देश का कृषि निर्यात 8.8 प्रतिशत घटा, लेकिन बासमती चावल सबसे ज्यादा फायदे में
लाल सागर संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध और चावल, गेहूं, चीनी और प्याज जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं पर लगाए गए घरेलू प्रतिबंधों जैसी वजहों के कारण वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-फरवरी अवधि के दौरान देश का कृषि निर्यात 8.8 प्रतिशत घटकर 43.7 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-फरवरी 2022-23 में निर्यात 47.9 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। भारत के कृषि सकल घरेलू उत्पाद में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, जो 2023-24 में केवल 0.7 प्रतिशत बढ़ी, जो 2022-23 में 4.7 प्रतिशत थी। ET की रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़ों से यह भी पता चला है कि एपीडा बास्केट में 719 अनुसूचित कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष की 11 महीने की अवधि के दौरान 6.85 प्रतिशत घटकर 22.4 बिलियन रह गया, जबकि अप्रैल-फरवरी 2022-23 में यह 24 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
एक अधिकारी ने बताया कि चावल, गेहूं, चीनी और प्याज जैसी वस्तुओं पर प्रतिबंध और निर्यात प्रतिबंध की वजह से पिछले वित्त वर्ष में कृषि निर्यात में करीब 5-6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। हालांकि, 24 प्रमुख वस्तुओं (एपीडा बास्केट में) में से 17 ने इस अवधि के दौरान सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है और इसमें ताजे फल, भैंस का मांस, प्रसंस्कृत सब्जियां, बासमती चावल और केला शामिल हैं।
मूल्य के लिहाज से बासमती चावल का निर्यात अप्रैल-फरवरी 2022-23 में 4.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-फरवरी 2023-24 में 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है।