Laysoff News: कंटेंट क्रिएटर शरण हेगड़े ने 1%क्लब से 15 फीसदी एंप्लॉयीज की छुट्टी कर दी है। उन्हें इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत किए हुए अभी करीब दो साल ही हुए हैं और उन्होंने कॉस्ट-कटिंग के तहत यह फैसला ले लिया है। शरण हेगड़े का कहना है कि हायरिंग की गलतियों और बढ़ते खर्चों के चलते ही उन्होंने वर्कफोर्स को कम करने का फैसला लिया है। अब कंपनी का फोकस एआई के जरिए लागत कम करने का है। शरण हेगड़े एक फाइनेंशियल कंटेंट क्रिएटर हैं जिनके इंस्टाग्राम पर 27 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं जो लोगों को वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने में मदद करते हैं। उन्होंने कंपनी की शुरुआत वर्ष 2022 में की थी।
‘दिवालिया नहीं हुए हैं शरण हेगड़े’
शरण हेगड़े ने करीब दो साल पुरानी कंपनी में 15 फीसदी एंप्लॉयजी की छुट्टी कर दी तो इसे लेकर शरण के करीबी परेशान हो गए। हालांकि उन्होंने लिंक्डइन पर एक लंबी पोस्ट लिखी और कहा कि उन्होंने 15 फीसदी की छंटनी की है तो कई दोस्तों के संदेश क्या कि क्या वह दिवालिया हो रहे हैं? इस पर आगे शरण ने कहा कि फाइनेंशियल इनफ्लूएंसर के तौर पर जिसने वित्तीय शिक्षा को लेकर ही अपना कैरियर बनाया है, वह खुद ही दिवालिया हो जाएगा? उन्होंने स्पष्ट किया कि मुंबई में 5 हजार स्क्वॉयर फीट का ऑफिस पूरी तरह से कंपनी के मुनाफे से हुआ। इसके अलावा निवेशकों के 10 करोड़ रुपये एफडी खाते में बना हुआ है जिस पर 8.5 फीसदी यील्ड मिल रही है।
फिर क्यों हुई छंटनी?
छंटनी को लेकर उनका नोट रेडिट पर एक अंजान पोस्ट के बाद आया जिसमें एक शख्स ने कहा कि कंपनी ने 40 एंप्लॉयीज की छुट्टी कर दी है जिसमें एक खुद वह है। अंजान पोस्ट में दावा किया गया कि कंपनी ने आधे वीडियो क्रिएटर्स, सभी कंटेट क्रिएटर्स और लगभग सभी ग्राफिक डिजाइनर्स, कई वाइस प्रेसिडेंट और असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट को निकाल दिया है। शरण हेगड़े का कहना है कि 1% क्लब की शुरुआत बेडरूम से 5 इंटर्न के साथ 2 साल पहले हुई थी और आज इसमें करीब 200 एंप्लॉयीज हैं। आगे उन्होंने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है, जब आप इतनी तेज़ी से बढ़ते हैं, तो हायरिंग और खर्चों को लेकर कुछ गलतियां हो जाती है। शरण ने कहा कि वह और राघव गुप्ता अपनी वित्तीय योजना और सतर्कता को लेकर बहुत सख्त हैं और वे इस कंपनी को बिना किसी निवेशक पूंजी का इस्तेमाल किए हुए चला रहे हैं। शरण हेगड़े ने बेंगलुरु से इंजीनियरिंग की है। कंटेट क्रिएशन और मुंबई आने से पहले उन्होंने केपीएमजी और पीडब्ल्यूसी में काम किया था।