[ad_1]

पराली जलाने से होने वाले नुकसान
- गोरखपुर: कृषि विभाग की टीम ने गोरखपुर में पराली जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर किसानों को जागरूक किया है। जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने खेतों में पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को जानकारी दी।
- वायु प्रदूषण बढ़ता है: खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- मिट्टी की उर्वरता कम होती है: पराली जलाने से खेतों की मिट्टी गर्म हो जाती है, जिससे मिट्टी में मौजूद जीवांश कार्बन नष्ट हो जाता है। जीवांश कार्बन मिट्टी की उर्वरता के लिए महत्वपूर्ण है।
- फसलों की उत्पादकता घट जाती है: जीवांश कार्बन की कमी से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसके कारण फसलों की उत्पादकता घट जाती है।
- जैविक जीवाणु मर जाते हैं: पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद लाभदायक जैविक जीवाणु मर जाते हैं, जो फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
- कृषि विभाग का आग्रह: कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खेतों में पराली को न जलाएं। पराली को गड्ढे में डालकर उसे जैविक खाद में बदल दिया जा सकता है। इस जैविक खाद को खेतों में इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसलों की उत्पादकता भी बढ़ती है।
ध्यान देने योग्य बातें:
- गेहूं की कटाई के बाद खेतों में छोड़े गए फसल अवशेषों को ही पराली कहा जाता है।
- खेतों में पराली जलाने पर सरकार द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है।
- कृषि विभाग किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है।
ये भी पढ़ें… हरियाणा, भिवानी में फसल अवशेष जलाने पर रोक, टीमों का गठन, सख्त कार्रवाई और किसानों से अपील
[ad_2]
Source link