Byju’s Crisis: Byju’s और इनवेस्टर्स के बीच चल रहे विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट से फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन को एक बार फिर राहत मिली है। कोर्ट ने 13 मार्च को अपने उस अंतरिम आदेश को 28 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया, जिसमें Byju’s के शेयरधारकों की 23 फरवरी की असाधारण आम बैठक (EGM) के दौरान पारित होने वाले किसी भी प्रस्ताव को प्रभावी नहीं करने के लिए कहा गया था। 23 फरवरी की मीटिंग में Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक XV जैसे कई बड़े निवेशकों ने एडटेक स्टार्टअप के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के पक्ष में मतदान किया था।
हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट का आदेश था कि 13 मार्च की सुनवाई तक EGM में पारित किसी भी प्रस्ताव को लागू न किया जाए। 13 मार्च को एक संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, निवेशकों ने आरोप लगाया कि बायजू ने धोखाधड़ी करके यह अंतरिम आदेश प्राप्त किया था। वहीं रवींद्रन ने आरोप लगाया कि निवेशकों ने झूठी गवाही दी है क्योंकि उस तारीख के संबंध में विसंगतियां हैं, जिस दिन आपत्तियों के बयान के साथ संलग्न हलफनामा (Affidavit) दायर किया गया था।
अदालत ने बायजू को निर्देश दिया कि अगर वह चाहते हैं कि अदालत इस पर संज्ञान ले तो वह अपने आरोप लिखित रूप में दें। निवेशकों की ओर से दायर आपत्तियों पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए बायजू के समय मांगने पर मामले को स्थगित कर दिया गया।
कोर्ट ने नहीं लगाई थी EGM पर रोक
21 फरवरी को, बायजू ने आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट के सेक्शन 9 के तहत एक याचिका दायर की थी और अदालत से अपने शेयरधारकों को 23 फरवरी को ईजीएम बुलाने पर रोक लगाने को कहा था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन निवेशकों से कहा कि वे ईजीएम में पारित किसी भी प्रस्ताव को 13 मार्च तक लागू न करें।
ईजीएम के लिए आवेदन करने वाले निवेशकों में जनरल अटलांटिक, चैन जुकरबर्ग इनीशिएटिव, एमआईएच एडटेक इनवेस्टमेंट्स, ओन वेंचर्स, पीक एक्सवी पार्टनर्स (पूर्व में सिकोइया कैपिटल इंडिया एंड एसईए), एससीआई इनवेस्टमेंट्स, एससीएचएफ पीवी मॉरीशस, सैंड्स कैपिटल ग्लोबल इनोवेशन फंड, सोफिना और टी. रोवे प्राइस एसोसिएट्स शामिल हैं।
फंसा हुआ है राइट्स इश्यू से हासिल पैसा
कुछ निवेशकों ने बायजू के राइट्स इश्यू के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाया। एनसीएलटी ने राइट्स इश्यू पर कोई आदेश पारित नहीं किया है, लेकिन उसने कंपनी से राइट्स इश्यू से हासिल आय को एस्क्रो अकाउंट में रखने को कहा है।