नई दिल्ली3 घंटे पहले
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दिल्ली के एक ऐप डेवलपर ने जियो हॉटस्टार का डोमेन खरीदने का दावा किया है। लड़के ने https://jiohotstar.com पर एक लेटर पोस्ट किया है। लेटर के जरिए उसने डोमेन देने के बदले रिलायंस से £93,345 (लगभग 94 लाख रुपए) की मांग रखी है।
डेवलपर के मुताबिक, वो रिलायंस को ये डोमेन तब देगा, जब कंपनी उसे आगे की पढ़ाई के लिए फंडिंग करे। डेवलपर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में EMBA की पढ़ाई करने के लिए ट्यूशन फीस के लिए फंड जुटाना चाहता है।
डेवलपर ने बताया कि रिलायंस के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (कॉमर्शियल्स) अंबुजेश यादव ने उनसे संपर्क किया था और डोमेन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया है। रिलायंस ने डोमेन नाम को लेकर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
दैनिक भास्कर ने URL की जांच की तो डेवलपर ने जो डोमेन नेम बताया, उस पर फिलहाल ये दिख रहा है। जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज मैनेजमेंट को संबोधित ऐप डेवलपर का एक लेटर नजर आ रहा है।
ऐप डेवलपर का लेटर हिंदी में ऐप डेवलपर ने अपना नाम बताए बिना लिखा, ‘ मैं दिल्ली में एक ऐप डेवलपर हूं और अपने स्टार्टअप पर काम कर रहा हूं। 2023 की शुरुआत में सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते समय, मुझे एक न्यूज मिली, जिसमें बताया गया था कि डिज्नी + हॉटस्टार IPL के स्ट्रीमिंग लाइसेंस खोने के बाद अपने एक्टिव यूजर्स लगातार खो रहा है और डिज्नी + हॉटस्टार को किसी भारतीय कॉम्पिटिटर के साथ बेचने या मर्ज करने पर विचार कर रहा है।
ये खबर पढ़ने के बाद मेरे मन में आया कि सोनी (Sony) और जी (Zee) के बीच मर्जर की बात चल रही है, इसलिए रिलायंस की ऑनरशिप वाली कंपनी वायाकॉम18 (Viacom 18) डिज्नी + हॉटस्टार को खरीदने वाली एकमात्र बड़ी कंपनी रह जाती है।
मुझे याद आया कि जब जियो ने म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस Saavn का खरीदा था, तो उन्होंने इसे जियो सावन (JioSaavn) में रीब्रांड किया था और डोमेन को Saavn.com से JioSaavn.com में बदल दिया था। इसलिए मुझे लगा कि वो इस डोमेन का नाम Jiohotstar.com रख सकते हैं।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एंटरप्रेन्योरशिप को लेकर एक फुल डिग्री प्रोग्राम है। मेरा ये पढ़ाई करने का सपना था, लेकिन मैं इसे अफोर्ड नहीं कर सकता था। अगर ये मर्जर होता है, तो इससे मेरा कैम्ब्रिज में पढ़ाई का सपना पूरा हो सकेगा।’
डेवलपर ने लोगों से मदद मांगी डेवलपर ने लेटर के ऊपर एक अपडेट डाली है, जिसमें बताया गया कि रिलांयस के एक पदाधिकारी ने उससे संपर्क किया था। लेटर के मुताबिक लड़के ने अपने EMBA प्रोग्राम के लिए कंपनी से ट्यूशन फीस मांगी है, जिसे खारिज कर दिया गया है। लेटर में लिखा है कि कंपनी मामले में कानूनी रास्ता अपनाएगी।
हालांकि, डेवलपर को अब भी उम्मीद है कि उसकी रिक्वेस्ट पर गौर किया जाएगा। उसने यह भी लिखा कि जब जियो-हॉटस्टार का वजूद भी नहीं था, तभी उसने ये डोमेन खरीद लिया था। उसने रिलायंस जैसी कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने में असमर्थता भी जताई। साथ ही लोगों से कहा कि अगर कोई उसे कानूनी मदद मुहैया करवा सके तो वो उसका आभारी रहेगा।
इसी साल फरवरी में मर्जर का एलान हुआ था रिलायंस इंडस्ट्रीज के Viacom 18 और वॉल्ट डिज्नी (Walt Disney) के स्टार इंडिया (Star India) का मर्जर इस साल नवंबर तक पूरा हो सकता है। इस मर्जर का एलान इसी साल फरवरी में किया गया था। डील के तहत वायाकॉम 18 को स्टार इंडिया में मर्ज किया जाएगा। नीता अंबानी नई कंपनी की चेयरपर्सन होंगी। वहीं वॉल्ट डिज्नी के पूर्व एग्जीक्यूटिव उदय शंकर वाइस चेयरपर्सन होंगे।
डील पूरी होने के बाद ये भारतीय मीडिया, मनोरंजन और खेल क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। इसके पास कई भाषाओं में 100 से अधिक चैनल, दो प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म और देश भर में 75 करोड़ का दर्शक आधार होगा। 2025 की शुरुआत में डील पूरी होने की उम्मीद है।
पोस्ट-मनी बेसिस पर इस जॉइंट वेंचर की ट्रांजैक्शन वैल्यू 70,352 करोड़ रुपए आंकी गई है। ट्रांजैक्शन पूरा होने के बाद, नई कंपनी को रिलायंस इंडस्ट्रीज कंट्रोल करेगी और इसमें 11,500 करोड़ रुपए निवेश भी करेगी। इसमें रिलायंस और उसकी सहायक कंपनी वायाकॉम के पास 63.16% की बहुमत हिस्सेदारी होगी, जबकि डिज्नी की 36.84% हिस्सेदारी रहेगी।
नई कंपनी के पास डिज्नी के 30,000 से ज्यादा कंटेंट का लाइसेंस होगा नई कंपनी भारत में एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स कंटेंट के लिए लीडिंग टीवी और डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्मों में से एक होगी। एंटरटेनमेंट चैनल्स जैसे कलर्स, स्टारप्लस, स्टारगोल्ड और स्पोर्ट्स चैनल जैसे स्टार स्पोर्ट्स और स्पोर्ट्स18 एक साथ मिलेंगे। जियो सिनेमा और हॉटस्टार भी एक साथ आ जाएंगे। नई कंपनी के पास डिज्नी के 30,000 से ज्यादा कंटेंट का लाइसेंस भी होगा।
डोमेन क्या होता है? इंटरनेट की दुनिया में डोमेन एक वेबसाइट का पता होता है, जिसका इस्तेमाल वेबसाइट को इंटरनेट तक पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह वेबसाइट का यूनिक आईडेंटिफायर भी होता है, जिससे यूजर वेब ब्राउज करके वेबसाइट तक पहुंचा सकते हैं। डोमेन के दो भाग होते हैं। इसमें एक टॉप-लेवल डोमेन (TLD) और दूसरा सेकेंड-लेवल डोमेन (SLD) होता है।
- TLD – यह डोमेन के सबसे ऊपरी हिस्से को कहता है और यह वेबसाइट के टाइप या संबंधित रिपब्लिक का पता बताता है। जैसे- .com (कॉमर्शियल), .org (संगठन), .net (नेटवर्क), .gov (सरकार) और .edu (शैक्षिक) आदि।
- SLD – यह टॉप-लेवल डोमेन के नीचे आता है और वेबसाइट का स्पेशल नाम होता है। उदाहरण के लिए, bhaskar एक SLD है, जब bhaskar.com की बात होती है।
डोमेन नाम का रजिस्ट्रेशन डोमेन मैनेजर करते हैं डोमेन मैनेजर नए डोमेन नामों का रजिस्ट्रेशन करते हैं। डोमेन को डोमेन नेम सिस्टम (DNS) के जरिए IP एड्रेस में ट्रांसलेट किया जाता है, ताकि कंप्यूटर इंटरनेट पर रिसोर्सेस का पता लगा सकें और उनसे जुड़ सकें। जब आप वेब ब्राउजर में एक डोमेन नाम (domain name) टाइप करते हैं, तो DNS सिस्टम उस नाम को संबंधित IP एड्रेस में बदल देता है, जिससे आप वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं।