दिव्या की ‘सावी’ Vs आलिया की ‘जिगरा’, क्या सच में दोनों फिल्मों की कहानी हैं एक जैसी? कुछ और ही है असल माजरा


Divya khosala Saavi vs Alia bhatt Jigra - India TV Hindi

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आलिया भट्ट और दिव्या खोसला।

आलिया भट्ट की फिल्म ‘जिगरा’ पिछले शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म की रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई। फिल्म ‘सावी’ की निर्माता और अभिनेता दिव्या खोसला कुमार ने ‘जिगरा’ को कटघरे में खड़ा किया और मेकर्स करण जौहर और आलिया भट्ट पर कई आरोप लगाए। इन आरोपों पर जहां आलिया चुप्पी साध गईं, वहीं करण जौहर ने भी अटपटे तरीके से ही जवाब दिया। ये जवाब दिव्या को खासा पसंद नहीं आए और इसी बीच ही सोशल मीडिया वॉर शुरू हो गई। इंस्टाग्राम से लेकर ट्विटर तक दोनों के फैंस भी आपस में भिड़ गए और हर किसी के एक जैसे ही सवाल थे, ‘क्या जिगरा सावी की कॉपी है?’ ‘क्या जिगरा और सावी में सामानताएं हैं?’ वैसे दोनों ही फिल्मों के मेकर्स ने तो इन दावों पर न कोई सफाई दी और न ही इन सवालों के जवाब दिए। इसलिए हम आपके लिए इसका सही और सटीक जवाब लेकर आए हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि आखिर किसके दावों में कितनी सच्चाई है।

‘सावी’ और ‘जिगरा’ में सामानताएं

हां, ‘सावी’ और ‘जिगरा’ दोनों ही फिल्मों के बीच कुछ समानताएं हैं, लेकिन ये काफी मामुली हैं। दोनों ही फिल्मों के केंद्र में महिला है। फीमेल सेंट्रिक दोनों ही फिल्मों में थीम भी काफी हद तक एक जैसे हैं, जहां दोनों की लीडिंग लेडीज अपने सबसे करीबी को बचाने में लगी हुई हैं। दोनों फिल्मों में महिला अपने करीबी को जेल से मुक्त कराती हैं। ‘सावी’ में एक गृहिणी अपने पति को हाई सिक्योरिटी जेल से मुक्त करने की कोशिश करती है और इसमें जैसे-तैसे सफल भी होती है, जबकि ‘जिगरा’ में आलिया भट्ट का किरदार अपने भाई को बचाने की कोशिश में जुटा नजर आता है। आलिया के किरदार का भाई जेल में है जिसे वहां से निकालने की एक खास योजना बनाई जाती है। जहां ‘सावी’ में दिव्या खोसला कुमार को अनिल कपूर का साथ मिलता है, वहीं आलिया भट्ट को मनोज पावा का साथ मिलता है। 

दोनों में क्या है अलग

इसके अलावा फिल्म में एक भी ऐसे सीन नहीं है जो एक जैसे हों। आलिया और दिव्या खोसला दोनों ही एक सीन में बिखरे बालों के साथ बंदूक ताने जरूर दिख रही हैं, लेकिन जहां आलिया हर एक्शन सीन में काफी कॉन्फिडेंट दिखाई गई हैं। वहीं दिव्या खोसला कुमार को डरा-सहमा और मजबूर दिखाया गया है। दोनों की बहादुरी जाहिर तौर पर मजबूरी से उबरी है, लेकिन दोनों का आत्मविश्वास अलग-अलग है। दोनों ही हीरोइनों का नो मेकअप लुक है, लेकिन जहां दिव्या का ड्रेसिंग स्टाइल पूरी तरह से यूरोपियन है, वहीं आलिया का कोरियन इंस्पायर्ड है। दोनों ही फिल्मों की कहानी इमोशनल हैं, लेकिन कई मायनों में कमजोर पड़ती हैं। 

क्या ‘सावी’ है इस तरह की पहली फिल्म?

हाल में ही दिव्या खोसला ने ‘सावी’ और ‘जिगरा’ की तुलना पर बात की थी और बताया था कि उनकी फिल्म की कहानी सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा से प्रेरित थी। वहीं ‘जिगरा’ से तुलना पर कहा था, ‘हर फिल्म की अपनी यात्रा होती है।’ सावी की निर्देशक और लीड एक्ट्रेस दिव्या खोसला ने स्वीकार किया है कि दोनों फिल्मों की अपनी अलग यात्रा है। उन्होंने इस शैली की पहली फिल्म होने का भी दावा किया, लेकिन क्या उनका ये दावा सही है? भारत में पहले भी ऐसी कई फीमेल सेंट्रिक फिल्में बनी हैं, जहां किसी फीमेल लीड किरदार ने अपने करीबी को बचाया है और अगर दिव्या खोसला जेल ब्रेक पर पहली महिला लीड वाली फिल्म की बात कर रही हैं तो शायद वो बॉबी देओल, मनीषा कोइराया और काजोल की फिल्म ‘गुप्त’ भूल रही हैं। इस फिल्म में बॉबी देओल को मनीषा कोइराया ही जेल से फरार कराती हैं। 

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गुप्त।

कैसे शुरू हुआ विवाद

दोनों फिल्मों के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब दर्शकों ने दोनों के बीच समानताएं देखीं। दिव्या ने आलिया भट्ट पर ‘सावी’ की नकल करने का आरोप लगाया। जिगरा के सह-निर्माता करण जौहर ने एक क्रप्टिक पोस्ट में उनकी बातों का जवाब भी दिया और लिखा, ‘चुप्पी सबसे अच्छी प्रतिक्रिया है।’ इसके बाद दिव्या खोसला भी चुप नहीं बैठी और उन्होंने कई और आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि आलिया फिल्म को चलता हुआ दिखाने के लिए टिकटे खुद खरीदती हैं। 

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गुमराह।

दोनों का प्लॉट है कितना ओरिजनल

वैसे गौर करने वाली बात है कि न तो आलिया की ‘जिगरा’ का प्लॉट पूरी तरह से ओरिजनल है और न ही दिव्या खोसला कुमार की ‘सावी’ का। पहले ‘जिगरा’ की बात करते हैं जो ‘सावी’ से ज्यादा काफी हद तक श्रीदेवी और संदय दत्त की ‘गुमराह’ से प्रभावित हैं। लाख दावों के बाद भी दोनों फिल्मों के प्लॉट दर्शकों को एक जैसे ही लगे। जहां ‘जिगरा’ में आलिया जेल से अपने भाई को निकाल रही हैं, वहीं ‘गुमराह’ में संजय दत्त अपनी बहन को जेल से निकाल रहे हैं। दोनों ही कहानी में एक्शन और जेल ब्रेक के सीन हैं। बस फर्क इतना है कि ‘गुमराह’ में भारतीय पृष्ठभूमि है, वहीं ‘जिगरा’ में कोरिया दिखाया गया है। अब आते हैं ‘सावी’ पर, ये फिल्म भी एक हॉलीवुड और फ्रेंच फिल्म का रीमेक है। साल 2008 में फ्रेंच फिल्म ‘पोर एली’ रिलीज हुई थी। इसका 2010 में अमेरिकी रीमेक बनाया गया, जिसका नाम  ‘द नेक्स्ट थ्री डेज’ है। अब इसी के रीमेक के तौर पर दिव्या की ‘सावी’ तैयार की गई है।

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