Khushkhabri with IVF: जैसा कि अक्सर डॉक्टरों को आपने कहते सुना होगा कि महिलाओं के लिए कंसीव करने की सबसे सही उम्र 20 से 30 साल के बीच की होती है। इसका मतलब यह नहीं है कि इस उम्र के महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं। हां, उन्हें कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे इंफर्टिलिटी का प्रभावित होना, गर्भावस्था में समस्याओं का सामना करना आदि। ठीक इसी तहर, डॉक्टर्स महिलाओं को यह भी सलाह देते हैं कि अग वे नेचुरल कंसीव नहीं कर सकती हैं, तो कम उम्र में ही आईवीएफ प्रक्रिया की मदद से गर्भधारण कर लें। लेकिन, कई बार स्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि महिलाओं को आईवीएफ प्रक्रिया की मदद लेने में काफी उम्र बीत जाती है। लेकिन, आपको बता दें कि अधिक उम्र में आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए, डॉक्टर से जानते हैं कि अधिक उम्र में आईवीएफ करने से महिलाओं को किस तरह की परेशानी होती है।
आईवीएफ को लेकर महिलाओं के मन में कई तह के सवाल और डर होते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में आपको IVF से जुड़े तमाम विषयों पर आलेख मिल जाएंगे। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि अगर अधिक उम्र में IVF ट्रीटमेंट करवा रही हैं तो किस तरह की चुनौतियां आ सकती हैं और ऐसे में आप किस तरह की सावधानियां बरत सकती हैं। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। अगर आप भी IVF के जरिये प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रही हैं, तो डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझाव को फॉलो करें और एक्सपर्ट से मिलकर उनकी राय लेना न भूलें।
एग फर्टिलाइजेशन में दिक्कत
विशेषज्ञों की मानें, तो जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है महिलाओं की एग क्वालिटी गिर जाती है। ऐसा ही पुरुषों के साथ भी देखने को मिलता है। यानी उनकी स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी प्रभावित होने लगती है। यही कारण है कि आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान अक्सर अधिक उम्र की महिलाओं को एग फर्टिलाइजेशन में दिक्कत आती है। यह आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता दर को भी कम करती है।
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जेनेटिक असामान्यताएं का जोखिम
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उम्र बढ़ने के साथ एग्स में क्रोमोसोनल संबंधी असामान्यताएं होने की संभावना दर बढ़ जाती है। ऐसे में मिसकैरेज होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। यही नहीं, अधिक उम्र में कंसीव करने से बच्चे में जन्मजात बीमारियों का रिस्क भी अधिक होता है। हालांकि, ऐसा किसी के साथ न हो, इसके लिए डॉक्टर्स एंब्रेयो को प्रीइंप्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग के जरिए जेनेटिक एब्नॉर्मलिटीज के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
हार्मोनल बदलाव
अधिक उम्र में अक्सर महिलाओं का शरीर कमजोर होने लगता है। ऐसे में अगर वे आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए मां बनने की कोशिश करती हैं, तो उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें से एक है, हार्मोनल बदलाव। अगर हार्मोनल बदलाव ऐसे हुए हैं, जो कंसीव करने और एग फर्टिलाइजेशन में दिक्कतें पैदा करते हैं, तो ऐसे मे महिला के गर्भवती होना चैलेंजिंग हो सकता है। यहां तक कि हार्मोनल अस्थिरता के कारण कई बार महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी कई परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।
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मिसकैरेज का जोखिम
इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता है कि कम उम्र में महिलाएं न सिर्फ फटाईल होती हैं, बल्कि उनके लिए प्रेग्नेंसी का सफर भी आसान हो जाता है। यहां तक कि आईवीएफ के जरिए कंसीव करने के बाद भी कम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि अधिक उम्र में मिसकैरेज का जोखिम भी अधिक रहता है। ऐसा न सिर्फ आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं के साथ है, बल्कि उनके साथ भी है, जिन्होंने नेचुरल कंसीव किया है।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
अगर महिला को पहले से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं, तो उनके लिए अधिक उम्र में कंसीव करना और भी चुनौतिपूर्ण हो सकता है। अधिक उम्र और पहले से ही किसी मेडिकल कंडीशन से ग्रस्त होने के कारण गर्भ में बच्चे का विकास बाधित हो सकता है, प्रीमेच्योर डिलीवरी हो सकती है या बच्चे को किसी तरह की जन्मजात बीमारी भी हो सकती है। यही नहीं, बच्चे का मानसिक-शारीरिक विकास भी रुक सकता है। ऐसे में आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान महिला को और भी सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
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अधिक उम्र में आईवीएफ की संभावना दर कैसे बढ़ाएं?
- डोनर एग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- आईवीएफ प्रक्रिया से पहले अपनी हेल्थ पर विशेष ध्यान दें और जरूरी टेस्ट करवाएं।
- प्रीइंप्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग जरूर करवाएं। इससे होने वाले बच्चे को बीमारियों के जोखिम से बचाया जा सकता है।
- आईवीएफ प्रक्रिया से पहले किसी एक्सपर्ट से मिलें और इस संबंध में पूरी जानकारी लें।
अधिक उम्र में आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान बरतें जरूरी सावधानियां
अधिक उम्र में आईवीएफ प्रक्रिया करवाने की सोच रही हैं, तो यहां बताई गई सावधानियां जरूर बरतें-
- जीवनशैली में हेल्दी आदतों को अपनाएं।
- अनहेल्दी चीजों को खाने से बचें।
- उम्र ज्यादा है, तो आईवीएफ के लिए किसी डोनर की मदद ली जा सकती है।
- अपने सोने-जगने का पैटर्न सुधारें।
- किसी भी तरह के केमिकल से दूर रहें। केमिकल्स आईवीएफ प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं।
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