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Falgun 2024 Vrat and Tyohar List: पिछले दिनों 24 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर पुण्य स्नान करने के साथ ही माघ माह का समापन हुआ। हिंदू संवत्सर का अंतिम महीना फाल्गुन माह का प्रारंभ हो चुका है, इसका समापन 25 मार्च को रंगों का पर्व होली मनाने के साथ होगा।
By Shravan Kumar Sharma
Publish Date: Fri, 01 Mar 2024 02:31 PM (IST)
Updated Date: Fri, 01 Mar 2024 02:31 PM (IST)

HighLights
- – फाल्गुन माह में छाएगी पर्व-त्यौहार की बहार
- – फाल्गुन का समापन रंगों का पर्व होली पर होगा
Falgun 2024 Vrat and Tyohar List: पिछले दिनों 24 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर पुण्य स्नान करने के साथ ही माघ माह का समापन हुआ। 25 फरवरी से हिंदू संवत्सर का अंतिम महीना फाल्गुन (Falgun) माह का प्रारंभ हो चुका है, इसका समापन 25 मार्च को रंगों का पर्व होली मनाने के साथ होगा। पूरे महीनेभर तक वसंत ऋतु की बहार छाएगी और श्रद्धालु राधे-कृष्ण की भक्ति में डूबकर रंगों से सराबोर होंगे। अनेक मंदिरों में भगवान के चरणों में प्रतिदिन गुलाल, अबीर अर्पित करने की परंपरा निभाई जाएगी।
संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता पं.चंद्रभूषण शुक्ला के अनुसार हिंदू संवत्सर के आखिरी माह फाल्गुन में अनेक श्रीकृष्ण मंदिरों में होलीत्सव का आयोजन किया जा रहा है। वसंत ऋतु के आगमन की खुशी मनाई जा रही है। इस महीने सबसे बड़ा पर्व होलिका दहन, रंगों की होली जैसे आयोजनों की धूम मचेगी। इससे पूर्व गली-मोहल्लों में पारंपरिक फाग गीतों का आनंद लिया जाएगा।
फाल्गुनी नक्षत्र में ग्रीष्म ऋतु का शुभारंभ
श्री शुक्ला के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर फाल्गुनी नक्षत्र होने से इस महीने को फाल्गुनी माह कहा जाता है। यह आनंद और उल्लास का महीना माना जाता है। ठंड का मौसम खत्म होता है और गर्मी धीरे-धीरे तेज होने लगती है। चंद्रमा और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा को महत्व दिया गया है। संतान प्राप्ति के लिए बाल कृष्ण की, प्रेम,आनंद के लिए युवा कृष्ण की और ज्ञान, वैराग्य में वृद्धि के लिए गुरु कृष्ण की पूजा करने की मान्यता है। फाल्गुन में मां लक्ष्मी और मां जानकी की पूजा का भी विधान है।
फाल्गुन माह में ध्यान रखें
मांस, मदिरा से दूर रहें। संतुलित आहार करें, गर्म पानी से स्नान ना करें, शीतल जल से स्नान करें। अनाज कम, फल अधिक खाएं। शरीर की सफाई, अच्छा रहन-सहन और चरित्र में शालीनता बरतें। शिवजी को बेलपत्र अर्पित करें। श्रीकृष्ण-राधा की पूजा करें। देवी-देवताओं को रंग, गुलाल,अबीर अर्पित करें।दान-पुण्य करें। बुजुर्गों की सेवा करें। फाल्गुन माह में तुलसी का पौधा लगाकर प्रतिदिन पूजा करें।
इस महीने मनाए जाएंगे पर्व, त्यौहार
फाल्गुन माह में मुख्य रूप से महाशिवरात्रि, कुंज एकादशी, होलिका दहन, होली का पर्व मनाया जाता है। होली से आठ दिनों पूर्व होलाष्टक प्रारंभ होता है, आठ दिनों तक शुभ कार्य करने की मनाही है।
4 मार्च – मां जानकी जयंती
6 मार्च – विजया एकादशी
8 मार्च – महाशिवरात्रि
10 मार्च – फाल्गुन अमावस्या
14 मार्च – सूर्य का मीन राशि में प्रवेश
20 मार्च – आमलकी, कुंज एकादशी
22 मार्च – शुक्र प्रदोष व्रत
24 मार्च – होलिका दहन
25 मार्च – धुलेंडी, चंद्रग्रहण, चैतन्य महाप्रभु जयंती
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