महिलाएं जब रजोनिवृत्ति के करीब पहुँचती हैं, तो उस वक्त शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर तेज़ी से गिरने लगता है। उसी वक्त शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जो शरीर में वजन बढ़ने का कारण बन साबित होता है।
उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में एक एक कर कई बदलाव आने लगते है। उन्हीं में से एक है मेनोपॉज। जैसे जैसे आप 50 की उम्र के करीब पहुँचती हैं। उसका असर पीरियड साइकल पर देखने को मिलता है। पीरियड अनियमित होने लगते है और महिलाएं रजोनिवृत्ति यानि मेनोपॉज के नज़दीक पहुंचने लगती है। इसके तहत 12 महीने तक पीरियड्स न आना रजोनिवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे में अक्सर महिलाओं को मोटापे की समस्या से दो चार होना पड़ता है। शरीर को हेल्दी और एक्टिव रखने के लिए दवाओं के अलावा वर्कआउट बेहतरीन विकल्प है। जानते हैं शरीर को मेनोपॉज के बाद मोटापे से बचाने के लिए एक्सरसाइज़ (exercise for menopause belly fat) ।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार महिलाएं जब रजोनिवृत्ति के करीब पहुँचती हैं, तो उस वक्त शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर तेज़ी से गिरने लगता है। उसी वक्त शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जो शरीर में वजन बढ़ने का कारण बन साबित होता है।
इन एक्सरसाइज़ की मदद से मेनोपॉज बैली फैट को कम करने में मिलेगी मदद
1. रिवर्स क्रंच (Reverse crunch)
पेट की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने और कमर के आसपास जमा चर्बी को दूर करने के लिए रिवर्स क्रंच बेहद फायदेमंद है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर को फायदा पहुंचाता है। इससे शरीर में लचीलापन बना रहता है।
जानें इसे करने की विधि
- इस क्रंच को करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं। उसके बाद घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़कर उपर की ओर उठाएं।
- टांगों के बीच हल्की दूरी बनाकर रखें। अब घुटनों को छाती के पास लाएं। उसके बाद हिप्स को ज़मीन से ऊपर की ओर उठाएं।
- उसके बाद एड़ियों को नीचे लगाकर फिर दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं। रोज़ाना इसका अभ्यास करें ।
2. प्लैंक (Plank)
बैली फैट को कम करने के लिए इसका अभ्यास कारगर साबित होता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है और बॉडी फंक्शनिंग बढ़ने लगती है। शरीर हेल्दी रहता है और पोश्चर में आने वाले बदलाव में भी सुधार लाया जा सकता है।
जानें इसे करने की विधि
- इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और फिर अपर बॉडी को उपर उठाने का प्रयास करें। इस दौरान गहरी सांस लें।
- पेट की चर्बी कम करने के लिए प्लैंक पोज़िशन लेकर पैरों की उंगलियों के बल पर खड़े हो जाएं। स्पाइन को सीधा रखें।
- कोर मसल्स को मज़बूत बनाने के लिए शरीर की क्षमता के मुताबिक इस मुद्रा में बने रहें।
3. साइड प्लैंक
पेट के आसपास बढ़ने वाली चर्बी को साइड प्लैंक की मदद से दूर किया जा सकता है। मांसपेशियों की मज़बूती के लिए साइंड प्लैंक बेहद कारगर एक्सरसाइज़ है। इसे करने से शरीर का लचीलापन बना रहता है और हड्डियों को भी मज़बूती मिलती है।
जानें इसे करने की विधि
- अपने पूरे शरीर को एक ओर सहारा देते हुए मैट पर लेट जाएं। इस दौरान शरीर को बाजू के सहारे पर टिकाएं।
- दोनों टांगों को आपस में जोड़कर जमीन पर टिकाएं। टांग उपर उठाएं और फिर नीचे की ओर लेकर आएं।
- शरीर की क्षमता के मुताबिक इस इक्सरसाइज़ का अभ्यास करें।
4. स्टेप लंजिस (step lunges)
शरीर में जमा कैलोरीज़ को बर्न करने के लिए स्टेप लंजिस बेहतरीन एक्सरसाइज़ है। इस कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट से ग्लूट्स को फायदा मिलता है। इससे शरीर में फ्लेक्सीबीलिटी बनी रहती है और थकान कम होने लगती है।
जानें इसे करने की विधि
- स्टेप की मदद से की जाने वाली इस आसान एक्सरसाइज़ को करने के लिए दाएं पैर को स्टेप पर टिकाएं रखें।
- इसके बाद बाईं टांग को घुटने से मोड़कर आगे बढ़ने। एक के बाद एक पैर से सीढ़ियों पर चढ़े और फिर नीचे उतर जाएं।
- शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करने से पेट पर जमा फैट्स को कम किया जा सकता है।
5. बॉक्स जंप (Box jump)
वेटलॉस के अलावा शरीर में बढ़ने वाली थकान को दूर करने के लिए बॉक्स जंपिंग की मदद ली जा सकती है। इससे टांगों के मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है और बॉडी ठोन रहती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है।
जानें इसे करने की विधि
- इसे करने के लिए एक कम उंचाई वाला बॉक्स थोड़ी दूर पर रखें और दोनों पैरो को जोड़कर डिब्बे पर छलांग लगाएं।
- अब उछलकर डिब्बे पर सीधे खड़े हो जाएं। इससे घुटनों की मोबिलिटी में सुधार आने लगता है और दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
- हड्डियों की मज़बूती के लिए रोज़ाना इसका अभ्यास करें। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी रहता है।