साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस सिस्टम को ‘रेल गन’ (rail gun) कहा जाता है। सिस्टम का डिजाइन तैयार है। इसकी मदद से हाइपरसोनिक विमान को मैक 1.6 तक की स्पीड तक ले जाया जा सकता है, जिससे ऑब्जेक्ट को स्पेस में भेजने का टार्गेट पूरा किया जा सकता है।
दिलचस्प यह है कि चीन इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाला पहला देश नहीं है। साल 1990 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने इस पर काम शुरू किया था। लेकिन फंडिंग में कमी और तकनीकी चुनौतियों के कारण प्रोजेक्ट को बीच में ही बंद कर दिया गया।
बाद में अमेरिकी सेना ने एयरक्राफ्ट कैरियर्स से विमानों को लॉन्च करने के लिए कम स्पीड वाले विद्युत चुंबकीय लॉन्च ट्रैक डेवलप किए। यह शुरुआती कोशिश थी, जिसमें तकनीकी समस्याएं आती रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना ने विद्युत चुंबकीय लॉन्च पैड तैयार करने की ज्यादातर कोशिशें बंद कर दी हैं, लेकिन चीन इस दिशा में लगातार काम कर रहा है।
अबतक किए गए टेस्टों में चीनी वैज्ञानिकों को पता चला है कि रॉकेट के फर्स्ट स्टेज की जरूरत को खत्म करने के लिए उन्हें एयरक्राफ्ट की स्पीड को तेज करने की जरूरत है। अगर वैज्ञानिक अपनी कोशिश में कामयाब हो जाते हैं तो स्पेसक्राफ्ट को कम फ्यूल के साथ स्पेस में पहुंचाया जा सकेगा। इससे पैसों की काफी बचत होगी।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।