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- Finance Minister Nirmala Sitharaman Urges Banks To Focus On ‘core Banking’ At Post Budget Meeting
नई दिल्ली53 मिनट पहले
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से ‘कोर बैंकिंग’ पर फोकस करने का आग्रह किया है। निर्मला सीतारमण ने 10 (शनिवार) अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के साथ पोस्ट-बजट मीटिंग में यह बात कही है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘बैंकों को अपने फंडामेंटल ऑपरेशन पर फोकस करने की आवश्यकता है। सरकार और RBI लगातार बैंकों से डिपॉजिट कलेक्शन और पैसे उधार देने सहित कोर बैंकिंग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह रहे हैं।’
डिपॉजिट और लेंडिंग के बीच असंतुलन को दूर करने के लिए सीतारमण ने बैंकों से लोगों से फंड जुटाने के लिए इनोवेटिव और अट्रैक्टिव डिपॉजिट स्कीम्स लाने को कहा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के साथ पोस्ट-बजट मीटिंग की। इस मीटिंग में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल रहे।
बैंकों को अपनी इंटरेस्ट रेट्स तय करने का अधिकार है: RBI गवर्नर
मीटिंग को संबोधित करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों को अपनी इंटरेस्ट रेट्स तय करने का अधिकार है, क्योंकि डिपॉजिट और लेंडिंग दोनों दरें डी-रेगुलेटेड यानी नियंत्रणमुक्त हैं।
दास ने डिपॉजिट और लेंडिंग के बीच असंतुलन पर चिंता व्यक्त की थी
8 अगस्त को RBI गवर्नर ने बाय-मंथली मॉनेटरी पॉलिसी पेश करते हुए बैंकिंग सेक्टर में डिपॉजिट और लेंडिंग के बीच असंतुलन पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि बैंक बढ़ती क्रेडिट डिमांड को पूरा करने के लिए शॉर्ट-टर्म नॉन-रिटेल और लायबिलिटी के अदर इंस्ट्रूमेंट्स का ज्यादा सहारा ले रहे हैं।
बैंकिंग सिस्टम में स्ट्रक्चरल लिक्विडिटी इश्यू पैदा हो सकते हैं
दास ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘इससे बैंकिंग सिस्टम में स्ट्रक्चरल लिक्विडिटी इश्यू पैदा हो सकते हैं।’ RBI गवर्नर ने कहा था कि इसलिए बैंक इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की पेशकश के माध्यम से और अपने ब्रांच नेटवर्क का पूरा लाभ उठाकर घरेलू वित्तीय बचत को जुटाने पर ज्यादा फोकस कर सकते हैं।