Myopia in Children: आजकल बच्चों में मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन देखने की आदत तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि कम उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग जा रहा है। लगातार स्क्रीन के सामने रहने के चलते कुछ बच्चों में आंखों से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याएं भी होने लगी हैं। इसकी वजह से बच्चों में मायोपिया और भेंगापन जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, यह समस्या अब बच्चों के साथ-साथ बड़ी उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है। आइये आयुर्वेदिक आई स्पेश्लिस्ट डॉ. मनदीप सिंह बासु से जानते हैं इसके बारे में।
क्या ज्यादा गैजेट्स इस्तेमाल करने से मायोपिया होता है?
डॉक्टर के मुताबिक ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल करने का मायोपिया से सीधा संबंध है। अगर बच्चा लगातार या दिनभर में कई घंटों तक स्क्रीन के सामने रहता है तो संभव है कि उसे मायोपिया की समस्या हो सकती है। एक हालिया स्टडी में साबित होता है कि ज्यादा स्क्री का इस्तेमाल करने से टीन्स और छोटे बच्चों में 80 प्रतिशत तक मायोपिया होने का जोखिम रहता है। यही नहीं, ऐसे में कई बार बच्चों में भेंगापन होना या आंखों में टेढ़ापन आने जैसी भी समस्या हो सकती है।
क्या है मायोपिया?
मायोपिया आंखों से जुड़ी एक समस्या है,जो आमतौर पर बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। इस समस्या में आपको पास का तो ठीक से दिखाई देता है, लेकिन दूर की चीजें धुंधली या कम दिखाई देती हैं। ऐसे में कई बार देखने के दौरान सिर में दर्द भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में कई बार आंखों से ज्यादा पानी आने की भी समस्या हो सकती है।
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मायोपिया से बचने के तरीके
- मायोपिया से बचने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन करने की जरूरत है।
- इससे बचने के लिए आपको आंखों का रेगुलर चेकअप कराना चाहिए।
- इसके लिए आपको स्क्रीन के सामने ज्यादा देर तक रहने से बचना चाहिए।
- इसके लिए आंखों पर ज्यादा प्रेशर डालने से बचें, इससे आंखों की मसल्स को नुकसान पहुंच सकता है।