फीमेल मास्टरबेशन सेक्स से जुड़ी सबसे बड़ी गलतफहमियों में से एक है। यह एक सामान्य बातचीत का हिस्सा नहीं है, क्योंकि यह पुरुष प्रधान समाज की सेक्स और संबंधों की सोच से एक अलग पक्ष पर दिखाई देता है।
फीमेल मास्टरबेशन एक नैचुरल प्रक्रिया है जिसमें महिलाएं अपने शरीर के इमोशन से जुड़ पाती हैं और प्लेजर का अनुभव करती हैं। यह न केवल एक पर्सनल प्लेजर का साधन है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी कई लाभ भी प्रदान करता है। आज के हेल्थशॉट्स में हम फीमेल मास्टरबेशन के विभिन्न पहलुओं, इसके लाभ और दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। यह न केवल महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, बल्कि समाज में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना भी आवश्यक है। महिलाएं अपने सेक्सुअल हेल्थ और खुशी के लिए अपनी पसंद को समझें और उसे स्वीकारें।
फीमेल मास्टरबेशन (Female Masturbation) क्या है?
अपने जैनाइटल्स को सेक्स के लिए खुद से उत्तेजित करना फीमेल मास्टरबेशन कहलाता है। यह तनाव को कम करने, मूड को तुरंत बेहतर बनाने और सामान्य स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करता है। इसमें वैजाइना, क्लिटोरिस और वल्वा का प्लेजर शामिल है, या क्लिटोरिस को रगड़ने से ओर्गेज्म तक पहुंचना। महिलाएं अपने हाथों या सेक्स टॉयज़ जैसे डिल्डो या वाइब्रेटर का उपयोग कर सकती हैं।
यह केवल खुद को प्लेजराइज करने का एक तरीका ही नहीं बल्कि इसके कई लाभ भी हैं। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट का क्या कहना है।श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली के अब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट में सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. मीनाक्षी बंसल कहती हैं कि “फीमेल मास्टरबेशन को लेकर सामान्य बात यह है कि ये एक नैचुरल शारीरिक प्रक्रिया है, जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर नहीं होता जब तक इसे संतुलित रूप से किया जाए।”
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एक्सपर्ट बता रही हैं फीमेल मास्टरबेशन के लाभ (Benefits of female masturbation)
डॉ. मीनाक्षी इसके फायदे बताते हुए कहती हैं कि “महिलाओं में ये शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई बार फायदेमंद हो सकता है, जैसे तनाव कम करना, नींद में सुधार लाना, और सेक्सुअल सेल्फ-अवेयरनेस बढ़ाना।
1. बेहतर मानसिक स्वास्थ्य
अन्य सेक्स की गतिविधियों की तरह, मास्टरबेशन भी दिमाग के सुख वाले हिस्से से अच्छे हार्मोनों के रिलीज को बढ़ावा देता है। डोपामिन, ऑक्सीटोसिन, एंडॉर्फिन, और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन डिप्रेशन और एंग्जाइटी की भावनाओं को कम कर सकते हैं, साथ ही आपकी काॅन्फीडेंस को भी बढ़ा सकते हैं। जब आप उत्तेजित होती हैं, तो आपके शरीर में मूड को बेहतर करने वाले हार्मोन, जैसे डोपामिन और एपिनेफ्रीन, का स्तर बढ़ जाते हैं। इसलिए, महिलाओं में भावनात्मक तनाव को कम करता है। ये पढें: मास्टरबेशन बढ़ा सकता है हैप्पी हार्मोन, जानें इसे रोमांचक बनाने के कुछ आसान टिप्स
2. पिरियड क्रैम्प्स में राहत
आपके पीरियड के दर्द को मास्टरबेशन के माध्यम से कम किया जा सकता है। जब आप पीरियड्स में होती हैं, तो सेक्स के बारे में सोचना मुश्किल होता है, लेकिन मास्टरबेशन से पीरियड के दर्द को हल्का किया जा सकता है। यह ऑक्सीटोसिन को रिलीज करता है, जो एक अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन है, जो स्वाभाविक रूप से दर्द को कम करता है और सबसे खराब पीरियड के क्रैम्प्स से भी निपटने में मदद करता है।
3. मेनोपॉज के लक्षणों में राहत
मेनोपॉज़ के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का सामना करना मुश्किल होता है। लेकिन मास्टरबेशन इनमें से कुछ समस्याओं में मदद कर सकता है। यदि मेनोपॉज़ के दौरान सेक्स आपके लिए बेहद दर्दनाक हो सकता है, तो यह एक संभावित समाधान हो सकता है। फीमेल मास्टरबेशन का एक बड़ा लाभ यह है कि यह ब्लड फ्लो, लिबिडो, टीश्यू और माॅइस्चर को कम कर सकता है, जिनसे आमतौर पर पोस्ट-मेनोपॉज़ल महिलाएं जूझती हैं।
4. आरामदायक नींद
कई लोगों के लिए बिस्तर पर जाने से पहले मास्टरबेट करना एक सामान्य बात है। इसका मुख्य कारण यह है कि आपके दिमाग से ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन, वासोप्रेसिन, और प्रोलैक्टिन जैसे न्यूरोकैमिकल्स का मिश्रण रिलीज होता है, जो आपके शरीर को सोने के लिए तैयार करता है।
5. सर्विकल इन्फेक्शन से बचाव
एक और लाभ यह है कि यह सर्वीकल इन्फेक्शन को रोकने में मदद कर सकता है। जो महिलाएं युरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन(UTI) से ग्रसित होती हैं, उनमें मास्टरबेशन की इच्छा अन्य महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। यह दर्द को कम करता है, सर्विक्स से हानिकारक बैक्टीरिया को हटाता है और योनि को चिकना करता है।
6. सेक्सुअल सेल्फ-अवेयरनेस
मास्टरबेशन आपको अपने सेक्सुअल प्लेजर के बारे में अधिक जानकार बनाता है। इससे आप अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों और उनकी संवेदनाओं को समझ पाती हैं। मास्टरबेशन करते समय आप अपनी इच्छाओं और पसंद को जानने का मौका पाती हैं। यह आपको यह समझने में मदद करता है कि ओर्गेज्म कैसे प्राप्त होता है, जिससे आप अपने साथी के साथ बेहतर संवाद कर सकती हैं। आप यह जान पाती हैं कि अपने शरीर की देखभाल कैसे करनी है।”
क्या महिलाओं के मास्टरबेट करने के कुछ नुक़सान भी हो सकते हैं?
डॉ. मीनाक्षी आगे समझाती हैं कि “यह पूरी तरह से सुरक्षित है जब तक इसे अत्यधिक रूप से न किया जाए। यदि मास्टरबेशन बहुत अधिक बार किया जाता है या गलत तरीके से किया जाता है, तो यह कभी-कभी जैनाइटल्स में जलन या सूजन पैदा कर सकता है। यदि इससे आपके रोजमर्रा के जीवन या रिश्तों पर असर पड़ रहा है, तो यह अस्वस्थ हो सकता है।
इसके अलावा साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान ना रखने से एस टी आई या यूटीआई का खतरा भी हो सकता है। ऐसे में मास्टरबेशन तब तक ही सुरक्षित है जब तक इसे संतुलन के साथ और स्वस्थ तरीके से किया जाए। साथ ही किसी भी प्रकार की असुविधा या शारीरिक परेशानी होने पर गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरुरी है।”
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