बचने का पहला कदम है।साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें। 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं या www.cybercrime.gov.in पर संपर्क करें।