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नई दिल्ली43 मिनट पहले
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एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू होती है, तो इसके चलते कंपनी के हजारों कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही कंपनी की सर्विसेज भी पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बायजूस के फाउंडर और CEO बायजू रवीन्द्रन ने कोर्ट फाइलिंग में यह बातें कही हैं।
3 दिन पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए BCCI की याचिका स्वीकार कर ली थी। अब इस मामले में NCLT ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बायजूस की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं और इसके बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है। ये मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और BCCI के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है।
रवीन्द्रन ने कोर्ट से दिवालिया कार्रवाई को रद्द करने की मांग की
बायजू रवीन्द्रन ने दिवालिया कार्रवाई को रद्द करने की मांग करते हुए कोर्ट में अपील दायर की है। अपील में कहा गया है कि इस दिवालिया कार्रवाई के चलते वे वेंडर्स जो कंपनी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के रखरखाव के लिए अहम सेवाएं मुहैया कराते हैं, उन्हें डिफॉल्ट घोषित कर दिया जाएगा। इससे कंपनी की सर्विसेज पूरी तरह बंद हो जाएंगी और कारोबार पूरी तरह से ठप हो जाएगा।
कोर्ट सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा
रवीन्द्रन के वकील ने कर्नाटक हाईकोर्ट में 452-पन्नों की अपील दायर की है। हालांकि, अभी तक यह कागज पब्लिक नहीं हुए हैं। कोर्ट सोमवार (22 जुलाई) को इस मामले की सुनवाई करेगा। डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है कि रवीन्द्रन 90 दिनों के अंदर BCCI को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। बायजूस के पास फिलहाल करीब 27,000 कर्मचारी हैं, जिनमें 16,000 टीचर्स शामिल हैं।
BCCI ने 158 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पिछले साल याचिका दायर की थी। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होनी है। हालांकि, खबर मिली है कि बायजूस मामला सुलझाने के लिए BCCI से बात कर रहा है।
बायजूस ने BCCI को नहीं दिए कॉन्टैक्ट के ₹158.9 करोड़
पिछले साल जनवरी में बायजूस ने BCCI को 143 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भुनाने की अनुमति दी थी। वर्तमान में बायजूस पर बकाया राशि 158.9 करोड़ रुपए है। BCCI की ओर से 8 सितंबर 2023 को दायर किया गया मामला 28 नवंबर को सुनवाई के लिए आया था।
NCLT ने कहा- ई-मेल ट्रेल से बायजूस का डिफॉल्ट जाहिर
NCLT की बेंगलुरु बेंच ने याचिका मंजूर करते हुए कहा था कि BCCI और बायजूस के बीच ई-मेल ट्रेल से यह साफ है कि थिंक एंड लर्न ने डिफॉल्ट किया है। बेंच ने पंकज श्रीवास्तव को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया है। उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर क्रेडिटर्स की एक कमेटी बनानी होगी।
पहली बार 21 अगस्त 2022 को डिफॉल्ट किया था
आदेश में दी गई जानकारी के अनुसार, थिंक एंड लर्न ने इंडियन क्रिकेट टीम के कई इंटरनेशनल टूर और सीरीज के बाद BCCI की ओर से भेजे किए गए कुल 12 इनवॉइस (बिल) पर डिफॉल्ट किया। BCCI ने बताया कि बायजूस ने पहली बार 21 अगस्त 2022 को डिफॉल्ट किया था।
कंपनी का कंट्रोल मौजूदा मैनेजमेंट से क्रेडिटर्स को मिलेगा
इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के मुताबिक, कंपनी का कंट्रोल अब मौजूदा मैनेजमेंट से क्रेडिटर्स (जिनका पैसा बकाया है) को मिलेगा। वहीं, कंपनी के कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में रहने के दौरान बायजूस के कोई भी एसेट ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे।
आदेश के खिलाफ NCLAT में अपील कर सकती है कंपनी
कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन या बोर्ड का कोई भी सदस्य इस आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। ये भी बता दें कि पहली ही सुनवाई में NCLT ने बायजूस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस का 4,115 करोड़ रुपए का निवेश डूबा
बीते दिनों इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस ने बायजूस में अपने निवेश को राइटऑफ कर लिया था। यानी निवेशक ने मान लिया था कि बायजूस में उसका करीब 4,115 करोड़ रुपए का निवेश डूब गया। एडटेक कंपनी में उसकी 9.6% हिस्सेदारी थी। इन्वेस्टर ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी थी।