आज के समय में किसान फसलों में रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता में कमी होती जा रही है। जिसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ रहा है। इस वजह से उपज बढ़ने की बजाय घटते जा रही है। इसकी मुख्य वजह मिट्टी में ऑर्गेनिक कॉर्बन की मात्रा में कमी होना है। किसान खेत में हरी खाद बनाकर अधिक पैदावार के साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं।
क्या होती है ढैंचा की हरी खाद What is Green Manure of Dhaincha:
वह फसल जो मुख्य रूप से मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ाने और उसमें जैविक पदार्थों की पूर्ति की जाती है, उसे ही हरी खाद कहा जाता है। फसलों के अंकुरण आने की अवस्था में रोटावेटर चलाकर मिट्टी में मिला दिया जाता है, जिससे मिट्टी में अपघटन बढ़ने से उसके जैविक गुणों में विकास होता है और खेत की मिट्टी को पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इसमें मिट्टी को फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश के साथ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी प्राप्त होते हैं।