ईश्वर की साधना को घंटों में न बांधे



हर व्यक्ति का जीवन में तनाव से भरा हुआ है. जीवन में भाग दौड़ बढ़ती जा रही है. समय की कमी के कारण व्यक्ति ने ईश्वर को भी समय सीमा में बाध दिया है. वह सुबह उठ कर स्नान करता है और कुछ देर ईश्वर की साधना के बाद जल्दी-जल्दी में अपने काम में निकल जाता है. ऐसे में उसका मन अस्थिर है उसका चित शांत नहीं है. तो वह अपने लक्ष्य को कैसे पूरा करेंगा.



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