प्यूबिक एरिया डार्कनेस बढ़ने का कारण,- Pubic area darkness badhne ka karan


इंटीमेट एरिया या प्यूबिक एरिया डार्कनेस एक अनसुलझी सी पहेली है। ज्यादातर महिलाएं विशेषकर किशोर उम्र की लड़कियां इसके रंग में बदलाव करना चाहती हैं। मगर यह नहीं जानती कि प्यूबिक एरिया में डार्कनेस दिन ब दिन बढ़ती क्यों जा रही है।

उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में एक एक कर कई परिवर्तन आने लगते हैं। शरीर में हार्मोन परिवर्तन और अनियमित लाइफस्टाइल कई शारीरिक समस्याओं का कारण बनने लगते है। कई प्रकार के अन्य बदलावों के समान योनि के रंग में भी परिवर्तन महसूस होने लगता है। वेजाइना एरिया का रंग गहरा होने लगता है, जो महिलाओं की चिंता का कारण बनने लगता है। जानते हैं योनि के कालेपन (Pubic area darkening) का कारण और इस समस्या को दूर करने के उपाय भी।

प्यूबिक एरिया डार्कनेस कैसे बढ़ती है (Pubic area darkness)

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार महिला सेक्स हार्मोन यानि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में प्यूबर्टी, पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान बदलाव आने लगते हैं। एस्ट्रोजन के स्तर में परिवर्तन आने से मेलेनिन का उत्पादन बढ़ने लगता है। इसके चलते वेजाइना (Pubic area darkening) और निपल्स का रंग गहरा होने लगता है। इस स्थिति को हाईपरपिगमेंटेशन भी कहा जाता है।

इस बारे में मदरहुड हॉस्पिटल्स, ई.सिटी, बेंगलुरु की कंसल्टेंट स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ तेजस्विनी जे का कहना है कि उम्र के साथ योनि के रंग, बनावट और आकार में अंतर आना पूरी तरह से स्वाभाविक है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि योनि का रंग त्वचा के रंग के सामन ही नज़र आए। उम्र के कारण शरीर में हार्मोन का असंतुलन (hormonal imbalance) योनि के रंग में बदलाव का कारण साबित होता है। इसके चलते त्वचा का रंग बदलने के अलावा गहरे रंग के धब्बे या पैच दिखाई देते हैं।

Pubic area darkness kaise badhti hai
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में प्यूबर्टी, पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान बदलाव आने लगते हैं। एस्ट्रोजन के स्तर में परिवर्तन आने से मेलेनिन का उत्पादन बढ़ने लगता है।

प्यूबिक एरिया डार्कनेस बढ़ने का कारण (Causes of Pubic area darkening)

1. रक्त प्रवाह में कमी

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के अनुसार उम्र बढ़ है, आपने के साथ शरीर की फंक्शनिंग में बदलाव आने लगते हैं। इसका असर योनि पर भी दिखता है। रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में गिरावट आने लगती है। इससे वेजाइना के आसपास की स्किन पतली और गहरी नज़र आती है। दरअसल, हार्मोन में आई गिरावट से रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे योनि में सूखापन बढ़ने लगता है।

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2. हार्मोन में आने वाले बदलाव

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन त्वचा के रंग में बदलाव लाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। एस्ट्रोजन का अनियंत्रित स्तर त्वचा में पिगमेंटेशन को बढ़ाता है। इससे स्किन का रंग गहरा होने लगता है। हार्मोन में बढ़ता असंतुलन त्वचा पर काले धब्बे बढ़ने का कारण साबित होता है। इसका असर योनि पर भी दिखने लगता है और वेजाइना का रंग गहराने लगता है।

3. वेजाइनल इंफेक्शन

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार योनि के आसपास संक्रमण बढ़ने से स्किन का कालापन बढ़ने लगता है। इसके अलावा स्पॉटस का सामना करना पड़ता है। वल्वावैजिनाइटिस जैसे संक्रमण वल्वा और योनि में सूजन और संक्रमण का कारण बनते है। इससे त्वचा के रंग में बदलाव आता है। इसके अलावा टाइट कपड़े पहनने से भी स्किन को ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं होती है। इसका असर योनि के रंग पर दिखता है।

4. पीसीओएस की समस्या

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानि पीसीओएस उस समस्या को कहते हैं, जब ओवरीज़ पर सिस्ट बनने लगती है। इस समस्या से ग्रस्त लोगों को मुंहासे और वेटगेन के अलावा डार्क वेजाइना का सामना करना पड़ता है। इस दौरान शरीर में मेल हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाना वेजाइनल के रंग में बदलाव (Pubic area darkening) का कारण साबित होता है।

पीसीओएस से ग्रस्त लोगों को मुंहासे और वेटगेन के अलावा डार्क वेजाइना का सामना करना पड़ता है। चित्र : शटरस्टॉक

5. शेविंग क्रीम और अन्य प्रोडक का अत्यधिक इस्तेमाल

प्यूबिक हेयर रिमूवल क्रीम का अत्यधिक इस्तेमाल त्वचा के रंग को प्रभावित (Pubic area darkening) करता है। इससे योनि के नज़दीक रंग में बदलाव नज़र आता है। इसके अलावा खुशबूदार वेजाइनल वॉश, पैड्स और अन्य प्रोडक्टस से स्किन इचिंग बढ़ने लगती है, जिससे त्वचा ड्राई होने लगती है। वेजाइनल फ्रिक्शन से स्किन के रंग और टेक्सचर में बदलाव आता है।

वेजाइना को डार्क्नेस से बचाने के लिए किन टिप्स की लें मदद (Tips to deal with Pubic area darkening)

1. खुशबूदार प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें

वेजाइना पर किसी भी खुशबूदार प्रोडक्ट के इस्तेमाल से बचें। इससे योनि का पीएच स्तर असंतुलित होने लगता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार वेजाइना केरंग में बढ़ने वाले बदलाव को रोकने के लिए उन मासिक धर्म उत्पादों का उपयोग करने से बचना चाहिए, जिनमें डिओडोरेंट या प्लास्टिक कोटिंग मौजूद होती है।

2. इंटिमेट हाइजीन का रखें ख्याल

वेजाइना के आसपास जमा होने वाले इंफेक्शन और पसीने को दूर करने के लिए दिनभर में दो बार वेजाइना की क्लीनिंग करें। इसके लिए उन क्लींजर्स का इस्तेमाल करें, जिससे वेजाइना की पीएच स्तस उचित बना रहे। इसके अलावा एसिडिक प्रोडक्टस की जगह नेचुरल प्रोडक्टस का प्रयोग करें।

3. ब्रीदेबल कपड़े पहनें

दिनभर टाइट अंडरगारमेंटस और कपड़ों के चलते वेजाइना के आसपास स्वैटिंग बढ़ जाती है। ऐसे में ब्रीथएबल और कॉटन के कपड़े पहनें। इससे वेजाइना का स्वास्थ्य उचित बना रहता है। इससे संक्रमण फैलने का जोखिम कम होने लगता है।

4. स्किन को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज़ रखें

स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे त्वचा हाइड्रेट रहती है और किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव हो जाता है। इसके अलावा त्वचा को मॉइश्चराइज़ रखने का प्रयास करें। डर्माटोलॉजिस्ट की सलाह से लाइट मॉइश्चराइज़र का नियमित रूप से इस्तेमाल करें।

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