वॉक करते समय कमर में दर्द होने के कारण – walk karte samay kamar me dard hone ke kaaran


लंबे समय तक वॉक करने से लोअर बैक यानि की पीठ के नीचले हिस्से में तो कुछ लोगों को रीढ़ की हड्डियों में दर्द महसूस होता है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं (causes of back pain when walking)। ऐसे में इस समस्या को लंबे समय तक नज़रअंदाज न करें।

बहुत से लोगों को चलते समय या ज्यादा देर खड़े होने पर बैक पेन होने लगता है। किसी को लोअर बैक यानि की पीठ के नीचले हिस्से में तो कुछ लोगों को रीढ़ की हड्डियों में दर्द महसूस होता है। इसकी वजह से लोगों के लिए नियमित गतिविधियों को कर पाना मुश्किल हो जाता है। न वे ज्यादा चल पाते हैं और न ही वे कहीं खड़े हो पाते हैं। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं (causes of back pain when walking)।

ऐसे में इस समस्या को लंबे समय तक नज़रअंदाज न करें। इसके कारणों को समझें और बचाव के उपाय अपनाएं (how to relieve back pain)। ऐसी परेशानी को अवॉयड करने से आगे चलकर आपके लिए कुछ सेकंड तक खड़ा रहना भी मुश्किल हो सकता है (how to relieve back pain)।

जानें ज्यादा देर खड़े होने पर या चलते हुए कमर में दर्द होने का कारण (back pain when walking)

1. तनाव (stress)

लंबे समय तक खड़े रहने या चलने से आपकी पीठ के निचले हिस्से पर तनाव पड़ता है। मांसपेशियों में तनाव बढ़ने की वजह से वे सुस्त पड़ जाती हैं, और आपको चलते हुए या अन्य शारीरिक गतिविधियों को करते वक्त दर्द का अनुभव हो सकता है (back pain when walking)।

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बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहती हैं तो इसमें नियमित एक्ससरसाइज और योग आपकी मदद कर सकते हैं. चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. बढ़ता वजन (weight gain)

शरीर के सामान्य वजन से अधिक वजन प्रति किलो आपके जोड़ों पर चार गुना तक अधिक भार डालता है। इसमें फ़ेसेट जोड़ शामिल हैं, जो कशेरुकाओं (vertebrae) के बीच स्थित होते हैं। ये वे जोड़ हैं जो आपकी पीठ को लचीला बनाते हैं जब आपको झुकना या मुड़ना होता है। ऐसे में ओबेसिटी से पीड़ित लोगों के लिए लंबे समय तक चलना या अन्य शारीरिक गतिविधियों को करना मुश्किल हो जाता है, और यह पीठ के दर्द का कारण बनता है।

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3. खराब मुद्रा (bad posture)

यदि आप कुछ देर के लिए गलत मुद्रा में बैठी हैं, या खड़ी हैं तो इसका कोई खास असर नहीं होता, परंतु सालों तक ऐसा करने से आपकी रीढ़ की शारीरिक रचना प्रभावित हो सकती है। गलत मुद्रा में रहने से डिस्क, जॉइंट, मसल्स, लिगामेंट, ब्लड वेसल्स और नर्व पर तनाव बढ़ता है, जिसकी वजह से दर्द का अनुभव हो सकता है।

4. इनएक्टिव लाइफस्टाइल (inactive lifestyle)

इनएक्टिव रहने से डिसयूज सिंड्रोम नामक स्थिति पैदा होती है। यदि आप लंबे समय से सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल को फॉलो करती चली आ रही हैं, तो इस प्रकार आपकी मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम खराब हो सकती है। परिणामस्वरूप, क्रॉनिक बैक पेन सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में विशेष रूप से लंबे समय तक चलने के बाद या किसी भी छोटी-मोटी शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने पर भी कमर दर्द होना शुरू हो जाता है।

चलने के बाद कमर दर्द परेशान करता है, तो इस खास घरेलू नुस्खे से अस्थाई रूप से राहत प्राप्त कर सकती हैं:

अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए शारीरिक उपचार अभ्यासों के अलावा, एक बार में 15 मिनट के लिए हीट थेरेपी अप्लाई करें। यह ब्लड फ्लो को बढ़ा देगा और मांसपेशियों को आराम पहुंचाएगा। आइस बैग और हीटिंग पैक तीव्र पीठ दर्द के लिए उत्कृष्ट उपचार हैं, हालांकि वे अन्य उपचारों की तुलना में अल्पकालिक राहत प्रदान करते हैं।

लंबे समय तक बैठना कमर के दर्द को बढ़ा देता है. चित्र : अडोबी स्टॉक

हीट थेरेपी आपकी पीठ के निचले हिस्से में ब्लड फ्लो और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है। जिससे आपकी मांसपेशियां ढीली हो जाती है और इस प्रकार आपका ब्लूड वेसल्स फैलता है। इससे पोषक तत्वों से भरपूर रक्त इन क्षेत्रों में प्रवाहित होता है, जिससे किसी भी दबी हुई मांसपेशियों या नसों को राहत मिलती है, और डैमेज टिशु को रिपेयर होने में भी मदद मिलती है।

अब जानें कमर का दर्द कम करने के उपाय (how to relieve back pain)

1. एक समय में लंबी दूरी तय करने से बचें

यदि आपको चलने के बाद दर्द महसूस होता है, तो एक बार में लंबी दूरी तय न करें। आप चाहे तो दिन में दो से तीन बार वॉक कर सकती हैं। परंतु एक बार में इतना ही चले जीतने में आपको दर्द न हो। कई बार हम अपनी आवश्यकता से अधिक वॉकिंग करते हैं, जिसकी वजह से भी बॉडी में टेंशन बढ़ता है, और मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है।

2. चलते समय सही और सुरक्षित जूते पहने

कई जूते ऐसे होते हैं, जो पैरों को पूरी तरह से सहारा नहीं देते, जिसकी वजह से चलते समय कमर की हड्डियों पर भार पड़ता है। यदि आप भी वॉक पर जाती हैं, तो सही नाप के कंफर्टेबल जूते पहनना न भूले। इस प्रकार आप अपने कमर दर्द को ट्रिगर होने से रोक सकती हैं।

3. एक्सरसाइज और स्ट्रेच

यदि क्रॉनिक बैक पेन की समस्या से परेशान हैं, तो किसी भी एक्सरसाइज योग या अन्य स्ट्रेचिंग को करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि कई बार स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज आपका दर्द बढ़ा देते हैं। पीठ की समस्याएं आपको कुछ प्रकार के व्यायाम करने से रोक सकती हैं, इसलिए इसकी उचित जानकारी होना महत्वपूर्ण है।

हालांकि, सामान्य दर्द महसूस होता है, तो सुबह उठने के साथ बॉडी को अच्छी तरह स्ट्रेच करना न भूले और उसके बाद पूरे दिन में कम से कम 15 मिनट का व्यायाम जरूर करें।

4. अपने बैठने, सोने और खड़े होने की मुद्रा का ध्यान रखें

सीधे खड़े होने या चलने के दौरान अपने कंधों को नीचे झुकाने से बचें। अपनी छाती को आगे और अपने कंधों को पीछे रखते हुए जितना हो सके उतना लंबा खड़े हों और चलते समय अपने शरीर का भार अपनी एड़ियों पर डालें। इस प्रकार चलते समय कमर का दर्द आपको परेशान नहीं करेगा।

अकसर महिलाओं के दर्द को कम करके आंका जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दें

आपके शरीर के जोड़ों द्वारा अतिरिक्त वजन चार गुना अधिक महसूस किया जाता है। इसके अलावा, आपकी पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सरल कार्य करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जैसे कि चलता। इससे न केवल पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है, बल्कि घुटने और टखने में भी दर्द होता है। इसलिए वेट मैनेजमेंट पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। नियमित एक्सरसाइज, शारीरिक गतिविधियों और खान-पान की आदत में सुधार करते हुए, आप अपने शरीर की लंबाई के अनुसार अपना वजन मेंटेन कर सकती हैं।

6. हील वाले स्लीपर न पहने

ऊंची एड़ी के जूते आपके पैरों (और इस प्रकार, आपके शरीर के बाकी हिस्सों) को अप्राकृतिक स्थिति में खड़ा करते हैं। वास्तव में, इस प्रकार के जूते आपकी रीढ़ की वक्रता को बदल देते हैं, जिससे कशेरुकाओं के बीच की डिस्क पर असमान घिसाव उत्पन होता है।

7. पोषक तत्वों पर ध्यान दें

यदि आप उचित मात्रा में भोजन नहीं कर रहे हैं और आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है, तो इस स्थिति में अक्सर किसी भी शारीरिक गतिविधि को करने के बाद कमर के हिस्से में तेज दर्द महसूस होता है। यदि आपको कमर दर्द के साथ कमजोरी महसूस हो रहा है, तो अपनी जांच करवाएं और देखें कि शरीर में किन चीजों की कमी है। उसके बाद स्वास्थ्य एवं संतुलित आहार के माध्यम से अपने शरीर में पोषक तत्वों की गुणवत्ता को बढ़ाएं।

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