हालिया ऑडिट रिपोर्ट में बरेली नगर निगम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, नगर निगम ने नियमों का उल्लंघन करते हुए करीब ₹100 करोड़ रुपये का भुगतान “चहेतों” को किया है। इस मामले ने स्थानीय सत्ता और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। #BareillyMunicipalScam #CorruptionExposed #AuditReport
अनियमितताओं का खुलासा
ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि नगर निगम ने कई ठेकेदारों और फर्मों को बिना उचित प्रक्रिया के भुगतान किए। इनमें से कई भुगतान उन कंपनियों को किए गए, जो पहले से ही विवादों में थीं या जिनके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं थे। यह मामला अब जांच के दायरे में है और स्थानीय लोग इसकी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। #FinancialIrregularities #MunicipalCorruption #BareillyNews
ब्लैक लिस्टेड फर्म को टेंडर
रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैक लिस्टेड फर्म परमार कंस्ट्रक्शन को 5.28 करोड़ रुपये का टेंडर दिया गया, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस फर्म को 2020 में बरेली स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के कारण ब्लैक लिस्ट किया गया था। इसके बावजूद, नगर निगम ने इसे टेंडर आवंटित किया, जिससे भ्रष्टाचार के आरोप और गहरे हो गए हैं। #BlacklistedFirm #SmartCityScam #CorruptionInTenders
सियासी घमासान शुरू
इस खुलासे के बाद बरेली में सियासी बवाल शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने सत्ताधारी पार्टी पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। वहीं, सत्ताधारी नेताओं ने इसे विपक्ष की साजिश करार दिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिले। #PoliticalTurmoil #OppositionAttack #BareillyPolitics
जनता में आक्रोश
नगर निगम के इस भ्रष्टाचार के खुलासे से बरेली की जनता में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि उनके टैक्स के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है, जबकि शहर में बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, सफाई और बिजली तक ठीक नहीं हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। #PublicAnger #TaxMisuse #BareillyCitizens