PMS आम तौर पर पीरियड्स के पहले होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। हालांकि, इन पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना मुमकिन नहीं है, परंतु यदि कोशिश की जाए तो आप इसके लक्षणों के प्रभाव को कम कर सकती हैं।
प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम यानी की पीएमएस (pre menstrual syndrome) की स्थिति में महिलाओं में पीरियड्स आने के कुछ दिनों पहले से कुछ शारीरिक लक्षण नजर आना शुरू हो जाते हैं। इस स्थिति में मूड स्विंग्स (mood swings), अनहेल्दी क्रेविंग्स, इरिटेशन, थकान और डिप्रेशन (depression) जैसे लक्षण नजर आते हैं। यह बेहद आम है और चार मेंस्ट्रूअटिंग महिलाओं में से तीन इससे प्रभावित होती हैं। ऐसा आम तौर पर पीरियड्स के पहले होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। हालांकि, इन पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना मुमकिन नहीं है, परंतु यदि कोशिश की जाए तो आप इसके लक्षणों (How to control pms naturally) के प्रभाव को कम कर सकती हैं।
यदि आप भी PMS से परेशान रहती हैं, और इस पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ प्रभावी उपाय की तलाश में हैं, तो अब आपका इंतजार खत्म हुआ। होम्योपैथी डॉक्टर और न्यूट्रीशनिस्ट डॉक्टर स्मिता भोर पटेल ने प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम को नियंत्रित करने के कुछ प्राकृतिक तरीके सुझाए हैं, तो चलिए जानते हैं पीएमएस को किस तरह नियंत्रित (How to control pms naturally) किया जा सकता है।
यहां हैं प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम को नियंत्रित करने के कुछ प्रभावी प्राकृतिक तरीके (Home remedies to control PMS naturally)
1. कॉड लिवर ऑयल (cod liver oil)
पब मेड सेंट्रल की माने तो कॉड लिवर ऑयल ओमेगा-3 और विटामिन डी से भरपूर होता है, जो मूड को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद करता है। आप एक दी में 15 से 20 ml कॉड लिवर ऑयल ले सकती हैं। यह बाजार में सप्लीमेंट्स के तौर पर आसानी से उपलब्ध होता है। PMS में यह आपके बॉडी के इंटरनल सूजन को कम करने में मदद करेगा, इसके साथ ही यह मूड स्विंग्स को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। PMS में मूड स्विंग सबसे कॉमन होता है।
2. योग (yoga)
योग तनाव को दूर करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, जिससे पीएमएस से संबंधित एंजायटी और डिप्रेशन को कम किया जा सकता है। इन रणनीतियों को मिलाकर विभिन्न पीएमएस लक्षणों से राहत मिल सकती है।
चाइल्ड पोज, फिश पोज, ब्रिज पोज, कैट पोज, कैमल पोज, आदि जैसे योगासनों का अभ्यास आपको प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम के लक्षणों पर नियंत्रण पाने में मदद करता है। साथ ही साथ पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैंप्स को भी मैनेज करता है। हालांकि, इस दौरान हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।
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3. अदरक (ginger)
अदरक में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पीएमएस के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं, इस प्रकार यह ऐंठन और बेचैनी को कम कर सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार अदरक का सेवन सूजन को कम कर देता है, जिससे कि ब्लोटिंग, क्रैंप्स आदि जैसी समस्याएं नियंत्रित रहती हैं।
साथ ही साथ यह मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। आप अदरक को अपने नियमित व्यंजनों में ऐड करने के साथ ही इसकी गर्म चाय ले सकती हैं। इसके अलावा अदरक को क्रश करके इसका जूस निकले और उसमें शहद मिलाकर लेने से भी फायदे मिलेंगे।
4. डार्क चॉकलेट (dark chocolate)
एक्सपर्ट के अनुसार “डार्क चॉकलेट में मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है, जो मूड स्विंग और क्रिविंग्स को कम करने में मदद करती हैं। चॉकलेट में मौजूद कोक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी (anti inflammatory) जैसे गुणों से भरपूर होता है, इस प्रकार यह सूजन को काम करता है और क्रैंप्स से राहत प्रदान करता है।
इतना ही नहीं यह पीएमएस और पीरियड्स के दौरान आपकी बॉडी में ऊर्जा शक्ति को बढ़ा देता है, जिससे की आप एक्टिव रहती हैं।”
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